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Defense Ministry signs Rs 3000 crore contract with BEL for procurement of 'Project Himshakti'
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'प्रोजेक्ट हिमशक्ति': वायुसेना और होगी ताकतवर, रक्षा मंत्रालय ने बीईएल के साथ किया 3000 करोड़ रुपये का करार
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: शिव शरण शुक्ला
Updated Fri, 24 Mar 2023 06:41 PM IST
सार
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रक्षा मंत्रालय ने भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल), हैदराबाद के साथ लगभग 3,000 करोड़ रुपये की कुल लागत से दो एकीकृत इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम 'प्रोजेक्ट हिमशक्ति' की खरीद के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए।
भारतीय वायुसेना लगातार अपनी ताकत बढ़ा रही है। इसी क्रम में वायुसेना ने निगरानी, पहचान और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध क्षमताओं को बढ़ाने के लिए रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) के साथ 3000 करोड़ रुपये का एक करार किया है।
यह करार 'प्रोजेक्ट हिमशक्ति' की खरीद से संबंधित है। रक्षा मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, मंत्रालय ने शुक्रवार को भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल), हैदराबाद के साथ लगभग 3,000 करोड़ रुपये की कुल लागत से दो एकीकृत इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम 'प्रोजेक्ट हिमशक्ति' की खरीद के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए। मंत्रालय ने यह भी बताया कि यह खरीद स्वदेशी रूप से डिजाइन विकसित और निर्मित श्रेणी के अंतर्गत है। इसमें वर्तमान समय की सभी विशिष्ट प्रौद्योगिकियां शामिल हैं।
विदेशी ओईएम के साथ रक्षा क्षेत्र में कार्यरत 45 कंपनियों/जेवी को सरकार की मंजूरी
वहीं, दूसरी ओर सरकार ने रक्षा क्षेत्र में विदेशी OEM (मूल उपकरण विनिर्माताओं) के साथ काम कर रही 45 कंपनियों/संयुक्त उपक्रमों' को मंजूरी दे दी है। शुक्रवार को रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने लोकसभा में यह जानकारी दी। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सरकार ने रक्षा में कार्यरत 45 कंपनियों/जेवी को मंजूरी दी है।
देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के तहत रक्षा उपकरणों के निर्माण में रुचि दिखाने वाली विदेशी कंपनियों की संख्या के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने यह जानकारी दी। इसके अलावा, उन्होंने यह भी बताया कि सरकार ने पिछले कुछ सालों में कई नीतिगत पहल की हैं और देश में रक्षा उपकरणों के स्वदेशी डिजाइन, विकास और निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए सुधार किए हैं। इससे आने वाले सालों में आयात पर निर्भरता कम हो जाएगी।
इससे पहले कल यानी गुरुवार को भी रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) के साथ 3700 करोड़ रुपये से अधिक के दो करार किए थे।
इनमें पहला समझौता 2800 करोड़ रुपये अधिक का था। यह वायुसेना के लिए मध्यम शक्ति रडार (एमपीआर) ‘अरुधरा’ की आपूर्ति का है। जबकि दूसरा अनुबंध करीब 950 करोड़ रुपये का है, जो 129 डीआर-118 रडार चेतावनी प्राप्तकर्ता (आरडब्ल्यूआर) का है। ये दोनों परियोजनाएं ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल के तहत स्वदेशी रूप से डिजाइन विकसित और निर्मित श्रेणी के तहत हैं। ये अनिवार्य रूप से ‘आत्मनिर्भर भारत’ की भावना के प्रतीक हैं और देश को रक्षा निर्माण में आत्मनिर्भरता की सोच को साकार करने में सहायता करेंगे।
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