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नए कृषि कानूनों को लेकर किसान संगठन मोदी सरकार के खिलाफ अब लंबी लड़ाई के मूड में नजर आ रहे हैं। इसी बीच किसान संगठनों ने प्रदर्शन स्थलों पर कोई अप्रिय घटना न हो और सभी संदेहास्पद लोगों पर नजर रखी जा सके। इसके लिए एक सुरक्षा तंत्र स्थापित करने जा रहे हैं। इनमें सैकड़ों वॉलंटियर्स के अलावा 100 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे और 10 से ज्यादा एलसीडी स्क्रीन लगाई जा रही हैं। सिंघु बार्डर प्रदर्शन स्थल पर नजर रखने के लिए मंच के पीछे ही एक निगरानी कक्ष भी तैयार किया गया है।
किसान नेताओं ने अमर उजाला को बताया कि प्रदर्शन स्थल पर किसानों और आम लोगों की सुरक्षा को देखते हुए युवा वॉलंटियर्स की एक टीम तैयार की गई है। इसमें करीब 800 लोग शामिल हैं। ये लोग तीन शिफ्टों में काम कर रहे हैं। कुछ लोगों की ड्यूटी सुबह, कुछ की दोपहर और कुछ की रात में लगाई गई है। ये लोग प्रदर्शन स्थल पर पहरा देते हैं, साथ ही अजनबी लोगों से पूछताछ करते हैं और पहचान पत्र मांगकर उनकी जानकारी लेते हैं। इसके अलावा आम लोगों को कोई परेशानी नहीं हो इसका ध्यान भी ये लोग रख रहे हैं। प्रदर्शन स्थल पर वालंटियर्स की पहचान के लिए उन्हें हरे रंग की जैकेट और पहचान पत्र दिए हैं।
मंच के पीछे बना कंट्रोल रूम
सिंघु बार्डर पर प्रदर्शन पर असामाजिक तत्वों पर नजर रखने के लिए किसान संगठनों द्वारा 100 सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं। ये कैमरे मंच के आसपास, बॉर्डर के एंट्री और एग्जिट गेट, लंगर, मेडिकल कैंप के अलावा बड़े जत्थों में लगाए जाएंगे। सभी कैमरों की फुटेज देखने के लिए और हर जगह की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए मुख्य मंच के पीछे एक कंट्रोल रूम तैयार किया गया है। समय-समय पर बड़े किसान नेता भी यहां से बैठ कर प्रदर्शन स्थल पर नजर रखते हैं।
किसान नेताओं ने बताया कि कैमरा इंस्टॉल करने का पूरा सामान युवा किसान पंजाब से लेकर आए हैं। इसके अलावा कुछ एनजीओ की तरफ से इस काम में सहयोग दिया जा रहा है। आईटी के जानकारों की टीम इसे लगाने में जुटी हुई है।
प्रमुख स्थानों पर एलसीडी स्क्रीन लगाने की तैयारी
बॉर्डर के अहम स्थानों पर किसान संगठनों द्वारा एलसीडी स्क्रीन लगाने की तैयारी की जा रही है। इसके जरिए किसान हर जगह की गतिविधियों को देख सकेंगे और मंच पर हो रहे नेताओं के भाषणों को भी सुन सकेंगे। बढ़ती गर्मी को देखते हुए ये स्क्रीन बड़े जत्थों में लगाई जाएगी ताकि किसान वहीं से बैठकर नेताओं के भाषण सुन सकें।
वहीं सरकार द्वारा बार-बार इंटरनेट सुविधा बंद करने के चलते किसान संगठन प्रदर्शन स्थल पर ऑप्टिकल फाइबर लाइन की सेवाएं लेने की तैयारी कर रहे हैं ताकि किसानों को वाई-फाई के जरिए इंटरनेट की सुविधा मुहैया करवाई जा सके।
नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान दिल्ली की सीमाओं पर 89 दिन से प्रदर्शन कर रहे हैं। 26 जनवरी को हुई हिंसा के बाद आंदोलन में फिर से जान फूंकने के लिए किसान हर हफ्ते अलग-अलग कार्यक्रमों के जरिए ज्यादा से ज्यादा किसानों को जोड़ने में लगे हुए हैं। 23 से 27 फरवरी तक किसान संगठन 'किसान पगड़ी संभाल दिवस', दमन विरोधी दिवस, युवा किसान दिवस और मजदूर किसान एकता दिवस भी मनाएंगे।
विस्तार
नए कृषि कानूनों को लेकर किसान संगठन मोदी सरकार के खिलाफ अब लंबी लड़ाई के मूड में नजर आ रहे हैं। इसी बीच किसान संगठनों ने प्रदर्शन स्थलों पर कोई अप्रिय घटना न हो और सभी संदेहास्पद लोगों पर नजर रखी जा सके। इसके लिए एक सुरक्षा तंत्र स्थापित करने जा रहे हैं। इनमें सैकड़ों वॉलंटियर्स के अलावा 100 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे और 10 से ज्यादा एलसीडी स्क्रीन लगाई जा रही हैं। सिंघु बार्डर प्रदर्शन स्थल पर नजर रखने के लिए मंच के पीछे ही एक निगरानी कक्ष भी तैयार किया गया है।
किसान नेताओं ने अमर उजाला को बताया कि प्रदर्शन स्थल पर किसानों और आम लोगों की सुरक्षा को देखते हुए युवा वॉलंटियर्स की एक टीम तैयार की गई है। इसमें करीब 800 लोग शामिल हैं। ये लोग तीन शिफ्टों में काम कर रहे हैं। कुछ लोगों की ड्यूटी सुबह, कुछ की दोपहर और कुछ की रात में लगाई गई है। ये लोग प्रदर्शन स्थल पर पहरा देते हैं, साथ ही अजनबी लोगों से पूछताछ करते हैं और पहचान पत्र मांगकर उनकी जानकारी लेते हैं। इसके अलावा आम लोगों को कोई परेशानी नहीं हो इसका ध्यान भी ये लोग रख रहे हैं। प्रदर्शन स्थल पर वालंटियर्स की पहचान के लिए उन्हें हरे रंग की जैकेट और पहचान पत्र दिए हैं।
मंच के पीछे बना कंट्रोल रूम
सिंघु बार्डर पर प्रदर्शन पर असामाजिक तत्वों पर नजर रखने के लिए किसान संगठनों द्वारा 100 सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं। ये कैमरे मंच के आसपास, बॉर्डर के एंट्री और एग्जिट गेट, लंगर, मेडिकल कैंप के अलावा बड़े जत्थों में लगाए जाएंगे। सभी कैमरों की फुटेज देखने के लिए और हर जगह की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए मुख्य मंच के पीछे एक कंट्रोल रूम तैयार किया गया है। समय-समय पर बड़े किसान नेता भी यहां से बैठ कर प्रदर्शन स्थल पर नजर रखते हैं।
किसान नेताओं ने बताया कि कैमरा इंस्टॉल करने का पूरा सामान युवा किसान पंजाब से लेकर आए हैं। इसके अलावा कुछ एनजीओ की तरफ से इस काम में सहयोग दिया जा रहा है। आईटी के जानकारों की टीम इसे लगाने में जुटी हुई है।
प्रमुख स्थानों पर एलसीडी स्क्रीन लगाने की तैयारी
बॉर्डर के अहम स्थानों पर किसान संगठनों द्वारा एलसीडी स्क्रीन लगाने की तैयारी की जा रही है। इसके जरिए किसान हर जगह की गतिविधियों को देख सकेंगे और मंच पर हो रहे नेताओं के भाषणों को भी सुन सकेंगे। बढ़ती गर्मी को देखते हुए ये स्क्रीन बड़े जत्थों में लगाई जाएगी ताकि किसान वहीं से बैठकर नेताओं के भाषण सुन सकें।
वहीं सरकार द्वारा बार-बार इंटरनेट सुविधा बंद करने के चलते किसान संगठन प्रदर्शन स्थल पर ऑप्टिकल फाइबर लाइन की सेवाएं लेने की तैयारी कर रहे हैं ताकि किसानों को वाई-फाई के जरिए इंटरनेट की सुविधा मुहैया करवाई जा सके।
नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान दिल्ली की सीमाओं पर 89 दिन से प्रदर्शन कर रहे हैं। 26 जनवरी को हुई हिंसा के बाद आंदोलन में फिर से जान फूंकने के लिए किसान हर हफ्ते अलग-अलग कार्यक्रमों के जरिए ज्यादा से ज्यादा किसानों को जोड़ने में लगे हुए हैं। 23 से 27 फरवरी तक किसान संगठन 'किसान पगड़ी संभाल दिवस', दमन विरोधी दिवस, युवा किसान दिवस और मजदूर किसान एकता दिवस भी मनाएंगे।