Hindi News
›
India News
›
Jaishankar says Ties with China cannot progress without peace and tranquillity at border
{"_id":"6481def12feed59787022234","slug":"jaishankar-says-ties-with-china-cannot-progress-without-peace-and-tranquillity-at-border-2023-06-08","type":"story","status":"publish","title_hn":"Jaishankar: 'सीमा पर शांति के बिना रिश्ते नहीं सुधर सकते'; जयशंकर की चीन को दो टूक; राहुल को दिया करारा जवाब","category":{"title":"India News","title_hn":"देश","slug":"india-news"}}
Jaishankar: 'सीमा पर शांति के बिना रिश्ते नहीं सुधर सकते'; जयशंकर की चीन को दो टूक; राहुल को दिया करारा जवाब
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: शिव शरण शुक्ला
Updated Thu, 08 Jun 2023 08:30 PM IST
विदेश मंत्री ने राहुल गांधी के चीन द्वारा भारतीय भूमि पर कब्जे के आरोपों का भी जवाब दिया। विदेश मंत्री ने कहा कि यह चीन द्वारा भारतीय भूमि पर कब्जे के संबंध में नहीं है। यह सैनिकों की अग्रिम तैनाती के बारे में है।
S Jaishankar
- फोटो : Social Media
Link Copied
विस्तार
Follow Us
पूर्वी लद्दाख में चीन से जारी तनाव को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने करारा जवाब दिया है। उन्होंने गुरुवार को चीन को साफ संदेश देते हुए कहा कि चीन के साथ संबंध सामान्य होने की कोई भी उम्मीद तब तक निराधार है जब तक पूर्वी लद्दाख में सीमा पर स्थिति सामान्य नहीं होती है। उन्होंने कहा कि भारत भी चीन के साथ संबंध सुधारना चाहता है, लेकिन यह तभी संभव हो सकता है, जब सीमावर्ती इलाकों में अमन-चैन हो। जब तक ऐसा नहीं होता है, तब तक दोनों देशों के संबंध आगे नहीं बढ़ सकते।
विदेश मंत्री मोदी सरकार के नौ साल पूरे होने के मौके पर प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल में सभी प्रमुख देशों के साथ संबंध मजबूत हुए हैं। चाहे रूस हो, अमेरिका हो या फिर ब्रिटेन, जर्मनी, जापान अथवा खाड़ी देश और आसियान, सभी के साथ रिश्ते आगे बढ़े हैं। बस 2020 में समझौतों का उल्लंघन कर अपनी सेना को अग्रिम मोर्चे पर भेजने वाले चीन के साथ रिश्तों में कड़वाहट बढ़ी है।
सीमा पर जारी गतिरोध चीन के भी हित में नहीं- जयशंकर
विदेश मंत्री ने उत्तरी सीमा को लेकर भारत के नजरिये और चीन के बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव पर उसके विरोध के संदर्भ में कहा कि भारत किसी तरह की दादागीरी या उकसावे वाली कार्रवाई से प्रभावित नहीं होता है। इस दौरान उन्होंने पूर्वी लद्दाख में सीमा पर सैनिकों की तैनाती को लेकर भी उन्होंने चीन पर हमला बोला। विदेश मंत्री ने कहा कि दोनों पक्षों को सैनिकों की वापसी के तरीके खोजने होंगे। सीमा पर जारी यह गतिरोध चीन के हित में भी नहीं है।
राहुल गांधी के आरोपों पर दिया जवाब
चीन के साथ रिश्तों को लेकर लगी सवालों की झड़ी के बीच उन्होंने कहा, ये सच है कि संबंध प्रभावित होते हैं और प्रभावित होते रहेंगे। उन्होंने राहुल गांधी के चीन द्वारा भारतीय भूमि पर कब्जे के आरोपों का भी जवाब दिया। विदेश मंत्री ने कहा कि यह चीन द्वारा भारतीय भूमि पर कब्जे के संबंध में नहीं है। यह सैनिकों की अग्रिम तैनाती के बारे में है। कांग्रेस नेता बहुत कुछ कहते हैं। उन्होंने (राहुल) पैंगोंग त्सो झील पर चीन द्वारा बनाए जा रहे एक पुल का उल्लेख किया, लेकिन वह 1962 में चीन द्वारा कब्जा किए गए क्षेत्र पर था। चीन ने 1950 के दशक से भारत के क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया था। 2020 में हमें अग्रिम स्थानों पर सैनिकों की तैनाती करनी पड़ी, जिसके कारण तनाव है।
हमने गलवां विवाद से पहले भी चीन को किया था आगाह
उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि दोनों देशों के बीच संचार टूट गया है। मुद्दा यह है कि चीन के साथ, गलवां होने से पहले भी, हमने कई बार चीनियों से बात की थी। हमने उन्हें उनके सैनिकों की आवाजाही को लेकर आगाह भी किया था। जयशंकर ने कहा कि गलवां घाटी में विवाद से पहले, मैंने अपने (चीनी) समकक्ष से बात की थी।
अगर कोई समझौता हुआ तो उसका पालन किया जाना चाहिए
जयशंकर ने कहा, 'हम चीन के साथ संबंध सुधारना चाहते हैं। लेकिन यह तभी संभव होगा जब सीमावर्ती इलाकों में शांति और अमन-चैन हो और अगर कोई समझौता है तो उसका पालन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष विवाद को सुलझाने के लिए बातचीत कर रहे हैं। गलवां में गतिरोध के बाद से दोनों पक्ष कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर बातचीत कर रहे हैं। उन्होंने गलवां घाटी में हुए गतिरोध के बाद उपजी स्थिति को बेहद जटिल बताया।
विज्ञापन
इस दौरान विदेश मंत्री ने कहा कि चीन को छोड़कर सभी प्रमुख देशों और प्रमुख समूहों के साथ भारत के संबंध प्रगाढ़ हैं। चीन ने जानबूझकर किसी कारण से 2020 में सीमावर्ती क्षेत्रों में सेना को स्थानांतरित करने के लिए समझौते को तोड़ दिया था और हमें मजबूर करने की कोशिश की।
पैंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक झड़प के बाद पूर्वी लद्दाख सीमा पर गतिरोध बढ़ गया था। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच, सैन्य और कूटनीतिक वार्ता की एक श्रृंखला चली। इसके परिणामस्वरूप, दोनों पक्षों ने 2021 में पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण किनारे और गोगरा क्षेत्र में डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया पूरी की थी।
विज्ञापन
विज्ञापन
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.
विज्ञापन
विज्ञापन
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
अतिरिक्त ₹50 छूट सालाना सब्सक्रिप्शन पर
Next Article
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।