न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: प्रियंका तिवारी
Updated Thu, 08 Apr 2021 12:09 PM IST
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि अब निजी व सरकारी कार्यस्थलों में भी टीकाकरण किया जा सकता है जहां पर 100 या उससे अधिक की संख्या में टीका लेने वाले योग्य व पात्र कर्मी मौजूद हों। इसके लिए सरकार ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश की सरकारों को 11 अप्रैल तक तैयारी पूरी करने को कहा है। मंत्रालय ने कहा कि इस कदम का उद्देश्य देशभर में टीकाकरण अभियान की गति को बढ़ाना है।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा वर्क प्लेस पर टीकाकरण का आयोजन न केवल कार्यस्थल के कर्मचारियों के लिए सुविधाजनक होगा, बल्कि यात्रा से बचने में भी मदद करेगा और इससे कोविड-19 वायरस का जोखिम भी कम होगा। यहां पढ़ें निजी व सरकारी कार्यालयों में कोविड-19 टीकाकरण से संबंधित सारी बातें-
टीकाकरण प्रक्रिया
- जिला मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में जिला टास्क फोर्स और नगरपालिका आयुक्त की अध्यक्षता वाली शहरी टास्क फोर्स सरकारी और निजी कार्यस्थलों की पहचान करेगी, जहां कोविड-19 टीकाकरण सत्र आयोजित किए जा सकते हैं।
- स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि इन संस्थानों का प्रबंधन अपने वरिष्ठ कर्मचारी को एक नोडल अधिकारी के रूप में काम करने के लिए नामित करेगा जो कि जिला स्वास्थ्य अधिकारियों या निजी कोविड-19 टीकाकरण केंद्रों (सीवीसी) के साथ समन्वय कर टीकाकरण गतिविधियों का निरिक्षण करेगा।
- नोडल अधिकारी कार्यस्थल सीवीसी पर लाभार्थियों का पंजीकरण, भौतिक और आईटी अवसंरचना की उपलब्धता और टीकाकरण के सभी पहलुओं की देखरेख जैसी सुविधाओं की निगरानी करेगा।
- एक बार सरकारी या निजी कोविड-19 टीकाकरण केंद्र (सीवीसी) के रूप में पहचान हो जाने के बाद ऐसे सभी कार्यालय सीवीसी कोविन पोर्टल में पंजीकृत किए जाएंगे।
- सरकारी या निजी सीवीसी के प्रभारी कार्यस्थल सीवीसी में वैक्सीन प्रदान करने और इन कार्यालयों से कोविन में रिपोर्टिंग सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार होंगे।
- टीकाकरण अभियान के वर्तमान चरण के अनुसार केवल वह कर्मचारी जो 45 वर्ष या उससे अधिक आयु के हैं वे ही अपने-अपने कार्यालयों में कोविड-19 का टाकी लेने के लिए पात्र होंगे। इसके अलावा पात्र परिवार के सदस्यों सहित किसी भी बाहरी व्यक्ति को कार्यस्थल पर टीकाकरण कराने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
- सरकार ने कहा है कि टीके का लाभ पाने वाले इच्छुक कर्मचारियों को टीकाकरण से पहले कोविन पोर्टल में अपना पंजीकृरण कराना आनिवार्य होगा। ऐसे में सीवीसी नोडल अधिकारी सभी पात्र लाभार्थियों के पंजीकरण को सुनिश्चित करेगा। कर्मचारियों को वैक्सीन लेने से थोड़ी देर पहले अपने कार्यालय में मौके पर ही कोविन एप पर पंजीकरण कराने की सुविधा भी उपलब्ध होगी।
- केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि लाभार्थियों की पहली और दूसरी खुराक में दी जाने वाली वैक्सीन एक ही होनी चाहिए। इनके प्रकारों के मिश्रण से बचने के लिए कार्यस्थलों पर टीकाकरण सत्र के लिए केवल एक प्रकार का टीका उपलब्ध कराया जाएगा।
- कार्यस्थल सीवीसी पर दी जा रही वैक्सीन से पहले ही यदि किसी कर्मचारी ने अन्य कोरोना टीकाकरण केंद्र में जाकर कोई अन्य वैक्सीन लगवा ली है तो उसे अगली खुराक में भी पहली वाली वैक्सीन ही लगवानी होगी।
- केंद्र सरकार ने कहा है कि जो लोग पहले से ही वैक्सीन की पहली खुराक प्राप्त कर चुके हैं, जो यदि कार्यस्थल सीवीसी में दी जाने वाली वैक्सीन से अलग है तो उन्हें कार्यस्थल सीवीसी में टीका नहीं लगाया जाएगा। ऐसे लोगों को पहली खुराक में प्राप्त की गई वैक्सीन की ही दूसरी खुराक कोविड-19 टीकाकरण केंद्रों पर जाकर लेनी होगी।
- हालांकि, स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि जिन लोगों ने वैक्सीन की वही पहली खुराक लगवाई है, जो कि कार्यस्थल सीवीसी पर दी जाएगी, ऐसे लोग कार्यस्थल सीवीसी पर वैक्सीन की दूसरी खुराक भी लेने के पात्र होंगे।
- जिला स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा आयोजित सरकारी कार्यालयों में कोविड-19 टीकाकरण निशुल्क होगा, जबकि निजी सीवीसी और निजी स्वास्थ्य सुविधा केंद्रों में इसके लिए भुगतान करना होगा।
- इसके लिए प्रति व्यक्ति से 250 रुपये लेकर उन्हें वैक्सीन की डोज देनी है। इसमें 150 रुपये वैक्सीन की कीमत है व 100 रुपये सेवा शुल्क के तौर पर लिया जाएगा।
विस्तार
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि अब निजी व सरकारी कार्यस्थलों में भी टीकाकरण किया जा सकता है जहां पर 100 या उससे अधिक की संख्या में टीका लेने वाले योग्य व पात्र कर्मी मौजूद हों। इसके लिए सरकार ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश की सरकारों को 11 अप्रैल तक तैयारी पूरी करने को कहा है। मंत्रालय ने कहा कि इस कदम का उद्देश्य देशभर में टीकाकरण अभियान की गति को बढ़ाना है।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा वर्क प्लेस पर टीकाकरण का आयोजन न केवल कार्यस्थल के कर्मचारियों के लिए सुविधाजनक होगा, बल्कि यात्रा से बचने में भी मदद करेगा और इससे कोविड-19 वायरस का जोखिम भी कम होगा। यहां पढ़ें निजी व सरकारी कार्यालयों में कोविड-19 टीकाकरण से संबंधित सारी बातें-
टीकाकरण प्रक्रिया
- जिला मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में जिला टास्क फोर्स और नगरपालिका आयुक्त की अध्यक्षता वाली शहरी टास्क फोर्स सरकारी और निजी कार्यस्थलों की पहचान करेगी, जहां कोविड-19 टीकाकरण सत्र आयोजित किए जा सकते हैं।
- स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि इन संस्थानों का प्रबंधन अपने वरिष्ठ कर्मचारी को एक नोडल अधिकारी के रूप में काम करने के लिए नामित करेगा जो कि जिला स्वास्थ्य अधिकारियों या निजी कोविड-19 टीकाकरण केंद्रों (सीवीसी) के साथ समन्वय कर टीकाकरण गतिविधियों का निरिक्षण करेगा।
- नोडल अधिकारी कार्यस्थल सीवीसी पर लाभार्थियों का पंजीकरण, भौतिक और आईटी अवसंरचना की उपलब्धता और टीकाकरण के सभी पहलुओं की देखरेख जैसी सुविधाओं की निगरानी करेगा।
- एक बार सरकारी या निजी कोविड-19 टीकाकरण केंद्र (सीवीसी) के रूप में पहचान हो जाने के बाद ऐसे सभी कार्यालय सीवीसी कोविन पोर्टल में पंजीकृत किए जाएंगे।
- सरकारी या निजी सीवीसी के प्रभारी कार्यस्थल सीवीसी में वैक्सीन प्रदान करने और इन कार्यालयों से कोविन में रिपोर्टिंग सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार होंगे।
कौन पात्र है?
- टीकाकरण अभियान के वर्तमान चरण के अनुसार केवल वह कर्मचारी जो 45 वर्ष या उससे अधिक आयु के हैं वे ही अपने-अपने कार्यालयों में कोविड-19 का टाकी लेने के लिए पात्र होंगे। इसके अलावा पात्र परिवार के सदस्यों सहित किसी भी बाहरी व्यक्ति को कार्यस्थल पर टीकाकरण कराने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
- सरकार ने कहा है कि टीके का लाभ पाने वाले इच्छुक कर्मचारियों को टीकाकरण से पहले कोविन पोर्टल में अपना पंजीकृरण कराना आनिवार्य होगा। ऐसे में सीवीसी नोडल अधिकारी सभी पात्र लाभार्थियों के पंजीकरण को सुनिश्चित करेगा। कर्मचारियों को वैक्सीन लेने से थोड़ी देर पहले अपने कार्यालय में मौके पर ही कोविन एप पर पंजीकरण कराने की सुविधा भी उपलब्ध होगी।
कौन से टीके लगाए जाएंगे?
- केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि लाभार्थियों की पहली और दूसरी खुराक में दी जाने वाली वैक्सीन एक ही होनी चाहिए। इनके प्रकारों के मिश्रण से बचने के लिए कार्यस्थलों पर टीकाकरण सत्र के लिए केवल एक प्रकार का टीका उपलब्ध कराया जाएगा।
- कार्यस्थल सीवीसी पर दी जा रही वैक्सीन से पहले ही यदि किसी कर्मचारी ने अन्य कोरोना टीकाकरण केंद्र में जाकर कोई अन्य वैक्सीन लगवा ली है तो उसे अगली खुराक में भी पहली वाली वैक्सीन ही लगवानी होगी।
- केंद्र सरकार ने कहा है कि जो लोग पहले से ही वैक्सीन की पहली खुराक प्राप्त कर चुके हैं, जो यदि कार्यस्थल सीवीसी में दी जाने वाली वैक्सीन से अलग है तो उन्हें कार्यस्थल सीवीसी में टीका नहीं लगाया जाएगा। ऐसे लोगों को पहली खुराक में प्राप्त की गई वैक्सीन की ही दूसरी खुराक कोविड-19 टीकाकरण केंद्रों पर जाकर लेनी होगी।
- हालांकि, स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि जिन लोगों ने वैक्सीन की वही पहली खुराक लगवाई है, जो कि कार्यस्थल सीवीसी पर दी जाएगी, ऐसे लोग कार्यस्थल सीवीसी पर वैक्सीन की दूसरी खुराक भी लेने के पात्र होंगे।
कोविड-19 टीके पर खर्च
- जिला स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा आयोजित सरकारी कार्यालयों में कोविड-19 टीकाकरण निशुल्क होगा, जबकि निजी सीवीसी और निजी स्वास्थ्य सुविधा केंद्रों में इसके लिए भुगतान करना होगा।
- इसके लिए प्रति व्यक्ति से 250 रुपये लेकर उन्हें वैक्सीन की डोज देनी है। इसमें 150 रुपये वैक्सीन की कीमत है व 100 रुपये सेवा शुल्क के तौर पर लिया जाएगा।