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Cabinet minister Bhupendra yadav said congress create misconception against democratic firm
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Bhupendra Yadav: भूपेंद्र यादव का कांग्रेस पर निशाना, कहा- लोकतांत्रिक संस्थानों के बारे में संदेह पैदा कर रहे
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: जलज मिश्रा
Updated Sat, 01 Apr 2023 04:10 PM IST
सार
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केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस सभी लोकतांत्रिक संस्थानों और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के बारे में लोगों के मन में संदेह पैदा करती है। वे अपनी नापाक परियोजना के तहत भारत में ही नहीं बल्कि विदेशी धरती पर भी नाम खराब कर रहे हैं। यह खतरनाक है।
केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने शनिवार को कांग्रेस का विरोध करते हुए कहा कि वे सभी लोकतांत्रिक संस्थानों और प्रकियाओं के बार में लोगों में संदेह पैदा करते हैं। कांग्रेस एक नापाक परियोजना में शामिल है। कांग्रेस ने वन संशोधन विधेयक 2023 को एक समिति को देने के फैसले का विरोध किया था। पर्यावरण मंत्री ने एक वीडियो भी ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने दावा किया है कि कांग्रेस शासन में भी बिलों को संयुक्त समितियों के पास भेजा गया था।
कांग्रेस भारत ही नहीं विश्व में भी भारत का नाम खराब कर रहे हैं
यादव ने ट्वीट कर कहा कि जयराम रमेश का कहना है कि वन संरक्षण संशोधन विधेयक को एक संयुक्त समिति को भेजना प्रक्रियाओं का अवमूल्यन और अपमान है। यादव का कहना है कि वह देखना चाहते हैं कि कांग्रेस द्वारा लोकसभा और राज्यसभा में पेश विधेयकों को संयुक्त समिति के पास भेजा गया था।
यादव ने निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस सभी लोकतांत्रिक संस्थानों और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के बारे में लोगों के मन में संदेह पैदा करती है। वे अपनी नापाक परियोजना के तहत भारत में ही नहीं बल्कि विदेशी धरती पर भी नाम खराब कर रहे हैं। यह खतरनाक है। इसे रोकना चाहिए। उन्होंने कहा कि कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में पिछले महीने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान ने विवाद खड़ा कर दिया था। कांग्रेस नेता जयराम ने कहा कि 31 मार्च 1993 को स्थायी समितियां अस्तित्व में आई थीं। मंत्री जी, आपसे बेहतर होमवर्क की उम्मीद की थी।
रमेश ने राज्यसभा सभापति के सामने विरोध प्रदर्शन किया
बुधवार को लोकसभा में यादव ने वन संशोधन विधेयक पेश किया था। वन संरक्षण कानूनों में स्पष्टता लाने और राष्ट्रीय महत्तव की राजनीतिक और सुरक्षा संबंधी योजनाओं को फास्टट्रैक करने के लिए कुछ जमीनों को छूट देने का प्रयास करता है। रमेश ने समिति के पास विधेयक भेजने को लेकर राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ के सामने विरोध किया था। उन्होंने मांग की थी कि जिस समिति के रमेश प्रमुख है, वही समिति विधेयक की जांच करे।
रमेश ने धनखड़ को पत्र लिखकर कहा था कि विधेयक को दोनों सदनों की संयुक्त समिति को भेजने का मतलब स्थायी समिति के कार्यों का अवमूल्यन और अपमान है। रमेश ने कहा कि कानून, विज्ञान-प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन स्थायी समिति के अधिकार क्षेत्र में आता है।
क्या है विधेयक
सरकार के अनुसार, विधेयक अधिनियम के दायरे से भूमि की कुछ श्रेणियों को छूट देने का भी प्रस्ताव करता है। इससे राष्ट्रीय महत्व की रणनीतिक और सुरक्षा संबंधी परियोजनाओं को फास्ट ट्रैक किया जा सके। सड़कों और रेलवे किनारे छोटे प्रतिष्ठानों, बस्तियों तक पहुंच प्रदान की जा सके और गैर वनभूमि में वृक्षारोपण किया जा सके।
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