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कोरोना से निजात की दिशा में भारत एक कदम और आगे बढ़ गया है। अमर उजाला को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के अनुसार, कोरोना वायरस के टीके को लेकर लगभग सभी अड़चनें खत्म हो चुकी हैं। कम तापमान की वजह से अब नए कोल्डचैन की आवश्यकता नहीं है। भारत अगले वर्ष तीन अलग-अलग टीकों के साथ कोविड-19 का पहला और दुनिया का सबसे बड़ा वयस्क टीकाकरण कार्यक्रम शुरू करेगा।
सोमवार को केंद्र सरकार के तमाम विशेषज्ञों के साथ टीकाकरण को लेकर हुई बैठक में रणनीति को लेकर सभी बिंदुओं पर चर्चा की गई। इस दौरान राष्ट्रीय टास्क फोर्स के शीर्ष अधिकारियों के अलावा दवा कंपनी के सीईओ भी मौजूद थे। बैठक में लिए गए फैसलों को देर शाम तक पीएम भेज दिया गया है। जानकारी के अनुसार, मंगलवार को देश के मुख्यमंत्रियों के साथ मिलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस रणनीति पर चर्चा करेंगे।
इसमें सबसे अहम है कि राज्यों को टीका की खरीद नहीं करनी है और केंद्र की ओर से समानता का अधिकार रखते हुए सभी राज्यों को बराबर संख्या में रोज उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अलावा उत्तर प्रदेश, बिहार और महाराष्ट्र में आवश्यक लोगों की संख्या अधिक होने के चलते वहां की सरकारों से बेहतर रणनीति पर काम करने की सलाह भी दी जाएगी।
रणनीति में नहीं हुआ बदलाव
एक वरिष्ठ अधिकारी ने अमर उजाला को बताया कि टीके को लेकर भारत शुरुआत से जिस रणनीति को लेकर चल रहा था, उसमें अब बदलाव नहीं किया जाएगा। अब जब एस्ट्रेजेनेका के परिणाम संतोषजनक सामने आ चुके हैं और भारत बायोटेक का अंतिम परीक्षण भी जा रही है। ऐसे में सरकार इन दो कंपनियों के टीके को लेकर आगे बढ़ेगी।
इस बीच रूस या फिर जेनेवा एवं जायडस कैडिला का टीका आने पर उसे भी टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल कर लिया जाएगा। वहीं राष्ट्रीय टास्क फोर्स के एक सदस्य ने पुरानी रणनीति को ही बेहतर मानते हुए कहा कि फाइजर और मॉडर्ना के टीके काफी कम तापमान पर सुरक्षित रहते हैं। लेकिन एस्ट्रेजेनेका और भारत बायोटेक के लिए हमें अलग से कोल्डचैन पर काम नहीं करना होगा। इसके अलावा टीका लगाने के लिए सीरिंज का उत्पादन भी जोरों पर चल रहा है।
कोरोना से निजात की दिशा में भारत एक कदम और आगे बढ़ गया है। अमर उजाला को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के अनुसार, कोरोना वायरस के टीके को लेकर लगभग सभी अड़चनें खत्म हो चुकी हैं। कम तापमान की वजह से अब नए कोल्डचैन की आवश्यकता नहीं है। भारत अगले वर्ष तीन अलग-अलग टीकों के साथ कोविड-19 का पहला और दुनिया का सबसे बड़ा वयस्क टीकाकरण कार्यक्रम शुरू करेगा।
सोमवार को केंद्र सरकार के तमाम विशेषज्ञों के साथ टीकाकरण को लेकर हुई बैठक में रणनीति को लेकर सभी बिंदुओं पर चर्चा की गई। इस दौरान राष्ट्रीय टास्क फोर्स के शीर्ष अधिकारियों के अलावा दवा कंपनी के सीईओ भी मौजूद थे। बैठक में लिए गए फैसलों को देर शाम तक पीएम भेज दिया गया है। जानकारी के अनुसार, मंगलवार को देश के मुख्यमंत्रियों के साथ मिलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस रणनीति पर चर्चा करेंगे।
इसमें सबसे अहम है कि राज्यों को टीका की खरीद नहीं करनी है और केंद्र की ओर से समानता का अधिकार रखते हुए सभी राज्यों को बराबर संख्या में रोज उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अलावा उत्तर प्रदेश, बिहार और महाराष्ट्र में आवश्यक लोगों की संख्या अधिक होने के चलते वहां की सरकारों से बेहतर रणनीति पर काम करने की सलाह भी दी जाएगी।
रणनीति में नहीं हुआ बदलाव
एक वरिष्ठ अधिकारी ने अमर उजाला को बताया कि टीके को लेकर भारत शुरुआत से जिस रणनीति को लेकर चल रहा था, उसमें अब बदलाव नहीं किया जाएगा। अब जब एस्ट्रेजेनेका के परिणाम संतोषजनक सामने आ चुके हैं और भारत बायोटेक का अंतिम परीक्षण भी जा रही है। ऐसे में सरकार इन दो कंपनियों के टीके को लेकर आगे बढ़ेगी।
इस बीच रूस या फिर जेनेवा एवं जायडस कैडिला का टीका आने पर उसे भी टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल कर लिया जाएगा। वहीं राष्ट्रीय टास्क फोर्स के एक सदस्य ने पुरानी रणनीति को ही बेहतर मानते हुए कहा कि फाइजर और मॉडर्ना के टीके काफी कम तापमान पर सुरक्षित रहते हैं। लेकिन एस्ट्रेजेनेका और भारत बायोटेक के लिए हमें अलग से कोल्डचैन पर काम नहीं करना होगा। इसके अलावा टीका लगाने के लिए सीरिंज का उत्पादन भी जोरों पर चल रहा है।