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Icar claims unseasonal rain leads 20 percent of mango corps damage in india
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Mango Season: बेमौसम बारिश से भारत में आमों की फसलों को 20 फीसदी तक नुकसान, ICAR की रिपोर्ट का दावा
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: जलज मिश्रा
Updated Fri, 31 Mar 2023 06:15 PM IST
सार
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भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के उप महानिदेशक (बागवानी) एके सिंह ने कहा कि पहली बारिश से नुकसान नहीं हुआ, बाद में बारिश और ओलावृष्टि ने आम की फसल को प्रभावित किया है। अनुमान है कि कुल 20 प्रतिशत तक आम की फसल को नुकसान हुआ है।
बेमौसम हुई बारिश, ओलावृष्टि और तेज हवाओं के कारण देश में आम की फसलों को 20 प्रतिशत तक नुकसान हुआ है। आम उत्पादकों का कहना है कि ओलावृष्टि और आंधी के कारण उत्तर भारत में भारी नुकसान हुआ है। भारत आम का प्रमुख उत्पादक है, जो विश्व में लगभग 42 फीसदी का योगदान देता है।
उत्तर भारत में सबसे अधिक नुकसान
पश्चिमी विक्षोभ के कारण पिछले दिनों हुई बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि और तेज हवा ने देश के कुछ हिस्सों में खाद्यान्न और बागवानी फसलों दोनों को प्रभावित किया है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के उप महानिदेशक (बागवानी) एके सिंह ने कहा कि पहली बारिश से नुकसान नहीं हुआ, बाद में बारिश और ओलावृष्टि ने आम की फसल को प्रभावित किया है। अनुमान है कि कुल 20 प्रतिशत तक आम की फसल को नुकसान हुआ है। आम की फसलों को उत्तरभारत में अधिक नुकसान हुआ है, जिसमें उत्तरप्रदेश प्रमुख रूप से शामिल है। सिंह ने बताया कि अकेले उत्तर भारत में आम की फसल का अनुमानित नुकसान लगभग 30 प्रतिशत है, जबकि दक्षिण भारत में नुकसान 8 प्रतिशत से कम है।
19 मार्च तक फसल काफी अच्छी थी
लखनऊ के आम उत्पादक उपेंद्र सिंह ने बताया कि हमारा पांच हेक्टेयर में आम का बाग है। माल-मलिहाबाद में ओलावृष्टि से 75 प्रतिशत तक आमों को नुकसान हुआ। 19 मार्च तक आम की फसल की स्थिति पिछले 30 वर्षों में सबसे अच्छी थी। 20 मार्च से बेमौसम बारिश और ओलों ने भारी नुकसान पहुंचाया है। तफरी फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी के निदेशक अतुल कुमार अवस्थी ने कहा कि फल लग गए थे। लेकिन तेज आंधी और तेज हवा के कारण सब गिर गए। फसल को करीब 25 फीसदी नुकसान होने का अनुमान है।
मलिहाबाद बेल्ट में 50 फीसदी का नुकसान
नमी के कारण कुछ हिस्सों में आम के पेड़ों में कीड़े लग गए हैं। गुणवत्ता वाले आमों की उपलब्धता प्रभावित होगी, जिससे निर्यात में भी परेशानी होगी। आईसीएआर-सेंट्रल इंस्टीट्यूट फॉर सबट्रॉपिकल हॉर्टिकल्चर के निदेशक टी दामोदरन ने कहा कि मुख्य रूप से आंधी और ओलावृष्टि से सीतापुर जिले की सीमा से लगे माल-मलिहाबाद बेल्ट में 50 फीसदी तक नुकसान हुआ है। लखनऊ, हरदोई, कुशीनगर, गोरखपुर, अलीगढ़, सहारनपुर और बाराबंकी सहित सात प्रमुख आम उत्पादक जिलों में से छह में फसल की स्थिति बहुत अच्छी है। सरकार के अनुमान के मुताबिक, देश का आम उत्पादन फसल वर्ष 2021-22 (जुलाई-जून) में 210 लाख टन रहा, जबकि पिछले साल यह 203.86 लाख टन था।
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