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Turkey Earthquake of Magnitude 7.8 Shakes Central Region near Syria Border News in Hindi
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Turkey Earthquake Update: तुर्की-सीरिया में भूकंप से तबाही, 3800 से ज्यादा की मौत, भारत से NDRF टीम रवाना
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला,अंकारा
Published by: अभिषेक दीक्षित
Updated Tue, 07 Feb 2023 07:04 AM IST
सार
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तुर्की और सीरिया की सीमा के दोनों छोरों पर निवासियों की नींद भूकंप से उड़ गई। ठंडी, बरसात व बर्फीली सर्दियों की रात में लोग बाहर निकल आए क्योंकि झटकों के बाद इमारतें एक तरफ झुक चुकी थीं और मजबूत झटके लगातार जारी थे।
तुर्की और सीरिया सहित चार देशों में भूकंप ने भारी तबाही मचाई है। तुर्किये में नूर्दगी से 23 किलोमीटर पूर्व की ओर यह झटके महसूस किए गए। इसका असर सीरिया तक देखने को मिला। भूकंप की वजह से कई इमारतें धराशायी हो गईं। रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 7.8 मापी गई। सैकड़ों लोग अभी भी मलबे के नीचे फंसे हुए हैं और कई लापता हैं। मृतकों का आंकड़ा और बढ़ने की आशंका है। तुर्किये में सात दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की गई है।
जानकारी के मुताबिक, तुर्की और सीरिया में कम से कम 3800 लोग मारे गए हैं और करीब 15000 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। देश के उपराष्ट्रपति फिएट ओकटे का हवाला देते हुए बताया रिपोर्ट में बताया गया कि 10 शहरों में 1,700 से अधिक इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं हैं। वहीं, सीरिया में कम से कम 783 लोग मारे गए और 639 घायल हो गए। इस्राइल और लेबनान में भी कई मौतों की आशंका जताई जा रही है।
भारत ने तुर्की को हरसंभव मदद का भरोसा दिया है। इसी के तहत एनडीआरफ की टीम और विेशेष प्रशिक्षित डॉग स्क्वॉड को तुर्किये के लिए रवाना किया गया।
#WATCH | Team of NDRF personnel along with a specially trained dog squad and necessary equipment departs from Hindon Airbase in Ghaziabad for Turkey, for search and rescue operations.#Turkey was hit by three consecutive devastating earthquakes, killing more than 3,400 people pic.twitter.com/sbkCjx75ug
डिप्टी कमांडेंट दीपक तलवार ने बताया कि इस टीम में 47 एनडीआरएफ कर्मी और वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं जो संयुक्त राष्ट्र के दिशानिर्देशों के अनुसार कार्य करते हैं। हमें दो टीमों के निर्देश मिले हैं। पहली टीम रवाना होने वाली है और दूसरी टीम सुबह रवाना होगी।
लोगों की नींद भूकंप से उड़ गई
तुर्की और सीरिया की सीमा के दोनों छोरों पर निवासियों की नींद भूकंप से उड़ गई। ठंडी, बरसात व बर्फीली सर्दियों की रात में लोग बाहर निकल आए क्योंकि झटकों के बाद इमारतें एक तरफ झुक चुकी थीं और मजबूत झटके लगातार जारी थे। कई जगह इमारतें जमींदोज हो गईं। बचाव दल शहरों और कस्बों में मलबे के टीले खोजते दिखे, जहां कई लोगों के चीखने की आवाजें सुनी जा सकती थीं। भूकंप के झटके काहिरा तक महसूस किए गए। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के अनुसार, भूकंप का केंद्र गजियांतेप से करीब 33 किलोमीटर दूर 18 किलोमीटर की गहराई पर था। यह सीरियाई सीमा से करीब 90 किलोमीटर दूर उत्तर में है। भूकंप के बाद करीब 20 झटके महसूस किए गए, जिनमें से सबसे शक्तिशाली झटका 6.6 की तीव्रता का था। तुर्किये के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने घटना के तुरंत बाद बचाव दलों को मौके पर पहुंचने के निर्देश दिए हैं। बचावकर्मियों ने कहा कि तनावपूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं और अस्पताल जल्दी ही घायलों से भर गए हैं और मृतक व घायलों की संख्या काफी अधिक हो सकती है।
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बारिश-बर्फबारी में घिरे विस्थापितों पर गहराया नया संकट
सीरिया लंबे समय से गृहयुद्ध की चपेट में है। सर्द मौसम और बारिश-बर्फबारी के बीच पहले ही नागरिक कई परेशानियों में फंसे थे जबकि भूकंप के बाद हालात और भी खराब हो गए। यहां कई केंद्रों में देश के अन्य हिस्सों से विस्थापित करीब 40 लाख लोग बदहाली में रह रहे हैं। व्हाइट हेल्मेट्स नामक विपक्षी आपातकालीन संगठन ने कहा कि सैकड़ों परिवार मलबे में फंसे हुए हैं। उधर, तुर्किये में भी इमारतें जमींदोज हो चुकी हैं।
मौसम विभाग के मुताबिक, भूकंप ऐसे समय में आया है, जब पश्चिम एशिया बर्फीले तूफान की चपेट में है। बर्फीला तूफान बृहस्पतिवार तक जारी रहने के आसार हैं। उत्तर पश्चिम सीरिया में विपक्ष के ‘सीरियन सिविल डिफेंस’ ने विद्रोहियों के कब्जे वाले क्षेत्र में स्थिति को विनाशकारी बताते हुए कहा कि इमारतें ढहने से कई लोग मलबे में दब गए हैं। ‘सीरियन सिविल डिफेंस’ ने लोगों से इमारतों से बाहर खुले स्थान पर रहने को कहा है। तुर्कये की आपदा एवं आपातकालीन प्रबंधन एजेंसी ने पहले बताया था कि सात प्रांतों में कम से कम 76 लोग की मौत हुई है, जबकि 440 लोग घायल हुए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय का हवाला देते हुए सीरियाई सरकारी मीडिया ने बताया कि सोमवार को आए भूकंप से सीरिया सरकार नियंत्रण वाले इलाकों में 237 लोगों की मौत हुई है, जबकि करीब 630 लोग घायल हुए हैं। विद्रोही कब्जे वाले क्षेत्रों में कम से कम 47 लोगों के मारे जाने की खबर है।
हम बेहद दबाव में, कई मौतों की आशंका : डॉक्टर
तुर्की के अदाना शहर में एक निवासी ने कहा कि उसके घर के पास की तीन इमारतें ढह गईं। पत्रकारिता के छात्र मुहम्मद फतह यवस ने कहा, मुझमें अब और ताकत नहीं है, मलबे के नीचे से एक जीवित बचे व्यक्ति को पुकारते हुए सुना जा सकता है क्योंकि बचावकर्मी उस तक पहुंचने की कोशिश कर रहे थे। अतमेह कस्बे के चिकित्सक मुहीब ने बताया, हमें सैकड़ों लोगों के मारे जाने की आशंका है। हम बेहद दबाव में हैं।
तुर्किये : 30 मिनट में लगातार 3 बड़े भूकंप
अमेरिकी भूगर्भीय सर्वेक्षण के मुताबिक, पहले भूकंप का केंद्र तुर्किये के कहरामनमारस प्रांत के गाजियांटेप शहर से 30 किलोमीटर दूर और जमीन से करीब 24 किलोमीटर नीचे था। स्थानीय समय के मुताबिक, ये भूकंप सुबह 4:17 बजे आया। 6.7 तीव्रता का दूसरा झटका 11 मिनट बाद आया, जिसका केंद्र जमीन से 9.9 किलोमीटर नीचे था। इसके 19 मिनट बाद यानी 4:47 बजे 5.6 तीव्रता का तीसरा भूकंप भी आया।
सीरिया : ट्रेन सेवाएं रद्द, 40 सेकेंड तक महसूस हुए झटके
सीरिया के दमिश्क, अलेप्पो, हमा, लताकिया समेत कई शहरों में इमारतें गिरने की खबर है। ट्रेन सेवाएं रद्द कर दी गई हैं। यहां के कई इलाकों में लोगों ने बताया कि करीब 40 सेकेंड तक भूकंप के झटके महसूस किए गए। क्षेत्र में सर्वाधिक बुरा हाल शरणार्थी शिविरों में देखा गया जहां देशभर में आतंक से जूझ रहे पीड़ित पहले ही कई प्राकृतिक दिक्कतों से दो-चार हो रहे हैं।
100 साल बाद आया इतना खरतरनाक भूकंप
तुर्की में इससे पहले 1939 में 7.8 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया था। इसमें 30 हजार लोगों की मौत हुई थी। 1999 में तुर्किये 7.2 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें 845 लोगों की मौत हो गई थी। 2017 में ईरान-इराक में क्रॉस-बॉर्डर भूकंप आया था। इराक के कुर्दिश शहर हलाबजा से इरान के कर्मानशाह प्रांत में झटके महसूस किए गए थे। इसमें 630 लोगों की मौत हुई थी। 8 हजार से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
यूएस जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक, भूकंप का केंद्र गाजियांटेप से लगभग 33 किलोमीटर (20 मील) और नूरदगी शहर से लगभग 26 किलोमीटर (16 मील) दूर था। यह 18 किलोमीटर (11 मील) की गहराई पर केंद्रित था। भूकंप के झटके दूर सीरिया तक महसूस किए गए। भूकंप के झटके इतने तेज थे कि कई इमारतों को नुकसान पहुंचने की खबरें आई हैं। संयुक्त राज्य भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण की मानें तो भूकंप की वजह से कई लोगों के हताहत होने की आशंका है।
भूकंप
- फोटो : Social Media
राष्ट्रपति एर्दोगन बोले- इस आपदा से मिलकर निपटेंगे
तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने ट्विटर पर कहा कि भूकंप से प्रभावित क्षेत्रों में खोज और बचाव दलों को तुरंत भेजा गया। हमें उम्मीद है कि हम इस आपदा को एक साथ जल्द से जल्द और कम से कम नुकसान के साथ पार कर लेंगे।
पीएम मोदी ने जताया दुख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूकंप की घटना पर दुख जताया। उन्होंने कहा कि तुर्की में भूकंप के कारण जनहानि और संपत्ति के नुकसान से दुखी हूं। शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना। घायल जल्द स्वस्थ हों। भारत तुर्की लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है और इस त्रासदी से निपटने के लिए हर संभव सहायता देने को तैयार है।
भारत भेजेगा मदद
इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश के बाद भारत सरकार ने भूकंप प्रभावित तुर्की को मदद भेजने का फैसला किया है। भारत तुर्की को राष्ट्रीय आपदा मोचन बल( NDRF) का खोज एवं बचाव दल, चिकित्सा दल और राहत सामग्री भेजेगा।
सरकार की ओर से इस संबंध में एक आधिकारिक बयान भी जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि पीएम मोदी के प्रधान सचिव पी के मिश्रा ने तत्काल राहत उपायों पर चर्चा करने के लिए साउथ ब्लॉक में एक बैठक की और वहां निर्णय लिया गया। निर्णय के मुताबिक, विशेष रूप से प्रशिक्षित डॉग स्क्वॉड और आवश्यक उपकरणों के साथ 100 कर्मियों वाली एनडीआरएफ की दो टीमें खोज और बचाव कार्यों के लिए भूकंप प्रभावित क्षेत्र में जाने के लिए तैयार हैं। साथ ही मेडिकल टीमों को आवश्यक दवाओं के साथ प्रशिक्षित डॉक्टरों और पैरामेडिक्स के साथ तैयार किया जा रहा है।
ये राहत सामग्री तुर्की सरकार और अंकारा में भारतीय दूतावास और इस्तांबुल में महावाणिज्य दूतावास के समन्वय से भेजी जाएगी।
भूकंप
- फोटो : Social Media
कैसे आता है भूकंप?
भूकंप के आने की मुख्य वजह धरती के अंदर प्लेटों का टकरना है। धरती के भीतर सात प्लेट्स होती हैं जो लगातार घूमती रहती हैं। जब ये प्लेटें किसी जगह पर आपस में टकराती हैं, तो वहां फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है और सतह के कोने मुड़ जाते हैं। सतह के कोने मुड़ने की वजह से वहां दबाव बनता है और प्लेट्स टूटने लगती हैं। इन प्लेट्स के टूटने से अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है, जिसकी वजह से धरती हिलती है और हम इसे भूकंप मानते हैं।
भूकंप की तीव्रता
रिक्टर स्केल पर 2.0 से कम तीव्रता वाले भूकंप को माइक्रो कैटेगरी में रखा जाता है और यह भूकंप महसूस नहीं किए जाते। रिक्टर स्केल पर माइक्रो कैटेगरी के 8,000 भूकंप दुनियाभर में रोजाना दर्ज किए जाते हैं।
इसी तरह 2.0 से 2.9 तीव्रता वाले भूकंप को माइनर कैटेगरी में रखा जाता है। ऐसे 1,000 भूकंप प्रतिदिन आते हैं इसे भी सामान्य तौर पर हम महसूस नहीं करते।
वेरी लाइट कैटेगरी के भूकंप 3.0 से 3.9 तीव्रता वाले होते हैं, जो एक साल में 49,000 बार दर्ज किए जाते हैं। इन्हें महसूस तो किया जाता है लेकिन शायद ही इनसे कोई नुकसान पहुंचता है।
लाइट कैटेगरी के भूकंप 4.0 से 4.9 तीव्रता वाले होते हैं जो पूरी दुनिया में एक साल में करीब 6,200 बार रिक्टर स्केल पर दर्ज किए जाते हैं। इन झटकों को महसूस किया जाता है और इनसे घर के सामान हिलते नजर आते हैं। हालांकि इनसे न के बराबर ही नुकसान होता है।
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