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महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस गुरुवार को एकनाथ शिंदे सरकार में उप मुख्यमंत्री बने। देवेंद्र फडणवीस ही ऐसे पूर्व मुख्यमंत्री नहीं जो पहले सीएम बाद में डिप्टी सीएम बने हों। इससे पहले पंजाब से लेकर तमिलनाडु तक ऐसे कई उदाहण हैं। आइए जानते हैं ऐसे ही नेताओं के बारे में…
1. ओ पनीरसेल्वम
तमिलनाडु के तीन बार के मुख्यमंत्री पनीरसेल्वम 2017 में पलानीसामी सरकार में डिप्टी सीएम बनाए गए थे। पनीरसेल्वम ने 2017 से 2021 तक डिप्टी सीएम की जिम्मेदारी संभाली। इससे पहले सितंबर 2001 में पनीरसेल्वम पहली बार मुख्यमंत्री बने थे। दरअसल, एआईएडीएमके की नेता जे जयललिता को सुप्रीम कोर्ट फैसले की वजह से मुख्यमंत्री पद से हटना पड़ा था। जयललिता ने अपनी जगह ओ पनीरसेल्वम को मुख्यमंत्री का पद सौंपा था।
मद्रास हाईकोर्ट से जयललिता को राहत मिलने पर पनीरसेल्वम ने इस्तीफा दे दिया। जयललिता फिर से मुख्यमंत्री बनीं। पनीरसेल्वम जयललिता सरकार में लोक निर्माण और आबकारी विभाग मंत्री बनाए गए।
सितंबर 2014 में जयललिता के आय से अधिक मामले में जेल जाने के बाद पनीरसेल्वम एक बार फिर तमिलनाडु के सीएम बने। कर्नाटक हाईकोर्ट से बरी होने के बाद जयललिता ने फिर से पनीरसेल्वम की जगह ली। करीब एक साल बाद मई 2016 में जयललिता ने उन्हें फिर वित्त और लोक निर्माण विभाग की जिम्मेदारी सौंपी। दिसंबर 2016 में जयललिता के निधन के बाद पनीरसेल्वम तीसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने। उनका यह कार्यकाल भी छोटा ही रहा और पार्टी में उभरे मतभेद के बाद उन्होंने फरवरी 2017 में पद से इस्तीफा दे दिया। पनीरसेल्वम के पद छोड़ने के बाद ई पलानीसामी ने तमिलनाडु का सीएम पद संभाला।
कांग्रेस की नेता राजिंदर कौर भट्टल के नाम पंजाब की पहली महिला मुख्यमंत्री होने का गौरव है। उन्हें नवंबर 1996 में पार्टी नेता हरचरण सिंह बराड़ के इस्तीफे के बाद सीएम पद सौंपा गया था। इसी के साथ वे देश की आठवीं महिला मुख्यमंत्री बन गई थीं।
हालांकि, भट्टल का सीएम के तौर पर कार्यकाल सिर्फ तीन महीने (नवंबर 1996 से फरवरी 1997) तक चला। 2003 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह से विवाद के चलते उन्होंने कांग्रेस के कई विधायकों को बगावत के लिए मना लिया। इसके चलते खुद सोनिया गांधी को दोनों पक्षों को सुलह के लिए मनाना पड़ा।
जनवरी 2004 में भट्टल को विवाद खत्म करने के लिए डिप्टी सीएम का पद सौंपा गया। इसके अलावा उनका समर्थन करने वाले विधायकों को भी कैबिनेट में पद दिए गए। भट्टल जनवरी 2004 से लेकर मार्च 2007 तक डिप्टी सीएम पद पर रहीं।
3. हेमनंद बिस्वाल
ओडिशा के आदिवासी कांग्रेस नेता हेमनंद बिस्वाल पहली बार 7 दिसंबर 1989 को राज्य के मुख्यमंत्री बने थे। हालांकि, उनका पहला कार्यकाल तीन महीने ही चल पाया और पांच मार्च 1990 को उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया। बिस्वाल ओडिशा के पहले आदिवासी मुख्यमंत्री रहे।
1995 में जानकी बल्लभ पटनायक राज्य के मुख्यमंत्री बने। पटनायक सरकार में पूर्व मुख्यमंत्री हेमनंद बिस्वाल को डिप्टी सीएम बनाया गया। मई 1998 तक बिस्वाल इस पद पर रहे। उपमुख्यमंत्री पद से हटने के करीब डेढ़ साल बाद उन्होंने दूसरी बार राज्य की कमान संभाली। हालांकि, उनका दूसरा कार्यकाल महज तीन महीने (छह दिसंबर 1999 से पांच मार्च 2000) का रहा।
4. सीएच मोहम्मद कोया
इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के सीएच मोहम्मद कोया 1979 में 53 दिन के लिए मुख्यमंत्री बने थे। कोया 12 अक्तूबर 1979 से एक दिसंबर 1979 तक पद पर रहे। एक साल बाद 28 दिसंबर 1980 को कांग्रेस के के करुणाकरन राज्य के मुख्यमंत्री बने। इस सरकार में कोया को डिप्टी सीएम बनाया गया था। कोया मुस्लिम लीग के इकलौते नेता हैं जो केरल के मुख्यमंत्री पद पर बैठे।
5. रवि नाइक
25 जनवरी 1991 को कांग्रेस के रवि नाइक गोवा के मुख्यमंत्री बने। नाइक दो साल 113 दिन इस पद पर रहे। 1994 में नाइक दूसरी बार महज छह दिन के लिए राज्य के मुख्यमंत्री बने। साल 2000 में भाजपा राज्य की सत्ता में आई। मनोहर पर्रिकर राज्य के मुख्यमंत्री बने। वहीं, नाइक उनकी सरकार में उप मुख्यमंत्री बनाए गए। उस वक्त नाइक महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी में थे।
6. डॉक्टर विल्फ्रेड डिसूजा
विल्फ्रेड डिसूजा गोवा के तीन बार के मुख्यमंत्री और चार बार के उपमुख्यमंत्री रहे हैं। डिसूजा पहली बार 16 जनवरी 1980 को डिप्टी सीएम बने। 1991 में रवि नाइक सरकार में दूसरी बार उप मुख्यमंत्री बने। 1993 में रवि नाइक की जगह उन्हें मुख्यमंत्री बना दिया गया। आठ अप्रैल 1994 को वह दूसरी बार राज्य के सीएम बनाए गए। 252 दिन बाद उनकी जगह प्रताप सिंह राणे राज्य के मुख्यमंत्री बने। दो बार मुख्यमंत्री डिसूजा को राणे कैबिनेट में उप मुख्यमंत्री बनाया गया। हालांकि, करीब चार साल बाद डिसूजा ने राणे की जगह ली। इस बार वह 117 दिन इस पद पर रहे। 2005 में प्रताप सिंह राणे मंत्रिमंडल में तीन बार के मुख्यमंत्री डिसूजा चौथी बार डिप्टी सीएम बनाए गए।
7. देवेंद्र फडणवीस
भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस 2014 से 2019 तक पूरे पांच साल के कार्यकाल के लिए महाराष्ट्र मुख्यमंत्री रहे थे। वहीं, 2019 के विधानसभा चुनावों के बाद, जब शिवसेना का भाजपा से गठजोड़ टूट गया, तब फडणवीस अजीत पवार के नेतृत्व वाले राकांपा विधायकों के एक समूह के समर्थन से फिर से मुख्यमंत्री बने। हालांकि, बहुमत परीक्षण से पहले संख्या बल नहीं जुटा पाने के चलते तीन दिन में ही उन्हें इस्तीफा देना पड़ गया। महाराष्ट्र के दो बार के मुख्यमंत्री फडणवीस अब राज्य के डिप्टी सीएम बनाए गए हैं।
8. ललथनवाला
कांग्रेस के ललथनवाला मिजोरम के सबसे लंबे समय तक सीएम रहने वाले नेता हैं। ललथनवाला 1984 में पहली बार सीएम बने थे। इसके दो साल बाद 1986 में जब मिजोरम पीस एकॉर्ड पर हस्ताक्षर किए गए, तो ललथनवाला ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। उनकी जगह मिजो नेशनल फ्रंट के ललडेंगा राज्य के मुख्यमंत्री बने। ललडेंगा कैबिनेट में ललथनवाला को उपमुख्यमंत्री बनाया गया। ललथनवाला बाद में चार बार और राज्य की कमान संभाली और हर बार अपना कार्यकाल पूरा किया।
ये नेता मुख्यमंत्री बनने के बाद बने मंत्री
महाराष्ट्र के चार पूर्व मुख्यमंत्री ऐसे हैं जो पहले मुख्यमंत्री रहे बाद में उन्होंने किसी दूसरे मुख्यमंत्री की कैबिनटे में मंत्री पद संभाला। बुधवार को गिरी उद्धव ठाकरे सरकार में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण लोक निर्माण मंत्री थे। चव्हाण से पहले 1975 में मुख्यमंत्री रहे शंकरराव चव्हाण 1978 में शरद पवार की सरकार में वित्त मंत्री रहे। इसी तरह जून 1985 से मार्च 1986 तक शिवाजीराव पाटिल महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे थे। कई वर्षों बाद वह 2004 में सुशील कुमार शिंदे सरकार में राजस्व मंत्री रहे। 1999 में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने नारायण राणे भी बाद में मंत्री बने। शिवसेना नेता राणे बाद में कांग्रेस में शामिल हुए। कांग्रेस की विलासराव देशमुख सरकार में उन्हें राजस्व मंत्री बनाया गया था।
महाराष्ट्र ही नहीं दूसरे राज्यों में भी पूर्व मुख्यमंत्री बन चुके हैं मंत्री
बाबूलाल गौर 23 अगस्त 2004 से 29 नवंबर 2005 तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। उनके इस्तीफे के बाद शिवराज सिंह चौहान राज्य के मुख्यमंत्री बने। वहीं, बाबूलाल गौर को शिवराज कैबिनेट में जगह मिली। शिवराज सरकार में उन्हें वाणिज्य और उद्योग मंत्री का पद सौंपा गया।
भाजपा नेता जगदीश शेट्टार जुलाई 2012 से मई 2013 तक कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे। 2018 में जब बीएस येदियुरप्पा राज्य के मुख्यमंत्री बने तो शेट्टार को उनकी कैबिनेट में उद्योग मंत्री बनाया गया।गोवा के मुख्यमंत्री रहे लुईजिहनो पलेरियो और चुरचिल अल्माओ भी पहले मुख्यमंत्री और बाद में किसी दूसरे मुख्यमंत्री की कैबिनेट में मंत्री बनाए गए थे।
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