प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) ने गुरुवार को महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के तटीय दापोली इलाके में एक भूमि सौदे में कथित अनियमितताओं के आरोप में परिवहन मंत्री अनिल परब के सात ठिकानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत की गई है। बता दें कि इडी ने मुंबई और पुणे के सात ठिकानों पर छापेमारी की है। 57 वर्षीय परब महाराष्ट्र विधान परिषद में तीन बार शिवसेना के विधायक हैं और राज्य के परिवहन मंत्री हैं। वहीं छापेमारी के बाद ईडी ने अनिल परब से पूछताछ की उनका बयान दर्ज किया।
अनिल परब पर गंभीर आरोप
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई दापोली में 2017 में परब द्वारा 1 करोड़ रुपये के विचार के लिए जमीन के एक पार्सल की खरीद के आरोपों से संबंधित है, लेकिन इसे 2019 में पंजीकृत किया गया था। कुछ अन्य आरोपों की भी एजेंसी द्वारा जांच की जा रही है। आरोप है कि बाद में जमीन को मुंबई के एक केबल ऑपरेटर सदानंद कदम को 2020 में 1.10 करोड़ रुपये में बेच दिया गया। इसी बीच 2017 से 2020 तक इसी जमीन पर रिजॉर्ट बनाया गया।
आयकर विभाग की जांच में भी लगे थे आरोप
वहीं आयकर विभाग की एक जांच में पहले आरोप लगाया गया था कि रिसॉर्ट का निर्माण 2017 में शुरू हुआ था और रिसॉर्ट के निर्माण पर 6 करोड़ रुपये से अधिक नकद खर्च किए गए थे। पूर्व मंत्री अनिल देशमुख से जुड़े एक और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी पहले भी परब से पूछताछ कर चुकी है।
साईं रिसॉर्ट को लेकर ईडी ने की पूछताछ: अनिल परब
ईडी की 13 घंटे की पूछताछ खत्म होने के बाद अनिल परब मीडिया के सामने आए और कहा कि ईडी के अधिकारियों ने मेरे सरकारी आवास और निवास सहित मुझसे संबंधित कई लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की है। जिन पर छापेमारी हुई उनमें से कितने का संबंध रिसार्ट से है मुझे नहीं पता। यह छापेमारी केवल रत्नागिरी के दापोली स्थित साईं रिसोर्ट के सिलसिले में की गई है। मैं पहले से ही कह रहा हूं कि दापोली स्थित साई रिसोर्ट के मालिक सदानंद कदम है उन्होंने कोर्ट में भी यह दावा किया है और खर्च का भी हिसाब दिया है। इस मामले में आयकर विभाग ने भी छापेमारी की थी। रिपोर्ट आने पर सचाई सामने आएगी। परब ने कहा कि यह रिसार्ट अभी चालू नहीं हुआ है फिर भी पर्यावरण की दो धाराओं के तहत दापोली पुसलिस थाने मे मामला दर्ज कराया गया है। जो रिसोर्ट चालू नहीं है उसकी रिपोर्ट पर्यावरण विभाग और पुलिस ने दी है तब भी मेरे नाम पर इस प्रकार की नोटिस दी गई और उसी शिकायत के आधार पर ईडी के अधिकारियों ने छापेमारी की है। उन्होंने कहा कि जांच एजेंसी के हर सवालों का जवाब दिया है। आगे भी उत्तर देने की हमारी तैयारी है।
दो पूर्व मंत्रियों पर भी ईडी ने कसा था शिकंजा
बता दें कि इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) ने उद्धव सरकार के दो मंत्री के खिलाफ भी शिकंजा कसा था। इनमें राज्य के पूर्व गृह मत्री अनिल देशमुख और अल्पसंख्यक मंत्री नवाब मलिक थे
हम अनिल परब के समर्थन में: संजय राउत
शिवसेना नेता संजय राउत ने इस मामले पर बात करते हुए कहा कि हम अनिल परब के समर्थन में हैं। विपक्ष के खिलाफ भाजपा नीत केंद्र सरकार की एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है। यह सिर्फ महाराष्ट्र सरकार को बदनाम करने की साजिश है।
अनिल परब को सलाखों के पीछे जाना चाहिए: किरीट सोमैया
परब के ठिकानों पर ईडी की छापेमारी पर सियासत तेज हो गई है। भाजपा नेता किरीट सोमैया ने कहा कि उन्हें जेल जाने के लिए तैयार रहना चाहिए। सोमैया ने कहा कि अनिल देशमुख और नवाब मलिक के बाद अब राज्य कैबिनेट के तीसरे मंत्री अनिल परब को जेल जाने के लिए तैयार रहने की आवश्यकता है। मुझे भरोसा है कि जांच एजेंसियां परब के खिलाफ केवल एक मामला नहीं, बल्कि सभी आरोपों को उजागर करेगी। पूर्व भाजपा सांसद ने कहा कि वह पिछले कुछ वर्षों से लगातार विभिन्न मुद्दों को उठा रहे हैं और परब के खिलाफ जांच की मांग कर रहे हैं।
कार्रवाई पारदर्शी तरीके से होनी चाहिए: अजीत पवार
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजीत पवार ने कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसियों को अधिकार है, लेकिन उन्हें शक्तियों का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए। पता नहीं राज्य मंत्री अनिल परब के खिलाफ यह कार्रवाई क्यों की गई है। मैं केवल इतना कहना चाहता हूं कि कार्रवाई पारदर्शी तरीके से होनी चाहिए।
विस्तार
प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) ने गुरुवार को महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के तटीय दापोली इलाके में एक भूमि सौदे में कथित अनियमितताओं के आरोप में परिवहन मंत्री अनिल परब के सात ठिकानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत की गई है। बता दें कि इडी ने मुंबई और पुणे के सात ठिकानों पर छापेमारी की है। 57 वर्षीय परब महाराष्ट्र विधान परिषद में तीन बार शिवसेना के विधायक हैं और राज्य के परिवहन मंत्री हैं। वहीं छापेमारी के बाद ईडी ने अनिल परब से पूछताछ की उनका बयान दर्ज किया।
अनिल परब पर गंभीर आरोप
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई दापोली में 2017 में परब द्वारा 1 करोड़ रुपये के विचार के लिए जमीन के एक पार्सल की खरीद के आरोपों से संबंधित है, लेकिन इसे 2019 में पंजीकृत किया गया था। कुछ अन्य आरोपों की भी एजेंसी द्वारा जांच की जा रही है। आरोप है कि बाद में जमीन को मुंबई के एक केबल ऑपरेटर सदानंद कदम को 2020 में 1.10 करोड़ रुपये में बेच दिया गया। इसी बीच 2017 से 2020 तक इसी जमीन पर रिजॉर्ट बनाया गया।
आयकर विभाग की जांच में भी लगे थे आरोप
वहीं आयकर विभाग की एक जांच में पहले आरोप लगाया गया था कि रिसॉर्ट का निर्माण 2017 में शुरू हुआ था और रिसॉर्ट के निर्माण पर 6 करोड़ रुपये से अधिक नकद खर्च किए गए थे। पूर्व मंत्री अनिल देशमुख से जुड़े एक और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी पहले भी परब से पूछताछ कर चुकी है।
साईं रिसॉर्ट को लेकर ईडी ने की पूछताछ: अनिल परब
ईडी की 13 घंटे की पूछताछ खत्म होने के बाद अनिल परब मीडिया के सामने आए और कहा कि ईडी के अधिकारियों ने मेरे सरकारी आवास और निवास सहित मुझसे संबंधित कई लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की है। जिन पर छापेमारी हुई उनमें से कितने का संबंध रिसार्ट से है मुझे नहीं पता। यह छापेमारी केवल रत्नागिरी के दापोली स्थित साईं रिसोर्ट के सिलसिले में की गई है। मैं पहले से ही कह रहा हूं कि दापोली स्थित साई रिसोर्ट के मालिक सदानंद कदम है उन्होंने कोर्ट में भी यह दावा किया है और खर्च का भी हिसाब दिया है। इस मामले में आयकर विभाग ने भी छापेमारी की थी। रिपोर्ट आने पर सचाई सामने आएगी। परब ने कहा कि यह रिसार्ट अभी चालू नहीं हुआ है फिर भी पर्यावरण की दो धाराओं के तहत दापोली पुसलिस थाने मे मामला दर्ज कराया गया है। जो रिसोर्ट चालू नहीं है उसकी रिपोर्ट पर्यावरण विभाग और पुलिस ने दी है तब भी मेरे नाम पर इस प्रकार की नोटिस दी गई और उसी शिकायत के आधार पर ईडी के अधिकारियों ने छापेमारी की है। उन्होंने कहा कि जांच एजेंसी के हर सवालों का जवाब दिया है। आगे भी उत्तर देने की हमारी तैयारी है।
दो पूर्व मंत्रियों पर भी ईडी ने कसा था शिकंजा
बता दें कि इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) ने उद्धव सरकार के दो मंत्री के खिलाफ भी शिकंजा कसा था। इनमें राज्य के पूर्व गृह मत्री अनिल देशमुख और अल्पसंख्यक मंत्री नवाब मलिक थे
हम अनिल परब के समर्थन में: संजय राउत
शिवसेना नेता संजय राउत ने इस मामले पर बात करते हुए कहा कि हम अनिल परब के समर्थन में हैं। विपक्ष के खिलाफ भाजपा नीत केंद्र सरकार की एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है। यह सिर्फ महाराष्ट्र सरकार को बदनाम करने की साजिश है।
अनिल परब को सलाखों के पीछे जाना चाहिए: किरीट सोमैया
परब के ठिकानों पर ईडी की छापेमारी पर सियासत तेज हो गई है। भाजपा नेता किरीट सोमैया ने कहा कि उन्हें जेल जाने के लिए तैयार रहना चाहिए। सोमैया ने कहा कि अनिल देशमुख और नवाब मलिक के बाद अब राज्य कैबिनेट के तीसरे मंत्री अनिल परब को जेल जाने के लिए तैयार रहने की आवश्यकता है। मुझे भरोसा है कि जांच एजेंसियां परब के खिलाफ केवल एक मामला नहीं, बल्कि सभी आरोपों को उजागर करेगी। पूर्व भाजपा सांसद ने कहा कि वह पिछले कुछ वर्षों से लगातार विभिन्न मुद्दों को उठा रहे हैं और परब के खिलाफ जांच की मांग कर रहे हैं।
कार्रवाई पारदर्शी तरीके से होनी चाहिए: अजीत पवार
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजीत पवार ने कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसियों को अधिकार है, लेकिन उन्हें शक्तियों का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए। पता नहीं राज्य मंत्री अनिल परब के खिलाफ यह कार्रवाई क्यों की गई है। मैं केवल इतना कहना चाहता हूं कि कार्रवाई पारदर्शी तरीके से होनी चाहिए।