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किसान संगठनों के नेताओं ने अब अपना सारा ध्यान 26 जनवरी को निकलने वाली किसान ट्रैक्टर परेड पर लगा दिया है। विभिन्न राज्यों से ट्रैक्टरों को किस तरह दिल्ली लाना है, इस पर रणनीति तैयार हो रही है। किसान नेता डॉ. दर्शनपाल और योगेंद्र यादव कहते हैं, कमेटी को छोड़िए... अभी तो आप ट्रैक्टर परेड देखने के लिए तैयार हो जाएं। केंद्र सरकार, किसानों की इस परेड को जितना रोकने का प्रयास करेगी, उसका आकार उतना ही बढ़ता जाएगा।
खुफिया एजेंसियां अपने तरीकों से ट्रैक्टर परेड की तैयारियों पर ब्रेक लगाना चाह रही हैं, मगर उन्होंने अभी किसानों का तंत्र देखा ही कहां है। गणतंत्र दिवस पर लोगों को ऐसे ट्रैक्टर देखने को मिलेंगे, जो दशकों पुराने हैं। अगर सरकार इस जिद पर अड़ी है कि दस साल से ज्यादा पुराने ट्रैक्टर नहीं चलने दिए जाएंगे तो यह केवल एक मुगालता है। किसानों ने बुधवार को लोहड़ी के अवसर पर कृषि बिलों की प्रतियां जलाकर अपना रोष प्रकट किया है।
उन्होंने कहा कि कोई भी किसान संगठन अभी सुप्रीम कोर्ट की कमेटी की बात ही नहीं कर रहा है। डॉ. दर्शनपाल कहते हैं, सरकार तो शुरू से आंदोलन को पटरी से उतारने के लिए हाथ पैर मार रही थी। जोर भी खूब लगाया, मगर न तो किसान झुके और न ही संगठनों में टूट जैसा कुछ देखने को मिला। अब सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने अपना रंग दिखा दिया। खैर जो भी हो, हम आंदोलन के रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं। सरकार को ट्रैक्टर परेड निकाल कर दिखाएंगे।
दर्शनपाल और योगेंद्र यादव का कहना है कि अब ये हमें देखना है कि कहां से और किस रास्ते ट्रैक्टरों को दिल्ली की सीमा तक लाया जाएगा। केंद्र सरकार और भाजपा शासित सरकारों ने ट्रैक्टरों को जब्त करने की योजना बनाई है। किसी ट्रैक्टर को पुराना कह कर तो किसी को यातायात नियमों का उल्लंघन बताकर जब्त करने का प्रयास किया जाएगा। लेकिन, सरकार को उस दिन यह भी मालूम हो जाएगा कि ये आंदोलन देश के हर किसान का है।
किसान संगठनों के नेताओं ने अब अपना सारा ध्यान 26 जनवरी को निकलने वाली किसान ट्रैक्टर परेड पर लगा दिया है। विभिन्न राज्यों से ट्रैक्टरों को किस तरह दिल्ली लाना है, इस पर रणनीति तैयार हो रही है। किसान नेता डॉ. दर्शनपाल और योगेंद्र यादव कहते हैं, कमेटी को छोड़िए... अभी तो आप ट्रैक्टर परेड देखने के लिए तैयार हो जाएं। केंद्र सरकार, किसानों की इस परेड को जितना रोकने का प्रयास करेगी, उसका आकार उतना ही बढ़ता जाएगा।
खुफिया एजेंसियां अपने तरीकों से ट्रैक्टर परेड की तैयारियों पर ब्रेक लगाना चाह रही हैं, मगर उन्होंने अभी किसानों का तंत्र देखा ही कहां है। गणतंत्र दिवस पर लोगों को ऐसे ट्रैक्टर देखने को मिलेंगे, जो दशकों पुराने हैं। अगर सरकार इस जिद पर अड़ी है कि दस साल से ज्यादा पुराने ट्रैक्टर नहीं चलने दिए जाएंगे तो यह केवल एक मुगालता है। किसानों ने बुधवार को लोहड़ी के अवसर पर कृषि बिलों की प्रतियां जलाकर अपना रोष प्रकट किया है।
उन्होंने कहा कि कोई भी किसान संगठन अभी सुप्रीम कोर्ट की कमेटी की बात ही नहीं कर रहा है। डॉ. दर्शनपाल कहते हैं, सरकार तो शुरू से आंदोलन को पटरी से उतारने के लिए हाथ पैर मार रही थी। जोर भी खूब लगाया, मगर न तो किसान झुके और न ही संगठनों में टूट जैसा कुछ देखने को मिला। अब सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने अपना रंग दिखा दिया। खैर जो भी हो, हम आंदोलन के रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं। सरकार को ट्रैक्टर परेड निकाल कर दिखाएंगे।
दर्शनपाल और योगेंद्र यादव का कहना है कि अब ये हमें देखना है कि कहां से और किस रास्ते ट्रैक्टरों को दिल्ली की सीमा तक लाया जाएगा। केंद्र सरकार और भाजपा शासित सरकारों ने ट्रैक्टरों को जब्त करने की योजना बनाई है। किसी ट्रैक्टर को पुराना कह कर तो किसी को यातायात नियमों का उल्लंघन बताकर जब्त करने का प्रयास किया जाएगा। लेकिन, सरकार को उस दिन यह भी मालूम हो जाएगा कि ये आंदोलन देश के हर किसान का है।