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IAF: वीआर चौधरी बोले- अत्याधुनिक हथियारों पर काम करें रक्षा उद्योग, अंतरिक्ष में भी लड़ी जाएगी भविष्य की जंग

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: निर्मल कांत Updated Tue, 21 Mar 2023 09:12 PM IST
सार

वायुसेना प्रमुख ने कहा, बीते कुछ वर्षों में भारतीय वायुसेना ने शांति से लेकर संघर्ष तक सभी क्षेत्रों में अपनी क्षमता को साबित किया है। वायुसेना बदलाव के रास्ते पर है ताकि वह भविष्य के युद्धों से लड़ सके और जीत सके।

Defence industry should work on directed energy, hypersonic weapons: IAF chief
Air Force chief Air Chief Marshal VR Chaudhari - फोटो : ANI (File)

विस्तार

वायुसेना प्रमुख वी आर चौधरी ने मंगलवार को कहा कि भारतीय रक्षा उद्योग को अत्याधुनिक ऊर्जा और हाइपरसोनिक हथियारों पर काम करने की जरूरत है। वह 'पीएचडीसीआई डीईएफ एक्स टेक इंडिया-2023' के उद्घाटन पर संबोधित कर रहे थे। इस दौरान एयर चीफ मार्शल ने भविष्य की प्रौद्योगिकियों को अपनाने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि भविष्य में युद्ध जमीन, वायु और समुद्र के साथ-साथ अंतरिक्ष में भी लड़े जाएंगे। उन्होंने कहा कि आजादी के सौ साल पूरे होने पर देश के हथियार अलग होंगे। निर्देशित उर्जा हथियार (डीईडब्ल्यू) और हाइपरसोनिक हथियारों का अन्य देशों द्वारा पहले ही परीक्षण और इस्तेमाल किया जा चुका है। डीईडब्ल्यू पारंपरिक हथियारों की तुलना में प्रति शॉट कम लागत, लॉजिस्टिक लाभ जैसे महत्वपूर्ण लाभ प्रदान करते हैं। 



एयर चीफ मार्शल चौधरी ने कहा, हमारे रक्षा उद्योग को इन हथियारों के विकास को आगे बढ़ाने और वांछित रेंज व सटीकता हासिल करने के लिए उन्हें एयरबोर्न प्लेटफॉर्म पर एकीकृत करने की जरूरत है। उन्होंने एयरोस्पेस ताकत को बढ़ाने की जरूरत पर भी जोर दिया। वायुसेना प्रमुख ने कहा, रक्षा मंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा है कि अब समय आ गया है कि भारतीय वायुसेना एक एयरोस्पेस बल बने और देश को लगातार उभरते खतरों से बचाने के लिए तैयार रहे। 


उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र के प्रवेश के साथ ही अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों में एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया देखी जा रही है। चौधरी ने कहा, अनुप्रयोगों के लिए अंतरिक्ष यान के विकास, प्रक्षेपण और परिचान की लागत नाटकीय रूप से कम हुई है। पच्चीस साल पहले नागरिक अंतरिक्ष यात्रा एक सपना था, आज एक वास्तविकता है। उन्होंने कहा, अंतरिक्ष को हथियार बनाने की दौड़ पहले ही शुरू हो चुकी है और वह दिन अब दूर नहीं जब अगला युद्ध जमीन, वायु, समुद्र और अंतरिक्ष सभी क्षेत्रों में फैल सकता है। इसलिए मुझे लगता है कि हमारी संपत्ति की रक्षा के लिए आक्रामक और रक्षात्मक दोनों अंतरिक्ष क्षमताओं को विकसित करने की आवश्यकता है। 
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