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अगले साल की शुरुआत में देश में लोकसभा चुनाव होने हैं। इसके पहले इस साल के अंत तक पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव भी होना है। कुल मिलाकर अगले एक साल तक देश में चुनाव ही चुनाव होने हैं। ऐसे में सियासी पारा हाई होना स्वभाविक है।
अगले साल की शुरुआत में देश में लोकसभा चुनाव होने हैं। इसके पहले इस साल के अंत तक पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव भी होना है। कुल मिलाकर अगले एक साल तक देश में चुनाव ही चुनाव होने हैं। ऐसे में सियासी पारा हाई होना स्वभाविक है।
एक तरफ विपक्षी दलों ने 23 जून को पटना में एक बड़ी बैठक बुलाई है। इसमें उत्तर से लेकर दक्षिण और पूरब से पश्चिम तक के कई बड़े विपक्षी दल शामिल होंगे। कांग्रेस की तरफ से राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे भी बैठक में जाएंगे।
वहीं, दूसरी ओर भाजपा ने भी 11 और 12 जून को BJP शासित सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उप-मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाई है। इस बैठक में गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, पार्टी के महासचिव बीएल संतोष और राज्य संगठनों के सचिव भी शामिल होंगे।
भाजपा की इस बैठक को लेकर कई तरह की चर्चा है। सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर अचानक इस बैठक को बुलाने की क्या जरूरत पड़ी? इस बैठक में क्या-क्या हो सकता है? शाह और नड्डा का क्या प्लान है? आइए समझते हैं...