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Historical agreement between India and America, Austin big statement on NATO in Indo-Pacific region
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Lloyd Austin in India: भारत-अमेरिका के बीच ऐतिहासिक समझौता; इंडो-पैसिफिक में NATO पर ऑस्टिन का बड़ा बयान
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: शिव शरण शुक्ला
Updated Mon, 05 Jun 2023 10:36 PM IST
अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने हिंद प्रशांत क्षेत्र में नाटो की स्थापना को लेकर चीन के दावों पर भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) की स्थापना की कोशिश नहीं कर रहा है।
अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन और भारतीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह।
- फोटो : @rajnathsingh
भारत और अमेरिका ने रक्षा औद्योगिक सहयोग को और बेहतर बनाने और आगे बढ़ाने के लिए एक रोडमैप तैयार किया है। इस रोडमैप के तहत दोनों देश नई प्रौद्योगिकियों के सह-विकास के साथ ही मौजूदा और नई प्रणालियों के सह-उत्पादन पर काम करेंगे। साथ ही साथ दोनों देश रक्षा स्टार्ट-अप पारिस्थितिक तंत्र के बीच सहयोग को बढ़ावा भी देगें। वहीं, बैठक के बाद अमेरिकी रक्षामंत्री लॉयड ऑस्टिन ने हिंद प्रशांत क्षेत्र में नाटो की स्थापना वाले चीन के बयान पर भी पलटवार किया। उन्होंने कहा कि हम इस क्षेत्र में ऐसा कुछ नहीं करने जा रहे हैं।
यूएस-इंडिया डिफेंस इंडस्ट्रियल कोऑपरेशन पर सहमति
इस रोडमैप पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन के बीच एक द्विपक्षीय बैठक के दौरान सहमति बनी। यह आने वाले सालों के लिए दोनों देशों की रक्षा नीतियों का मार्गदर्शन करेगा। इसे लेकर रक्षा मंत्रालय ने एक बयान भी जारी किया है। मंत्रालय ने अपने बयान में बताया कि बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की। इस चर्चा में औद्योगिक सहयोग को मजबूत करने के तरीकों की पहचान करने पर विशेष रूप से विमर्श किया गया। इस दौरान दोनों पक्षों ने यूएस-इंडिया डिफेंस इंडस्ट्रियल कोऑपरेशन पर सहमति बनाई। इसके साथ ही राजनाथ सिंह और लॉयड ऑस्टिन ने मजबूत और बहुमुखी द्विपक्षीय रक्षा सहयोग गतिविधियों की समीक्षा की और सहयोग की गति को और तीव्र बनाने पर सहमति जताई।
हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता पर भी हुई चर्चा
इस दौरान दोनों नेताओं ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने में अपने साझा हित को देखते हुए क्षेत्रीय सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा की। बैठक के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर कहा कि भारत-अमेरिका की साझेदारी खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने यह भी कहा कि हम क्षमता निर्माण और अपनी रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए अमेरिका के साथ निकटता से काम करने के लिए तत्पर हैं।
इस वार्ता के दौरान रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। इनमें चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने और सचिव, रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग और अध्यक्ष रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) डॉ समीर वी कामत भी शामिल थे।
हिंद प्रशांत क्षेत्र में नाटो पर बोले ऑस्टिन
अपने भारत दौरे के दौरान अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने हिंद प्रशांत क्षेत्र में नाटो की स्थापना को लेकर चीन के दावों पर भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) की स्थापना की कोशिश नहीं कर रहा है। हमारा उद्देश्य इंडो-पैसिफिक क्षेत्र को व्यापार के लिए आजाद रखना है। और हम इसकी सुरक्षा के लिए अपने जैसे विचार वाले देशों के साथ काम करना है। उनका यह बयान चीनी रक्षा मंत्री ली शांगफू के उस बयान पर आया है जिसमें उसने कहा था कि अमेरिका इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में नाटो जैसा सैन्य संगठन बनाने की तैयारी कर रहा है।
राजनाथ सिंह ने ऑस्टिन को दी ये सलाह
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिका के रक्षामंत्री लॉयड ऑस्टिन को पाकिस्तान के प्रति आगाह करते हुए कहा, पड़ोसी मुल्क भरोसा करने लायक नहीं है और अमेरिका को हथियारों के मामले में उस पर भरोसा करने की गलती नहीं करनी चाहिए। पाकिस्तान हथियारों और तकनीक का गलत इस्तेमाल कर सकता है जिससे क्षेत्रीय अस्थिरता आ सकती है। मानेक शॉ सेंटर में करीब एक घंटे चली मुलाकात में जब हथियारों की आपूर्ति की बात आई तो आपूर्ति की बात आई तो राजनाथ ने पाकिस्तान की विश्वसनीयता को लेकर भारत की चिंताओं का जिक्र किया। उन्होंने कहा, पाकिस्तान की ओर से हथियारों के दुरुपयोग की पूरी आशंका है। अतीत में भी वह ऐसा कर चुका है। उसकी इस तरह की हरकतों से क्षेत्र की शांति व स्थिरता को खतरा होता है। राजनाथ ने ऑस्टिन से कहा, अमेरिका को पाकिस्तान पर भरोसा कतई नहीं करना चाहिए।
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अमेरिकी रक्षा मंत्री की दूसरी भारत यात्रा
भारत और अमेरिका अपने द्विपक्षीय और सामरिक संबंधों को प्रगाढ़ता के साथ आगे बढ़ा रहे हैं। इस संकेत अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन की भारत यात्रा और इस महीने के आखिर में प्रस्तावित भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा से मिलते हैं। बता दें कि लॉयड ऑस्टिन की यह दूसरी भारत यात्रा है। इससे पहले ऑस्टिन ने मार्च 2021 में भारत का दौरा किया था। बीते कुछ सालों में भारत और अमेरिका के बीच सैन्य और रणनीतिक साझेदारी मजबूत हुई है।
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