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Indian Army: वायुसेना के विमान से पहली बार एयरड्रॉप किए गए युद्धक हथियार, पूर्व सीडीएस का सपना जल्द होगा पूरा
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नितिन गौतम
Updated Mon, 29 May 2023 10:22 AM IST
ध्रुव कमांड की एयर मेंटीनेंस टीम ने एएन-32 एयरक्राफ्ट से सफलतापूर्वक युद्धक सामान को पैराशूट की मदद से जमीन पर उतारा। यह सामान पश्चिमी सीमा पर तैनात मैकेनाइज्ड फोर्सेस के लिए उतारा गया था।
विमान से एयरड्रॉप किए गए युद्धक भार
- फोटो : सोशल मीडिया
सेना ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। दरअसल भारतीय वायुसेना के एएन-32 एयरक्राफ्ट से युद्धक सामान को सफलतापूर्वक जमीन पर उतारा गया। युद्ध के दौरान इससे सेना को बड़ी मदद मिलेगी। दरअसल इस उपलब्धि से हमारी सेनाएं थिएटर कमांड स्थापित करने के और नजदीक आ गई हैं। पूर्व सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने थिएटर कमांड स्थापित करने की शुरुआत की थी और अब जल्द ही पूर्व सीडीएस का सपना साकार होने जा रहा है।
सेना की नॉर्दन कमांड ने शेयर किया वीडियो
सेना की नॉर्दन कमांड ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया है। जिसमें ध्रुव कमांड की एयर मेंटीनेंस टीम ने एएन-32 एयरक्राफ्ट से सफलतापूर्वक युद्धक सामान को पैराशूट की मदद से जमीन पर उतारा। यह सामान पश्चिमी सीमा पर तैनात मैकेनाइज्ड फोर्सेस के लिए उतारा गया था। नॉर्दर्न कमांड ने ट्वीट कर लिखा कि इस सफलता से थिएटर कमांड स्थापित करने की दिशा में एक और कदम बढ़ा दिया है।
उल्लेखनीय है कि यह पहला एयरड्रॉप है, जिसके तहत युद्धक सामान को विमानों से जमीन पर गिराया गया है। बता दें कि आज के समय में बड़ी सेनाएं युद्ध क्षेत्र में एयरड्रॉप द्वारा ही युद्धक सामान गिराती हैं, जिसके बाद सेना की मैकेनाइज्ड यूनिट इन सामानों को जोड़कर हथियार बनाती हैं। इससे लॉजिस्टिक में उल्लेखनीय मदद मिली है। थिएटर कमांड स्थापित करने की दिशा में भी यह एक बड़ी उपलब्धि है।
Moving a step closer to theatreisation, the air maintenance team of Dhruva Command successfully carried out maiden airdrops of warfighting loads by AN 32 aircraft of Indian Air Force (IAF) in support of Mechanised Forces on Western Borders: Northern Command, Indian Army
क्या है थिएटर कमांड
बता दें कि थिएटर कमांड के तहत देश की सेना के तीनों अंगों थल सेना, वायु सेना और नौसेना के बीच एकीकरण स्थापित किया जाएगा। यह रक्षा क्षेत्र में देश का सबसे महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट में से एक है। इससे ना सिर्फ हमारी सेना प्रभावी बनेगी, साथ ही उसकी मारक क्षमता में भी जबरदस्त इजाफा होगा। इसके तहत हमारी सेना के तीनों अंग मिलकर काम करेंगी। देश के पहले सीडीएस और पूर्व जनरल बिपिन रावत के नेतृत्व में थिएटर कमांड स्थापित करने की शुरुआत हुई थी। हालांकि साल 2022 में एक हेलीकॉप्टर हादसे में उनकी मौत के बाद यह प्रोजेक्ट थोड़ा प्रभावित हुआ लेकिन अब फिर से तेजी से इस पर काम चल रहा है। पाकिस्तान और चीन के साथ बढ़ते तनाव को देखते हुए थिएटर कमांड स्थापित करने की मांग लंबे समय से हो रही थी। साथ ही सेना के तीनों अंगों के बीच समन्वय की कमी को भी दूर करना भी जरूरी है।
कैसे काम करेगी थिएटर कमांड
भारतीय सेना में अभी कुल 17 सिंगल सर्विस कमांड हैं। इनमें से थल सेना की सात और वायु सेना की सात कमांड हैं। वहीं नौसेना की तीन कमांड हैं। थल सेना की छह ऑपरेशनल कमांड हैं और एक ट्रेनिंग कमांड है। हर कमांड को लेफ्टिनेंट जनरल स्तर का अधिकारी लीड करता है। ये लेफ्टिनेंट जनरल स्तर के अधिकारी दिल्ली स्थित सेना मुख्यालय के तहत काम करते हैं। वायु सेना की सात कमांड में से पांच ऑपरेशनल कमांड हैं और दो फंक्शनल कमांड हैं। नौसेना की तीन कमांड में से एक वेस्टर्न नेवल कमांड मुंबई, साउथ नेवल कमांड कोच्चि और ईस्टर्न नेवल कमांड विशाखापत्तनम में स्थित है।
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जनरल बिपिन रावत ने थिएटर कमांड के तहत चार एकीकृत कमांड का गठन किया, जिसमें हर कमांड में सेना के तीनों अंग थल सेना, वायु सेना और नौसेना शामिल थे। इन चार थिएटर कमांड में से दो थल रक्षा आधारित कमांड हैं और एक वायु रक्षा आधारित और एक जल रक्षा आधारित। एक कमांड को पाकिस्तान के खतरे को देखते हुए तैनात किया जाएगा, जिसे वेस्टर्न कमांड कहा जाएगा। वहीं चीन की सीमा पर तैनात कमांड को नॉर्दर्न कमांड कहा जाएगा। नौसेना आधारित कमांड को मेरीटाइम कमांड कहा जाएगा और हिंद महासागर की सुरक्षा में इसे तैनात किया जाएगा। अब मौजूदा सीडीएस जनरल अनिल चौहान के नेतृत्व में इन कमांड को एक जॉइंट थिएटर कमांड के तहत लाने की तैयारी की जा रही है।
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