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Karnataka HC: आय से अधिक संपत्ति मामले में डीके शिवकुमार को राहत, सीबीआई जांच पर रोक बढ़ी

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बेंगलुरु Published by: गुलाम अहमद Updated Sat, 03 Jun 2023 06:49 AM IST
सार

डीके शिवकुमार ने कर्नाटक हाईकोर्ट में दो याचिकाएं दायर की थीं। इनमें एक है 25 सितंबर, 2019 को उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए राज्य सरकार की ओर से सीबीआई को दी गई मंजूरी के खिलाफ और दूसरी में 3 अक्तूबर, 2020 को सीबीआई की ओर से उनके खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी को चुनौती दी गई है।

Karnataka High Court Extends Stay On CBI Inquiry Against DK Shivakumar In Assets Case latest news in hindi
कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार। - फोटो : ANI

विस्तार
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कर्नाटक हाईकोर्ट ने शुक्रवार को आय से अधिक संपत्ति मामले में प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के खिलाफ सीबीआई जांच पर रोक बढ़ा दी। शिवकुमार ने मामले में अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को चुनौती दी है। यह याचिका शुक्रवार को जस्टिस एम नागप्रसन्ना की एकल न्यायाधीश वाली पीठ के समक्ष रखी गई। याचिका पर जस्टिस के नटराजन ने गर्मी की छुट्टी से पहले आंशिक सुनवाई की थी। इस वजह से जस्टिस नागप्रसन्ना ने रजिस्ट्रार को निर्देश दिया है कि वह फाइल को चीफ जस्टिस के समक्ष रखें और उनकी राय लें कि क्या वह उसी याचिका पर सुनवाई जारी रख सकते हैं। अदालत ने पहले दी गई रोक जारी रखी और सुनवाई स्थगित कर दी।



डीके शिवकुमार ने एचसी में दो याचिकाएं दायर की थीं। इनमें एक है 25 सितंबर, 2019 को उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए राज्य सरकार की ओर से सीबीआई को दी गई मंजूरी के खिलाफ और दूसरी में 3 अक्तूबर, 2020 को सीबीआई की ओर से उनके खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी को चुनौती दी गई है। सीबीआई को दी गई मंजूरी को चुनौती देने वाली याचिका को हाईकोर्ट खारिज कर चुका है।


19 बैंकों से धोखाधड़ी में कंपनी और उसके प्रवर्तकों के खिलाफ सीबीआई की कार्रवाई

उधर, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आईएलएंडएफएस ट्रांसपोर्टेशन नेटवर्क लि. (आईटीएनएल) व उसके प्रवर्तकों के खिलाफ 19 बैंकों से 6524 करोड़ रुपये की हेराफेरी का मामला दर्ज किया है। सीबीआई के मुताबिक यह हेराफेरी 2016 से 2018 के बीच हुई। इन बैंकों में पीएनबी, केनरा बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, एसबीआई, एक्सिस बैंक और यस बैंक शामिल हैं।

सीबीआई ने केनरा बैंक की शिकायत पर यह मामला दर्ज किया है। केनरा बैंक के मुताबिक आईटीएनएल ने आम जनता के 6524 करोड़ का गबन किया ओर सभी कर्जदाताओं के साथ धोखाधड़ी की। ये सभी कानून से अच्छी तरह परिचित हैं और खुद को इससे बचाने की हर तरकीब जानते हैं। धोखाधड़ी का खुलासा तब हुआ जब राष्ट्रीय कंपनी विधि अधिकरण (एनसीएलटी)ने 2018 में इस मामले में नया निदेशक मंडल नियुक्त किया था। आईटीएनएल वर्ष 2018 में दिवालिया घोषित किए जाने का आवेदन करने वाली आईएलएंडएफएस लि. की ही एक कंपनी है।
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