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मुंबई पुलिस की साइबर सेल ने एक जॉब रैकेट का भंडाफोड़ किया है। इस मामले में पुणे से चार अफ्रीकी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया। लेकिन साइबर सेल के अधिकारी उस वक्त दंग रह गए, जब उन्होंने आरोपियों के पास से दो लाख ईमेल आईडी और एक लाख से ज्यादा मोबाइल फोन नंबरों का एक डेटाबेस पाया। आरोपी इनका इस्तेमाल ऑनलाइन धोखाधड़ी के लिए करते थे।
गिरफ्तार किए गए चार आरोपियों में दो महिलाएं भी शामिल हैं। ये चारों आरोपी जाम्बिया, युगांडा, नामीबिया और घाना के नागरिक हैं। एक अधिकारी ने बताया कि ये सभी स्टुडेंट वीजा पर भारत आए थे। इनमें से तीन अफ्रीकी वीजा अवधि समाप्त होने के बाद भी यहां रह रहे थे।
पुलिस ने यह जांच तक शुरू की जब एक व्यक्ति ने बांद्रा कुर्ला कॉम्पलेक्स में साइबर सेल से संपर्क किया और दावा किया कि अमेरिका में नौकरी देने के नाम पर जालसाजों ने अप्रैल और जुलाई के बीच उससे 26 लाख रुपये की ठगी की है।
अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने चारों आरोपियों को पुणे में ट्रैक किया, जिनमें से एक ने इंटरनेट का इस्तेमाल करने के लिए अपने वाईफाई राउटर का इस्तेमाल किया था। इन आरोपियों की उम्र 22 से 32 वर्ष के बीच है। अधिकारी ने बताया, जांच में पता चला है कि आरोपियों के पास दो लाख ईमेल आईडी, 1 लाख 4 हजार लोगों के मोबाइल नंबर का डेटाबेस था, जिसका इस्तेमाल वे लोगों को ठगने के लिए करते थे।
पुलिस ने उनसे 13 मोबाइल फोन, 4 लैपटॉप, विभिन्न देशों के पासपोर्ट, तीन इंटरनेट राउटर, विभिन्न बैंकों के 17 चेकबुक, 115 सिम कार्ड, 40 नकली रबर स्टैंप और कम से कम छह अलग-अलग बैंकों में खातों का विवरण भी बरामद किया।
उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 420 (धोखाधड़ी और बेईमानी से संपत्ति की डिलीवरी) और 120-बी (साजिश) के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की है।