Hindi News
›
India News
›
khabron ke khiladi opposition unity 2024 election nda vs upa pm modi vs rahul gandhi nitish kumar
{"_id":"64845c7810ff0247a30f7d33","slug":"khabron-ke-khiladi-opposition-unity-2024-election-nda-vs-upa-pm-modi-vs-rahul-gandhi-nitish-kumar-2023-06-10","type":"story","status":"publish","title_hn":"Khabron Ke Khiladi: क्या करीब 450 लोकसभा सीटों पर भाजपा के खिलाफ साझा उम्मीदवार उतार सकेंगे विपक्षी दल?","category":{"title":"India News","title_hn":"देश","slug":"india-news"}}
Khabron Ke Khiladi: क्या करीब 450 लोकसभा सीटों पर भाजपा के खिलाफ साझा उम्मीदवार उतार सकेंगे विपक्षी दल?
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: शिव शरण शुक्ला
Updated Sat, 10 Jun 2023 05:05 PM IST
विपक्षी एकता की कोशिशों के बीच भाजपा ने भी अपने पुराने सहयोगियों से बातचीत शुरू कर दी है। विपक्षी एकता के चलते उत्तर भारत में आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा को नुकसान उठाना पड़ सकता है। वहीं, विपक्ष के पास मोदी को सत्ता से हटाने के अलावा मुद्दा नहीं है, साथ ही विपक्ष की कई पार्टियों की विश्वसनीयता भी सवालों के घेरे में है। आइए जानते हैं इस अहम मुद्दे पर विश्लेषकों की राय...
खबरों के खिलाड़ी की नई कड़ी के साथ एक बार फिर हम आपके सामने प्रस्तुत हैं। बीते हफ्ते की प्रमुख खबरों के इस सधे हुए विश्लेषण को अमर उजाला के यूट्यूब चैनल पर लाइव देखा जा सकता है। हफ्ते की बात की जाए तो विपक्षी एकता की खूब चर्चा है। 23 जून को बिहार की राजधानी पटना में विपक्षी नेताओं की अहम बैठक होनी है। विपक्ष एक हो रहा है तो वहीं भाजपा ने भी अपने पुराने सहयोगियों से नजदीकी बढ़ानी शुरू कर दी है। भाजपा के जेडीएस, अकाली दल के साथ गठबंधन पर विचार करने की भी चर्चा है। जैसे-जैसे विपक्षी एकता की कोशिश हो रही है तो भाजपा को भी समझ आ रहा है कि उसे भी साथी चाहिए....इसी अहम मुद्दे पर चर्चा के लिए इस बार हमारे साथ मौजूद रहे वरिष्ठ विश्लेषक विनोद अग्निहोत्री, सुमित अवस्थी, आदेश रावल, संजय राणा, शिवम तिवारी। यहां पढ़िए इनकी चर्चा के कुछ अहम अंश...
सुमित अवस्थी
'पटना में 23 जून को होने वाली विपक्षी एकता की बैठक को लेकर काफी चर्चाएं हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि अगर विपक्षी एकता होती है तो उससे भाजपा को कितना नुकसान होगा? पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 303 सीटों में से 200 से ज्यादा सीटें उत्तर भारत में जीतीं थी लेकिन इस बार अगर विपक्षी एकता हो जाती है तो भाजपा के लिए उत्तर में मुसीबत खड़ी हो सकती है। यही वजह है कि भाजपा दक्षिण में क्षेत्रीय पार्टियों के साथ गठबंधन की चर्चा कर रही है, लेकिन क्या दक्षिण से उत्तर के नुकसान की भरपाई हो सकती है, ये देखना होगा। विपक्षी एकता की चर्चा के बीच पश्चिम बंगाल में अधीर रंजन चौधरी ने टीएमसी कार्यकर्ताओं पर कांग्रेस कार्यकर्ता की हत्या का आरोप लगाया है और मुकदमा भी दर्ज करा रहे हैं। ऐसे में दोनों पार्टियों के बीच केंद्र में कैसे गठबंधन होगा? वहीं भाजपा जिन पार्टियों के साथ गठबंधन की बात कर रही है, उन पर भी भ्रष्टाचार के आरोप हैं। इससे भाजपा की भ्रष्टाचार विरोधी छवि को भी नुकसान हो सकता है। हालांकि जनता के मन में क्या है ये तो जनता ही जानती है और देश की जनता बहुत समझदार है।'
विनोद अग्निहोत्री
'विपक्षी एकता को लेकर पटना में अभी सिर्फ बैठक होनी है। इस बैठक में सीटों के बंटवारे और न्यूनतम साझा कार्यक्रम को लेकर बातचीत हो सकती है। विपक्षी एकता को लेकर नीतीश कुमार की सक्रियता को लेकर सवाल किए जा रहे हैं तो बता दूं कि नीतीश कुमार के साथ राहुल गांधी काफी सहज हैं और राहुल गांधी पूर्व में नीतीश कुमार की तारीफ भी कर चुके हैं। इसलिए नीतीश कुमार विपक्षी एकता की कवायद हवा में नहीं कर रहे हैं बल्कि उन्हें जिम्मेदारी दी गई है। नीतीश कुमार को इसलिए आगे किया गया है क्योंकि अगर कांग्रेस किसी क्षेत्रीय पार्टी को बुलाएगी तो शायद वो ना आएं, लेकिन नीतीश कुमार के साथ ऐसा नहीं है। भाजपा भी इस बात को बखूबी समझ रही है और पार्टी में इसे लेकर बेचैनी भी है।'
आदेश रावल
'राहुल गांधी खुद विपक्षी एकता को लेकर काफी गंभीर हैं। यही वजह है कि अपने अमेरिका दौरे पर होने की वजह से उन्होंने बैठक की तारीख को आगे बढ़ाने की अपील की थी। इसे लेकर लालू प्रसाद यादव से भी बात की गई थी। लालू के कहने पर ही अखिलेश भी राजी हुए हैं। यही वजह है कि पटना में जो बैठक पहले 12 जून को हो रही थी, अब वह 23 जून को होगी। ऐसी खबरें आ रही हैं कि अगर सहमति बनी तो 425-450 लोकसभा सीटों पर भाजपा उम्मीदवारों के सामने एक साझा उम्मीदवार उतारने की तैयारी है। विपक्षी एकता को लेकर कांग्रेस की गंभीरता को इसी बात से समझा जा सकता है कि कांग्रेस कुछ सीटें छोड़ने के लिए भी तैयार हैं। विपक्षी एकता के चलते ही बिहार और महाराष्ट्र में भाजपा फंसी हुई है क्योंकि पिछले लोकसभा चुनाव में बिहार में जदयू और महाराष्ट्र में शिवसेना (उद्धव बाल ठाकरे) भाजपा की सहयोगी पार्टियां थीं लेकिन इस बार दोनों ही पार्टियां विपक्ष में हैं। दोनों राज्यों में 80 से ज्यादा लोकसभा सीटें हैं। ऐसे में भाजपा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।'
संजय राणा
'विपक्षी एकता की बातें हो रही हैं, लेकिन इनमें से कितनी पार्टियां सीट बंटवारे पर सहमत हो पाएंगी, ये बड़ा सवाल है। उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल में कांग्रेस का आज क्या वजूद है, ऐसे में उत्तर प्रदेश में अखिलेश और पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी कांग्रेस को कितनी सीटें देंगे, ये देखना होगा। साथ ही विपक्षी पार्टियों के पास पीएम मोदी को सत्ता से हटाने के अलावा कोई अन्य मुद्दा नहीं है। ऐसे में वह जनता को कैसे अपने साथ जोड़ेंगे, ये भी सोचने वाली बात है।'
शिवम त्यागी
'लोकतंत्र में समग्र सोच लेकर चलनी ही पड़ेगी। देश में धर्म पर नहीं, जाति पर भी ध्रुवीकरण होता है। भाजपा अगर अपने पुराने साथियों से बात कर रही है तो यह अच्छी बात है। जिस विपक्षी एकता की बात की जा रही है, उसमें यह भी देखा जाएगा कि जो अरविंद केजरीवाल भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने की बात करके राजनीति में आए और हमेशा इस मुद्दे पर मुखर रहे हैं, वो भ्रष्टाचार के आरोप में घिरे लालू प्रसाद यादव के साथ कैसे हाथ मिलाएंगे?'
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.
विज्ञापन
विज्ञापन
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
अतिरिक्त ₹50 छूट सालाना सब्सक्रिप्शन पर
Next Article
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।