Hindi News
›
India News
›
Former civil servants condemn Rijiju's remarks on judiciary in open letter
{"_id":"6425b82c6e87acd3e5046ec3","slug":"former-civil-servants-condemn-rijiju-s-remarks-on-judiciary-in-open-letter-2023-03-30","type":"story","status":"publish","title_hn":"Collegium Row: रिजिजू की टिप्पणी न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर हमला, खुले पत्र में पूर्व नौकरशाहों ने की निंदा","category":{"title":"India News","title_hn":"देश","slug":"india-news"}}
Collegium Row: रिजिजू की टिप्पणी न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर हमला, खुले पत्र में पूर्व नौकरशाहों ने की निंदा
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: कुमार विवेक
Updated Thu, 30 Mar 2023 10:03 PM IST
सार
लेटेस्ट अपडेट्स के लिए फॉलो करें
Collegium Row: पत्र में कहा गया है कि उच्चतम न्यायालय और कॉलेजियम के साथ रचनात्मक रूप से जुड़ने के बजाय आपके और उपराष्ट्रपति जैसे उच्च पदस्थ लोगों की ओर से जहरीले शब्दों के साथ जवाब दिया है। पत्र में कहा गया है कि कुछ उम्मीदवारों को स्वीकार करने से सरकार का लगातार इनकार केवल इस संदेह को जन्म दे सकता है कि उसका इरादा एक अंतर्निहित न्यायपालिका बनाने का है।
पूर्व नौकरशाहों ने गुरुवार को एक खुले पत्र में कानून मंत्री किरण रिजिजू की कई टिप्पणियों के लिए उनकी आलोचना की। उन्होंने कहा कि यह नियुक्तियों की कॉलेजियम प्रणाली और न्यायिक स्वतंत्रता पर सरकार का एक ठोस हमला है।
90 पूर्व नौकरशाहों की ओर से हस्ताक्षरित खुले पत्र में तर्क दिया गया है कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता को बनाए रखने से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। लोकतंत्र में कार्यपालिका की अनदेखी से जुड़े किसी संकेत को स्वीकार नहीं किया जा सकता है।
पत्र में कहा गया है, ''हम आज आपको विभिन्न अवसरों पर और हाल ही में 18 मार्च, 2023 को एक समाचार चैन के कॉन्क्लेव में की गई टिप्पणियों के जवाब में लिख रहे हैं। उस दिन आपके बयान नियुक्तियों की कॉलेजियम प्रणाली, भारत के सर्वोच्च न्यायालय और अंततः न्यायिक स्वतंत्रता पर सरकार की ओर से एक ठोस हमले की तरह थे। हम स्पष्ट रूप से इस हमले की निंदा करते हैं।
पूर्व नौकरशाहों के खुले पत्र में लिखा- सरकार के रवैये से लगता है कि वह नियुक्ति में अड़ंगा लगा रही
इसमें कहा गया है कि उच्च न्यायालयों और उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीशों की नियुक्ति में ऐसा प्रतीत होता है कि यह सरकार नियुक्तियों में अड़ंगा लगा रही है। संवैधानिक आचरण समूह (Constitutional Conduct Group) के बैनर तले पूर्व सिविल सेवकों की ओर से लिखे गए पत्र में कहा गया, "कॉलेजियम की ओर से भेजे गए नाम वर्षों लंबित रहते है, और आखिरकार उन्हें मंजूरी के बिना वापस कर दिया जाता है। उचित प्रक्रिया और संवैधानिक मानदंडों के प्रति प्रतिबद्ध और प्रतिष्ठित करियर वाले उम्मीदवारों को भी सरकार की ओर से अस्वीकृत कर दिया जाता है।"
ओपन लेटर में पूर्व नौकरशाहों ने लिखा- उच्च पदस्थ लोग भी जहरीले जवाब दे रहे
पत्र में कहा गया है कि उच्चतम न्यायालय और कॉलेजियम के साथ रचनात्मक रूप से जुड़ने के बजाय आपके और उपराष्ट्रपति जैसे उच्च पदस्थ लोगों की ओर से जहरीले शब्दों के साथ जवाब दिया है। पत्र में कहा गया है कि कुछ उम्मीदवारों को स्वीकार करने से सरकार का लगातार इनकार केवल इस संदेह को जन्म दे सकता है कि उसका इरादा एक अंतर्निहित न्यायपालिका बनाने का है।
पत्र में कहा गया है, 'सरकार और सुप्रीम कोर्ट के बीच कोई टकराव नहीं है पर हम सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की बार-बार की गई आपकी आलोचना से हैरान हैं। हम साथ ही यह भी कह रहे हैं कि औसत भारतीय को वास्तव में इससे टकराव का अहसास होता है।
विज्ञापन
पत्र में कहा गया है कि यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि सेवानिवृत्त न्यायाधीश, वरिष्ठ वकील और विशेषज्ञ सार्वजनिक रूप से न्यायिक स्वतंत्रता की रक्षा की तत्काल आवश्यकता पर गंभीर चिंता व्यक्त कर रहे हैं। खुले पत्र पर दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग, पूर्व गृह सचिव जीके पिल्लै, पूर्व विदेश सचिव सुजाता सिंह और पूर्व स्वास्थ्य सचिव सुजाता राव समेत 90 लोगों ने हस्ताक्षर किए हैं।
विज्ञापन
विज्ञापन
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.
विज्ञापन
विज्ञापन
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।