टाटा सन्स के बर्खास्त चेयरमैन सायरस मिस्त्री ने एनटीटी डोकोमो के साथ समूह के विवाद में लगे आरोपों का जोरदार खंडन किया है और कहा है कि इस साझा उपक्रम से जुड़े फैसलों में रतन टाटा शामिल रहे थे। मिस्त्री ने कहा है कि यह कहना गलत है कि टाटा डोकोमो विवाद में उन्होंने टाटा सन्स की संस्कृति और मूल्यों के मुताबिक फैसला नहीं लिया। लेकिन टाटा सन्स की ओर से मिस्त्री के इस बयान को खारिज कर दिया गया है और कहा गया है कि पता नहीं वह किन काल्पनिक आरोपों का हवाला दे रहे हैं।
मिस्त्री के दफ्तर से जारी एक बयान में कहा गया है कि टाटा-डोकोमो संयुक्त उपक्रम पर लिए गए फैसले और उसके बाद के विवाद की स्थिति पर जो फैसले लिए गए उनमें बोर्ड और रतन टाटा की पूरी सहमति थी।
इस बयान में कहा गया है कि सायरस मिस्त्री पर डोकोमो विवाद को बिगाड़ने का जो आरोप लग रहा है वह बिल्कुल गलत है। मिस्त्री पर यह आरोप लगाया है कि उन्होंने टाटा-डोकोमो मामले को जिस तरह हैंडिल किया, वह टाटा समूह की संस्कृति और मूल्यों के आधार के मुताबिक नहीं था।
लेकिन मिस्त्री की ओर से कहा गया कि टाटा सन्स का यह आरोप बिल्कुल बेबुनियाद है। यह कहा जाना कि टाटा-डोकोमो विवाद को हैंडिल करने के तरीके को रतन टाटा और ट्रस्टी मंजूर नहीं करते, बिल्कुल गलत है।
मिस्त्री के दफ्तर से जारी बयान के जवाब में टाटा समूह के प्रवक्ता ने कहा कि मिस्त्री जो आरोप लगा रहे हैं वे बिल्कुल गलत है। यह मामला अदालत में है। टाटा सन्स की ओर से कहा गया है कि डोकोमो के साथ समझौता मिस्त्री के एक्जीक्यूटिव चेयरमैन बनने से पहले ले लिया गया था। जबकि मिस्त्री का कहना है कि इस मामले में सारे फैसले पर ट्रस्टियों और रतन टाटा की सहमति से हुए थे।
गौरतलब है कि टाटा-डोकोमो विवाद पर आर्बिट्रेशन पैनल की ओर से टाटा सन्स पर लगाए गए 1.17 अरब डॉलर के हर्जाने के मामले को ठीक से हैंडिल न कर पाना, मिस्त्री की बर्खास्तगी की अहम वजहों में से एक रहा।
टाटा सन्स के बर्खास्त चेयरमैन सायरस मिस्त्री ने एनटीटी डोकोमो के साथ समूह के विवाद में लगे आरोपों का जोरदार खंडन किया है और कहा है कि इस साझा उपक्रम से जुड़े फैसलों में रतन टाटा शामिल रहे थे। मिस्त्री ने कहा है कि यह कहना गलत है कि टाटा डोकोमो विवाद में उन्होंने टाटा सन्स की संस्कृति और मूल्यों के मुताबिक फैसला नहीं लिया। लेकिन टाटा सन्स की ओर से मिस्त्री के इस बयान को खारिज कर दिया गया है और कहा गया है कि पता नहीं वह किन काल्पनिक आरोपों का हवाला दे रहे हैं।
मिस्त्री के दफ्तर से जारी एक बयान में कहा गया है कि टाटा-डोकोमो संयुक्त उपक्रम पर लिए गए फैसले और उसके बाद के विवाद की स्थिति पर जो फैसले लिए गए उनमें बोर्ड और रतन टाटा की पूरी सहमति थी।
इस बयान में कहा गया है कि सायरस मिस्त्री पर डोकोमो विवाद को बिगाड़ने का जो आरोप लग रहा है वह बिल्कुल गलत है। मिस्त्री पर यह आरोप लगाया है कि उन्होंने टाटा-डोकोमो मामले को जिस तरह हैंडिल किया, वह टाटा समूह की संस्कृति और मूल्यों के आधार के मुताबिक नहीं था।