नए संसद भवन का निर्माण इस साल दिसंबर में शुरू कर दिया जाएगा। लोकसभा सचिवालय ने शुक्रवार को कहा कि नए भवन का निर्माण कार्य अक्तूबर, 2022 तक पूरा हो जाने की संभावना है। नए भवन में दोनों सदन में 1272 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था की जाएगी। मौजूदा भवन में 788 सांसदों के ही बैठने की व्यवस्था है।
पुराने संसद भवन के ही बराबर में बनने वाले नए भवन के निर्माण की बोली पिछले महीने टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ने 861.90 करोड़ रुपये में जीती थी। सचिवालय के अधिकारियों के मुताबिक, नए संसद भवन में एक ग्रांड संविधान हॉल भी बनाया जाएगा, जिसमें भारतीय सविधान की मूल प्रति के अलावा अन्य भारतीय लोकतांत्रिक विरासतों को प्रदर्शित किया जाएगा।
इसके अलावा सांसदों के लिए लाउंज, पुस्तकालय, विभिन्न समितियों के कक्ष, खानपान कक्ष और पर्याप्त पार्किंग स्थल भी नए संसद भवन परिसर का हिस्सा होंगे।
नया त्रिकोणीय संसद भवन केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का ही हिस्सा है, जिसके तहत वर्तमान लुटियन जोन में राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक तीन किलोमीटर लंबे राजपथ के दोनों तरफ मौजूद वर्तमान कार्यालयों व आवासों को हटाकर संयुक्त केंद्रीय सचिवालय आदि निर्मित किए जाएंगे। इस प्रोजेक्ट में वर्तमान प्रधानमंत्री आवास को भी ध्वस्त कर दिया जाएगा।
लोकसभा सचिवालय के मुताबिक, शुक्रवार को नए भवन के निर्माण की समीक्षा बैठक लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में केंद्रीय आवासीय व शहरी मामले मंत्री हरदीप सिंह पुरी भी मौजूद रहे।
बैठक में तय किया गया कि दिसंबर में संभावित शिलान्यास समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल रहेंगे। बैठक में निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर नजर रखने के लिए एक समिति गठित करने का निर्णय लिया गया, जिसमें लोकसभा सचिवालय, आवास व शहरी मामले मंत्रालय, सीपीडब्ल्यूडी, एनडीएमसी के अधिकारियों के साथ ही प्रोजेक्ट डिजाइनर को शामिल किया जाएगा।
प्रदूषण रहित निर्माण करने की तैयारी
नए भवन का निर्माण पूरा होने तक वर्तमान भवन में ही संसदीय सत्र आयोजित किए जाएंगे और इन सत्रों में निर्माण कार्य के कारण खलल पैदा नहीं होने की बात सुनिश्चित की जाएगी। सचिवालय के अधिकारियों ने कहा कि नए संसद भवन के निर्माण के दौरान वायु व ध्वनि प्रदूषण नहीं होने देने के लिए भी उचित कदम उठाए जाएंगे।
पुराने और नए संसद भवन पर एक नजर
- 543 लोकसभा और 245 राज्यसभा सदस्य बैठने की व्यवस्था है वर्तमान संसद भवन में
- 888 लोकसभा और 384 राज्यसभा सदस्यों के बैठने की व्यवस्था की जाएगी नए भवन में
- 83 लाख रुपये की लागत के साथ छह साल के अंदर बनाया गया था पुराना संसद भवन
- 861 करोड़ रुपये लगेंगे नए संसद भवन के निर्माण में, तीन साल में किया जाएगा तैयार
लुटियंस ने डिजाइन किया था पुराना संसद भवन
ब्रिटिश कालीन वर्तमान संसद भवन का डिजाइन नई दिल्ली की योजना बनाने वाले और इसका निर्माण पूरा कराने वाले आर्किटेक्ट एडविन लुटियंस और उनके सहयोगी हरबर्ट बेकर ने तैयार किया था। करीब 560 फुट व्यास वाली वर्तमान गोलाकार इमारत की नींव 12 फरवरी, 1921 को रखी गई थी और 18 जनवरी, 1927 को इसका लोकार्पण तत्कालीन गवर्नर जनरल लॉर्ड इरविन ने किया था।
नए संसद भवन का निर्माण इस साल दिसंबर में शुरू कर दिया जाएगा। लोकसभा सचिवालय ने शुक्रवार को कहा कि नए भवन का निर्माण कार्य अक्तूबर, 2022 तक पूरा हो जाने की संभावना है। नए भवन में दोनों सदन में 1272 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था की जाएगी। मौजूदा भवन में 788 सांसदों के ही बैठने की व्यवस्था है।
पुराने संसद भवन के ही बराबर में बनने वाले नए भवन के निर्माण की बोली पिछले महीने टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ने 861.90 करोड़ रुपये में जीती थी। सचिवालय के अधिकारियों के मुताबिक, नए संसद भवन में एक ग्रांड संविधान हॉल भी बनाया जाएगा, जिसमें भारतीय सविधान की मूल प्रति के अलावा अन्य भारतीय लोकतांत्रिक विरासतों को प्रदर्शित किया जाएगा।
इसके अलावा सांसदों के लिए लाउंज, पुस्तकालय, विभिन्न समितियों के कक्ष, खानपान कक्ष और पर्याप्त पार्किंग स्थल भी नए संसद भवन परिसर का हिस्सा होंगे।
नया त्रिकोणीय संसद भवन केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का ही हिस्सा है, जिसके तहत वर्तमान लुटियन जोन में राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक तीन किलोमीटर लंबे राजपथ के दोनों तरफ मौजूद वर्तमान कार्यालयों व आवासों को हटाकर संयुक्त केंद्रीय सचिवालय आदि निर्मित किए जाएंगे। इस प्रोजेक्ट में वर्तमान प्रधानमंत्री आवास को भी ध्वस्त कर दिया जाएगा।
लोकसभा सचिवालय के मुताबिक, शुक्रवार को नए भवन के निर्माण की समीक्षा बैठक लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में केंद्रीय आवासीय व शहरी मामले मंत्री हरदीप सिंह पुरी भी मौजूद रहे।
बैठक में तय किया गया कि दिसंबर में संभावित शिलान्यास समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल रहेंगे। बैठक में निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर नजर रखने के लिए एक समिति गठित करने का निर्णय लिया गया, जिसमें लोकसभा सचिवालय, आवास व शहरी मामले मंत्रालय, सीपीडब्ल्यूडी, एनडीएमसी के अधिकारियों के साथ ही प्रोजेक्ट डिजाइनर को शामिल किया जाएगा।
प्रदूषण रहित निर्माण करने की तैयारी
नए भवन का निर्माण पूरा होने तक वर्तमान भवन में ही संसदीय सत्र आयोजित किए जाएंगे और इन सत्रों में निर्माण कार्य के कारण खलल पैदा नहीं होने की बात सुनिश्चित की जाएगी। सचिवालय के अधिकारियों ने कहा कि नए संसद भवन के निर्माण के दौरान वायु व ध्वनि प्रदूषण नहीं होने देने के लिए भी उचित कदम उठाए जाएंगे।
पुराने और नए संसद भवन पर एक नजर
- 543 लोकसभा और 245 राज्यसभा सदस्य बैठने की व्यवस्था है वर्तमान संसद भवन में
- 888 लोकसभा और 384 राज्यसभा सदस्यों के बैठने की व्यवस्था की जाएगी नए भवन में
- 83 लाख रुपये की लागत के साथ छह साल के अंदर बनाया गया था पुराना संसद भवन
- 861 करोड़ रुपये लगेंगे नए संसद भवन के निर्माण में, तीन साल में किया जाएगा तैयार
लुटियंस ने डिजाइन किया था पुराना संसद भवन
ब्रिटिश कालीन वर्तमान संसद भवन का डिजाइन नई दिल्ली की योजना बनाने वाले और इसका निर्माण पूरा कराने वाले आर्किटेक्ट एडविन लुटियंस और उनके सहयोगी हरबर्ट बेकर ने तैयार किया था। करीब 560 फुट व्यास वाली वर्तमान गोलाकार इमारत की नींव 12 फरवरी, 1921 को रखी गई थी और 18 जनवरी, 1927 को इसका लोकार्पण तत्कालीन गवर्नर जनरल लॉर्ड इरविन ने किया था।