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CDS General Anil Chauhan, India can be superpower in defence manufacturing
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CDS General Anil Chauhan: सीडीएस जनरल चौहान बोले- रक्षा निर्माण में महाशक्ति बन सकता है भारत
पीटीआई, नई दिल्ली
Published by: संजीव कुमार झा
Updated Tue, 07 Feb 2023 07:51 PM IST
सार
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सीडीएस चौहान ने कहा कि जब हम एक शक्तिशाली भारत की कल्पना करते हैं, तो हमारा प्रमुख ध्यान सशस्त्र बलों की ओर जाता है और हम उनकी उपलब्धियों पर गर्व महसूस करते हैं।
रक्षा निर्माण में निजी क्षेत्र के योगदान की सराहना करते हुए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने मंगलवार को कहा कि भारत में सैन्य उपकरण बनाने में एक महाशक्ति के रूप में उभरने की क्षमता है और उसने बड़े और जटिल प्लेटफार्मों को विकसित करने के लिए साधन प्रदर्शित किए हैं। सोमवार को कर्नाटक के तुमाकुरु जिले में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड की नई हेलीकॉप्टर फैक्ट्री जो कि भारत की सबसे बड़ी हेलिकॉप्टर निर्माण इकाई है, के उद्घाटन का उल्लेख करते हुए, जनरल चौहान ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद, रक्षा निर्माण में आत्मनिर्भर बनना देश का सपना था। वह पुणे शहर के चाकन में NIBE डिफेंस एंड एयरोस्पेस लिमिटेड द्वारा आयोजित माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (MSMEs) डिफेंस एक्सपो 2023 के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे।
सशस्त्र बलों के पीछे एक बड़ा रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र खड़ा है: सीडीएस
सीडीएस चौहान ने कहा कि जब हम एक शक्तिशाली भारत की कल्पना करते हैं, तो हमारा प्रमुख ध्यान सशस्त्र बलों की ओर जाता है और हम उनकी उपलब्धियों पर गर्व महसूस करते हैं। मेरे अनुसार सशस्त्र बलों के पीछे एक बड़ा रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र खड़ा है, जो देश को शक्तिशाली बना रहा है और यह रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र काम करता है।
सीडीएस बोले- सेना के अलावा हमें देश के लोगों का समर्थन चाहिए
सीडीएस ने कहा कि जो लोग वर्दी नहीं पहनते हैं और सेना, नौसेना या वायु सेना अधिनियम के तहत नहीं आते हैं, लेकिन उनमें राष्ट्र के लिए कुछ करने की तीव्र इच्छा होती है और वे हमेशा उस इच्छा से प्रेरित होते हैं। मुझे लगता है कि देश को और अधिक शक्तिशाली बनाने के लिए मूक बहुमत की बड़ी भूमिका होती है और हमें इस योगदान को पहचानना चाहिए। इसलिए मैं यहां इस मूक बहुमत को मान्यता देने आया हूं और कहता हूं कि आप सभी लोग हमारे साथ हैं। देश को शक्तिशाली बनाने की प्रक्रिया में आपलोगों के योगदान की जरूरत है।
रक्षा क्षेत्र में निजी कंपनियों का योगदान अहम
सीडीएस जनरल चौहान ने कहा कि आजादी के बाद रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर एवं स्वतंत्र बनना देश का सपना था। आयुध कारखानों और रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (डीपीएसयू) ने उस लक्ष्य को साकार करने में प्रमुख भूमिका निभाई है। कुछ समय पहले, रक्षा क्षेत्र को निजी कंपनियों के लिए खोल दिया गया था और मेक-इन-इंडिया पहल पर जोर दिया गया था जिसका उद्देश्य देश को विनिर्माण पावरहाउस बनाना था । जनरल चौहान ने कहा कि मेरा दृढ़ विश्वास है कि सरकार के ये दो प्रयास भारत के युवाओं और उद्यमियों की शक्ति को उजागर करेंगे। एनआईबीई डिफेंस इस उद्यमिता का एक बेहतरीन उदाहरण है। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र के योगदान को देखते हुए यह देखा जा सकता है कि भारत रक्षा निर्माण में एक महाशक्ति के रूप में उभर सकता है।
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