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Jammu Kashmir: These weapons of terrorists become a challenge on Amarnath Yatra, security forces are ready
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Jammu Kashmir: अमरनाथ यात्रा पर दहशतगर्दों के ये चार हथियार बने चुनौती, सुरक्षा बलों ने भी की अचूक तैयारी
Jammu Kashmir: सूत्रों के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ यात्रा को लेकर भी सुरक्षा बलों ने अचूक तैयारी की है। सुरक्षा बलों का प्रयास है कि दहशतगर्दों को उनके चारों हथियार चलाने का मौका ही न दिया जाए। अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी बताते हैं, हमें यह मालूम है कि आतंकी संगठनों का 'आईईडी' और 'ड्रोन' हमले पर ज्यादा जोर है...
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Amarnath yatra
- फोटो :
Amar Ujala/Rahul Bisht
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जम्मू-कश्मीर में जून के आखिरी सप्ताह में प्रारंभ होने वाली 'अमरनाथ यात्रा' के लिए सुरक्षा बलों ने कमर कस ली है। हालांकि पाकिस्तान के आतंकी संगठन, यात्रा में बाधा डालने की पूरी कोशिश करेंगे। फिलहाल सुरक्षा एजेंसियों को जो इंटेलिजेंस इनपुट मिल रहे हैं, उनमें दहशतगर्दों के चार 'हथियार' चुनौती बने हुए हैं। इनमें हैंड ग्रेनेड, चिपकने वाला बम, आईईडी और ड्रोन हमला, शामिल है। सुरक्षा बलों ने भी इस बार अपनी रणनीति में थोड़ा बदलाव किया है। शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय में अमरनाथ यात्रा की तैयारियों को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में एक हाई लेवल बैठक बुलाई गई थी। इसमें सुरक्षा व्यवस्था सहित यात्रा से जुड़े दूसरे मुद्दों पर बातचीत हुई है।
गत माह संपन्न हुई जी20 की बैठक के दौरान जम्मू-कश्मीर में अभूतपूर्व सुरक्षा इंतजाम देखने को मिले थे। पुंछ और राजौरी में सैन्य जवानों पर हुए हमले के बाद पाकिस्तान के आतंकी संगठन 'जैश-ए-मोहम्मद' के जेएंडके में सक्रिय प्रॉक्सी विंग 'पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट' (पीएएफएफ) ने जी20 की बैठक के दौरान भी कई हमले करने की चेतावनी दी थी। पीएएफएफ ने अपने बयान में यह भी कहा था कि वे जैसा चाहते हैं, भारतीय सुरक्षा बल उसी जाल में फंस जाते हैं। आतंकी हमले आगे भी जारी रहेंगे। यह अलग बात रही कि भारतीय सुरक्षा बलों की मुस्तैदी से जी20 की बैठक के दौरान घाटी व दूसरे इलाकों में कहीं भी कोई आतंकी हमला नहीं हुआ। उस दौरान घाटी में मार्कोस, एनएसजी और कोबरा कमांडो तैनात किए गए थे।
'आईईडी' और 'ड्रोन' हमले पर ज्यादा जोर
सूत्रों के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ यात्रा को लेकर भी सुरक्षा बलों ने अचूक तैयारी की है। सुरक्षा बलों का प्रयास है कि दहशतगर्दों को उनके चारों हथियार चलाने का मौका ही न दिया जाए। अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी बताते हैं, हमें यह मालूम है कि आतंकी संगठनों का 'आईईडी' और 'ड्रोन' हमले पर ज्यादा जोर है। इससे पहले वे यात्रा पर हैंड ग्रेनेड फेंकने की योजना बनाते रहे हैं। चूंकि अब यात्रा मार्ग और उसके आसपास सुरक्षा बलों की भारी तैनाती के चलते आतंकियों के लिए सीधे तौर पर फायरिंग करना संभव नहीं है, इसलिए वे आईईडी, ड्रोन और वाहनों पर चिपकने वाले बम का इस्तेमाल करने की फिराक में हैं। वाहनों पर चिपकने वाले बम का इस्तेमाल एक दो वर्ष पहले ही शुरू हुआ है। सुरक्षा बलों ने आतंकियों और उनके 'अंडर ग्राउंड वर्कर' को उनके ठिकानों पर ही दबोचने की रणनीति बनाई है।
टारगेट किलिंग को रोकना सुरक्षा बलों की प्राथमिकता
आईएसआई ने जम्मू कश्मीर में अशांति फैलाने के लिए पूरा जोर लगा रखा है। अमरनाथ यात्रा को बाधित करने की नापाक योजना बन रही है। ऐसे अलर्ट मिले हैं कि आईएसआई और पाकिस्तान के आतंकी संगठन मिलकर अमरनाथ यात्रा के मार्ग पर आईईडी व ड्रोन से हमला कर सकते हैं। इसके लिए आईएसआई ने घाटी में मौजूद अपने ओवर ग्राउंड वर्कर को सक्रिय किया है। सुरक्षा बलों ने चिपकने वाले बम से रसद वाहनों को बचाने का प्लान बनाया है। अमरनाथ यात्रा के दौरान टारगेट किलिंग को रोकना सुरक्षा बलों की प्राथमिकता रहेगी। रसद सामग्री वाले स्थानों पर ड्रोन के जरिए नजर रखी जाएगी। यात्रियों के शिविरों पर हमला न हो, इसके लिए त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरा रहेगा। यात्रा में शामिल वाहनों को ऐसे स्कैनर से गुजारा जाए, जहां पर किसी भी संदिग्ध वस्तु की पहचान की जा सकती है। आईईडी का पता लगाने के लिए सुरक्षा बलों की कई टीमों का गठन किया गया है। उपकरणों के अलावा खोजी कुत्ते भी इस काम में सुरक्षा बलों की मदद करेंगे। ड्रोन को मार गिराने के लिए सुरक्षा बलों के शूटर तैनात होंगे। आईईडी का पता लगाने के लिए अनेक जगहों पर तकनीकी उपकरण लगाए जा रहे हैं।
मुखौटे आतंकी संगठनों पर रहेगी खास नजर
अमरनाथ यात्रा के लिए विशेष शिविरों की दूरी घटाई गई है। रोड ओपनिंग पार्टी की संख्या बढ़ाई जा रही है। जम्मू कश्मीर पुलिस की इंटेलिजेंस विंग और सुरक्षाबलों की मदद से ओवर ग्राउंड वर्कर का पता लगाया जा रहा है। मुखौटे आतंकी संगठन जैसे 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (टीआरएफ) और पीएएफएफ की गतिविधियों पर खास नजर रहेगी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि किसी भी सूरत में आतंकियों की बुरी नजर 'अमरनाथ यात्रा' पर न पड़े। यात्रा के लिए वाहन, ठहराव शिविर, रास्ते में लैंड स्लाइडिंग से मार्ग बाधित होना और आतंकियों से यात्रा की पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। उच्चस्तरीय बैठक में जेएंडके के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, केंद्रीय गृह सचिव, आसूचना ब्यूरो के निदेशक, सीमा सुरक्षाबल और केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के महानिदेशक, सीमा सड़क संगठन के महानिदेशक, जम्मू और कश्मीर के मुख्य सचिव, सेना एवं केंद्र व जम्मू कश्मीर प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
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