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Budget 2023: Government has slashed the budgetary allocation for rural job guarantee scheme MGNREGA
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Budget 2023: मोदी सरकार ने ग्रामीण रोजगार पर चलाई कैंची, मनरेगा के लिए बजटीय आवंटन में 14 फीसदी की कटौती
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली।
Published by: देव कश्यप
Updated Wed, 01 Feb 2023 11:39 PM IST
सार
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ग्रामीण नौकरी गारंटी योजना देश भर के ग्रामीण परिवार को हर वित्तीय वर्ष में 100 दिनों का वेतन आधारित रोजगार प्रदान करती है।
केंद्र सरकार ने बुधवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए केंद्रीय बजट में ग्रामीण नौकरी गारंटी योजना, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के लिए बजटीय आवंटन में 14 प्रतिशत की कटौती की है। इसे 2023-24 के लिए घटाकर अब 61,032.65 करोड़ रुपये कर दिया गया है। यह 2022-23 के बजट अनुमान 72034.65 करोड़ रुपये से 14 फीसदी कम है। हालांकि यह 2022-23 के संशोधित अनुमान 89,154.65 करोड़ रुपये से 30 फीसदी कम है। दरअसल, 2022-23 में मनरेगा के लिए बजट अनुमान 72034.65 करोड़ रुपये रखा था, लेकिन सरकार ने 2022-23 के दौरान मनरेगा पर 89,154.65 करोड़ रुपये खर्च किया था।
यह इस योजना के बजटीय आवंटन में दूसरी सीधी कटौती है। 2022-23 के बजट में भी मनरेगा के बजटीय आवंटन में 98,000 करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान से 25 प्रतिशत की कटौती कर 73,000 करोड़ रुपये कर दिया गया था।
मनरेगा देती है 100 दिनों तक वेतन आधारित रोजगार
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना देश भर के ग्रामीण परिवार को हर वित्तीय वर्ष में 100 दिनों का वेतन आधारित रोजगार प्रदान करती है। मनरेगा को 2005 में संसदीय अधिनियम के माध्यम से पेश किया गया था, और महिलाओं के लिए एक तिहाई ग्रामीण नौकरियों को निर्धारित किया गया था। वर्षों से, लाखों ग्रामीण परिवारों ने इसके माध्यम से रोजगार प्राप्त किया है। कोरोना काल के दौरान भी लाखों प्रवासी श्रमिकों को इसके तहत काम मिला था, जब वह अपने मूल स्थानों पर लौटने के लिए मजबूर हुए थे।
कांग्रेस अध्यक्ष ने मोदी सरकार पर साधा निशाना
विपक्षी पार्टी कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार का बजट भारतीय जनता पार्टी पर जनता के लगातार गिरते विश्वास का सबूत है और इसे सिर्फ चुनाव को ध्यान में रखकर बनाया गया है। मनरेगा का बजट कम कर दिया, तो गरीबों का क्या होगा? खड़गे ने ट्वीट किया, मोदी सरकार का बजट भाजपा के प्रति जनता के लगातार गिरते विश्वास का सबूत है! ये केवल चुनाव को ध्यान में रखकर बनाया गया बजट है, देश को ध्यान में रखकर नहीं ! इस बजट में बढ़ी बेरोजगारी का हल ढूंढ़ने की कोई भी कोशिश नहीं की गई है! उन्होंने कहा कि हर घर में महंगाई है, आम इंसान की आफत आई है ! बजट में ऐसा कुछ नहीं है जिससे रोजमर्रा की वस्तुओं के दामों में कोई भी कमी आए! आटा, दाल, दूध, रसोई गैस – सबका दाम बढ़ाकर मोदी सरकार ने देश को लूटा है!
अल्पसंख्यक मंत्रालय के बजट में 38 फीसदी घटा बजटीय आवंटन
आम बजट से अल्पसंख्यकों को काफी निराशा हाथ लगी है। उन्हें उम्मीद थी कि सरकार के आखिरी पूर्णकालिक बजट में सरकार अल्पसंख्यकों को लुभाने के लिए कुछ घोषणा कर सकती है, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। मोदी सरकार ने अपने बजट में अल्पसंख्यक मंत्रालय के बजट में भी 38 फीसदी कटौती करने का फैसला किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारामण ने आने वाले वित्त वर्ष के लिए अल्पसंख्यक मंत्रालय के लिए बीते साल के मुकाबले 38 फीसदी कम बजट का प्रावधान किया है।
2023-24 वित्त वर्ष के लिए अल्पसंख्यक मंत्रालय के बजट को घटाकर 3097.60 करोड़ रुपये कर दिया गया है जो 2022-23 वित्त वर्ष के लिए पेश किए बजट में 5020.50 करोड़ रुपये था। यानी वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 38.30 फीसदी बजट आवंटन को घटा दिया गया है। 2022-23 में अल्पसंख्यक मंत्रालय के लिए 5,020 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, लेकिन रिवाईज्ड एस्टीमेट्स के मुताबिक मंत्रालय द्वारा मौजूदा वित्त वर्ष में 2612.66 करोड़ रुपये ही खर्च किया जा सकेगा।
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2021-22 के मुकाबले 29 फीसदी घटा बजट
बता दें कि 2021-22 वित्त वर्ष में अल्पसंख्यक मंत्रालय ने कुल 4323.63 करोड़ रुपये खर्च किए थे। यानि 2021-22 वित्त वर्ष में जितनी राशि खर्च की गई थी उससे 29 फीसदी कम राशि 2023-24 वित्त वर्ष के लिए आवंटित किया गया है।
2006 में बना था अल्पसंख्यक मंत्रालय
2006 में यूपीए सरकार ने अल्पसंख्यक मंत्रालय का गठन किया था। 2006 से 2013 तक अल्पसंख्यक मंत्रालय का बजट 144 करोड़ रुपये की शुरुआत के साथ बढ़कर 3,531 करोड़ रुपये पर जा पहुंचा था, लेकिन उसके बाद से ही इसमें गिरावट का सिलसिला शुरू हो गया। 2013-14 से 2022-23 के बीच अल्पसंख्यक मंत्रालय का बजट 3,531 करोड़ रुपये से बढ़कर 5,020 करोड़ रुपये किया गया। ल्पसंख्यक मंत्रालय का कार्यभार फिलहाल केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के पास है।
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