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Budget 2023: हरित विकास अब प्राथमिकता, पर्यटन से बढ़ेंगे रोजगार के अवसर, एआई को बढ़ावा देगा शोध

अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली। Published by: देव कश्यप Updated Sat, 11 Feb 2023 03:24 PM IST
सार

देश में मोबाइल फोन उत्पादन इकाइयों को प्रोत्साहन देने के लिए कुछ पुर्जों के आयात पर सीमा शुल्क में छूट दी जाएगी। इलेक्ट्रिक वाहनों में इस्तेमाल होने वाली लीथियम बैटरियों पर लगने वाले सीमा शुल्क को भी 21 से कम करके 13 फीसदी कर दिया गया है। इससे इलेक्ट्रिक वाहन सस्ते होंगे।

हरित विकास (सांकेतिक तस्वीर)।
हरित विकास (सांकेतिक तस्वीर)। - फोटो : iStock

विस्तार

केंद्र सरकार ने बजट में विनिर्माण, इलेक्ट्रिक वाहन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, पर्यटन और पर्यावरण के क्षेत्र में कई सहूलियतों का एलान कर अर्थव्यवस्था को गति देने की योजना बनाई है। हरित विकास अब देश की प्राथमिकता है। पर्यटन में सरकार ने इस बार कई प्रावधान किए हैं। इनसे रोजगार सृजन भी होंगे। वहीं, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के क्षेत्र में शोध के लिए भी नए केंद्र बनाए जाएंगे।



देश में मोबाइल फोन उत्पादन इकाइयों को प्रोत्साहन देने के लिए कुछ पुर्जों के आयात पर सीमा शुल्क में छूट दी जाएगी। इलेक्ट्रिक वाहनों में इस्तेमाल होने वाली लीथियम बैटरियों पर लगने वाले सीमा शुल्क को भी 21 से कम करके 13 फीसदी कर दिया गया है। इससे इलेक्ट्रिक वाहन सस्ते होंगे। पेट्रोल-डीजल की महंगाई से परेशान जनता ई-वाहनों की ओर आकर्षित होगी। पेट्रोल-डीजल पर निर्भरता घटने से पर्यावरण को भी लाभ होगा।


कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के लिए देश में तीन उत्कृष्ट संस्थानों की स्थापना का भी एलान किया गया है। देश के शीर्ष शिक्षण संस्थानों में बनाए जाने वाले ये सेंटर ऑफ एक्सीलेंस कृषि, स्वास्थ्य, सतत विकास और शहरों को स्मार्ट बनाने की योजना पर काम करेंगे।

पर्यटन को लेकर मिशन मोड में काम करने की योजना है। पर्यटन क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावना है। इस क्षेत्र में विशेष रूप से युवाओं को नौकरी और उद्यमिता के बड़े अवसर मिलेंगे। उन्होंने एलान किया कि सरकार ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 50 स्थलों को चुना है। इन चयनित जगहों को सरकारी मदद दी जाएगी। इसके अलावा बजट पेश करते समय निर्मला सीतारमण ने स्वदेश दर्शन योजना और देखो अपना भारत स्कीम का भी जिक्र किया। स्वदेश दर्शन योजना को सीमा और गांव के पर्यटन के लिए विकसित किए जाने की योजना है।

  • 2400 करोड़ रुपये पर्यटन उद्योग को सरकार ने इस बार पिछले बजट की तरह किया है आवंटित
  • 16,361 करोड़ विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय को आवंटित, 2,143 करोड़ रुपये इस बार अधिक
  • 2023-24 में कौशलवर्धन और उद्यमिता विकास में समन्वयन देशभर में किया जाएगा स्थापित


50 पर्यटन स्थल होंगे विकसित
केंद्रीय बजट 2023-24 में राज्यों की भागीदारी, निजी सार्वजनिक भागीदारी के साथ पर्यटन को बढ़ावा तो युवाओं को रोजगार से रफ्तार मिलेगी। भारत में स्थानीय और विदेशी पर्यटकों के लिए ‘असीम आकर्षण’ है। इसीलिए एक पैकेज के साथ 50 पर्यटन स्थलों में घूमने का मौका मिलेगा। स्वदेश दर्शन योजना के तहत देश के सीमावर्ती इलाकों और गांवों तक पर्यटकों को जोड़ा जाएगा। घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ‘देखो अपना देश मुहिम’ शुरू होगी।

  • पर्यटन उद्योग को सरकार ने इस बार पिछले बजट की तरह 2400 करोड़ रुपये दिए जाने की घोषणा की है। इनमें से 1644 करोड़ रुपये पर्यटन के आधारभूत ढांचे को संवारने में तथा 1181.30 करोड़ रुपये स्वदेश दर्शन योजना के तहत खर्च किए जाएंगे।
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टाटा संस के चेयरमैन ने बजट 2023-24 को सराहा, बोले- नई कर व्यवस्था से लोगों की क्रय शक्ति बढ़ेगी
 

केंद्रीय बजट 2023-24 पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कहा है कि वैश्विक विकास की धीमी गति और चुनौतीपूर्ण वित्तीय परिस्थितियों बावजूद वित्त मंत्री ने विकास को उपयुक्त प्राथमिकता दी है।

उन्होंने कहा, "मैं अधिक उत्पादक व्यय के कदम का स्वागत करता हूं। पूंजीगत व्यय के लिए 10 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान बजट में किया गया है। इसमें पिछले वर्ष की तुलना में 33% की वृद्धि की गई है। जीडीपी के हिस्से के रूप में पिछले दो दशकों में यह सबसे अधिक है।

नई कर व्यवस्था के तहत आयकर स्लैब में बदलाव से लोगों की क्रय शक्ति बढ़नी चाहिए। एमएसएमई के लिए ऋण गारंटी और अन्य सहायता, पर्यटन पर ध्यान केंद्रित करना और अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए उठाए गए कदमों से रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा। बजट में मुफ्त भोजन योजना को एक और वर्ष के लिए बढ़ाकर सरकार ने यह संकेत दिया है कि वह साझा समृद्धि के लिए प्रतिबद्ध है।

स्वदेश दर्शन से होगा विकास

सारनाथ।
सारनाथ। - फोटो : अमर उजाला
स्वदेश दर्शन के तहत पर्यटन विकास के लिए करोड़ों की परियोजनाएं शुरू की जाएंगी। इस योजना के जरिये देश के सभी तीर्थ स्थलों पर परिवहन, आर्थिक स्थिति, रोजगार और भोजन आदि आवश्यक चीजों पर ध्यान दिया जाएगा। योजना के अंतर्गत पर्यटन क्षमता वाली जगहों को योजनाबद्ध तरीके और प्राथमिकता के साथ विकसित किया जाएगा। साथ ही उस क्षेत्र में आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और रोजगार सृजन भी किया जाएगा।

इन पर्यटन स्थलों को बढ़ावा : स्वदेश दर्शन योजना में जिन सर्किटों की फिलहाल पहचान की गई, उनमें बौद्ध तीर्थ स्थल, 5 राज्यों के 12 जगहों पर कृष्ण तीर्थ स्थल, रामायण सर्किट, सूफी परंपरा को कायम रखने वाले पर्यटन स्थल, जैन तीर्थ स्थल, आध्यात्मिक सर्किट हैं, जिनमें सात राज्य शामिल हैं। इन्हें पर्यटन के लिहाज से विकसित किया जाएगा। इसके अलावा नार्थ ईस्ट सर्किट, ईको सर्किट, ट्राइबल सर्किट, हेरिटेज सर्किट, वाइल्ड लाइफ सर्किट के संभावित पर्यटन स्थलों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

हरित प्रगति के लिए तय किए गए ये पायदान...
पर्यावरण संरक्षण, परंपरागत खेती, प्रदूषण की रोकथाम, ऊर्जा आत्मनिर्भरता जैसे लक्ष्य हासिल करने में मिलेगी मदद
बजट के सप्तऋषि यानी प्राथमिकता वाले सात क्षेत्रों में हरित प्रगति पांचवें स्थान पर है। इसके जरिये पीएम मोदी के विजन 'लाइफ' यानी 'पर्यावरण अनुरूप जीवन जीने की शैली' पर सरकार ने बताया है वह क्या करने जा रही है। जानिए इस हरित प्रगति के तहत क्या क्या होगा, क्या फायदा मिलेगा।

ऊर्ज भंडारण
यह होगा : 4 हजार मेगावॉट घंटे की बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली बनाना। इसके लिए फंडिंग जुटाई जाएगी। पंप्ड स्टोरेज परियोजनाओं के लिए भी फ्रेमवर्क बनेगा। ऐसी परियोजनाएं उस वक्त बिजली भंडारण में मदद करती हैं, जब उत्पादन ज्यादा हो, मांग कम।

फायदा : देश की अर्थव्यवस्था को सतत विकास के रास्ते पर लाने में मदद मिलेगी।

ऊर्जा के नए उभरते क्षेत्रों में सिरमौर बनेगा देश
बजट : 19,700 करोड़ रुपये
यह होगा : साल 2030 तक भारत हर साल 50 लाख मीट्रिक टन ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन करने लगेगा।
फायदा : अर्थव्यवस्था को कम कार्बन उत्सर्जित करने वाली अर्थव्यवस्था में बदलना, जीवाश्म ईंधन आयात घटाना और ऊर्जा के नए उभरते क्षेत्रों व तकनीकों के बाजार में देश को सिरमौर बनाना।

ऊर्जा परिवर्तन : प्राथमिकता के आधार पर पूंजीगत निवेश
बजट : 35,000 करोड़ रुपये
यह होगा : आज उपयोग हो रही ऊर्जा के स्वरूप में बदलाव के लिए प्राथमिकता के आधार पर पूंजीगत निवेश।
फायदा : कार्बन उत्सर्जन शून्य करने में मदद और इससे सरकार ऊर्जा सुरक्षा हासिल करने की ओर आगे बढ़ सकेगी।

ग्रीन क्रेडिट में दे सकेंगे योगदान
यह होगा : पर्यावरण संरक्षण कानून के तहत ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम बनाया गया था, यह भी पर्यावरण संरक्षण में मदद देगा।
फायदा : हरियाली बढ़ाने में कंपनियां, शहरी निकाय, समुदाय और खुद नागरिक भी योगदान देंगे, जिसकी एवज उन्हें सरकार से मदद मिलेगी।

उम्मीद: लीथीयम बैटरियां सस्ती होने से ई-वाहन के दाम घटेंगे। महंगे पेट्रोल से परेशान जनता ई-वाहनों की ओर आकर्षित होगी।
यह मिला: पर्यटन के लिए किए गए आवंटन से तीर्थस्थलों में परिवहन, आर्थिक स्थिति, रोजगार और होटल के मौके।
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