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BJP will intensify contact campaign with Muslims in Uttar Pradesh
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UP BJP: यूपी में मुस्लिमों से संपर्क अभियान तेज करेगी भाजपा, केंद्र के खिलाफ नहीं है नाराजगी
हिमांशु मिश्र, नई दिल्ली।
Published by: देव कश्यप
Updated Mon, 05 Jun 2023 07:03 AM IST
हालिया आंतरिक सर्वे में लोकसभा की 14 सीटों पर पार्टी के कड़े मुकाबले में फंसने की संभावना व्यक्त की गई है। इनमें से आधी सीटें मुसलमानों के प्रभाव वाली हैं। पार्टी के रणनीतिकारों को लगता है कि अगर इन सीटों पर निकाय चुनाव की तरह ही मुसलमानों के एक वर्ग को साधा गया तो पार्टी की राह आसान हो जाएगी।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी।
- फोटो : अमर उजाला
उत्तर प्रदेश में भाजपा लोकसभा की सभी 80 सीटों पर जीत का लक्ष्य हासिल करने के लिए मुसलमानों को साधने का अभियान और तेज करेगी। पार्टी के आंतरिक सर्वे के मुताबिक, मुसलमानों के प्रभाव वाली सीटों में इस बिरादरी का एक तबका खुलकर समर्थन में आया है। इसके कारण ऐसे क्षेत्रों की कई सीटों पर भाजपा बीते चुनाव के मुकाबले अधिक अंतर से जीत हासिल की है।
दरअसल, हालिया आंतरिक सर्वे में लोकसभा की 14 सीटों पर पार्टी के कड़े मुकाबले में फंसने की संभावना व्यक्त की गई है। इनमें से आधी सीटें मुसलमानों के प्रभाव वाली हैं। पार्टी के रणनीतिकारों को लगता है कि अगर इन सीटों पर निकाय चुनाव की तरह ही मुसलमानों के एक वर्ग को साधा गया तो पार्टी की राह आसान हो जाएगी।
अधिक चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में बड़ी सफलता
एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक, नगर निकाय चुनाव में इस बार बीते चुनाव के मुकाबले बड़ी जीत हासिल हुई है। खास बात यह है कि इस बार की परिस्थितियां पिछले बार की तुलना में अधिक चुनौतीपूर्ण थी। बावजूद इसके मुसलमानों के एक तबके के समर्थन के कारण मुरादाबाद को छोड़कर दूसरे मुस्लिम क्षेत्रों में पिछले चुनाव के मुकाबले तीन से चार गुना बड़ी जीत हासिल हुई है। मेरठ जहां पार्टी हारी थी वहां बड़ी जीत हासिल हुई। अलीगढ़ और आगरा में भी जीत का अंतर बहुत बढ़ गया। स्वार विधानसभा उपचुनाव में अपना दल के उम्मीदवार ने अपना स्वजातीय अंसारी समाज का करीब 90 फीसदी वोट हासिल किया। इसके बाद शीर्ष स्तर पर मुस्लिम संपर्क अभियान में और तेजी लाने का फैसला किया गया है।
गोरखपुर मंडल और पूर्वी उत्तर प्रदेश चिंता
आंतरिक सर्वे में गोरखपुर मंडल और पूर्वी उत्तर प्रदेश की कुछ सीटों के लिए चिंता व्यक्त की गई है। नगर निकाय के चुनाव में भी इन्हीं क्षेत्रों में दूसरे क्षेत्रों के मुकाबले पार्टी का प्रदर्शन कमजोर रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसा जाति विशेष की पहले की तुलना में बढ़ी नाराजगी के कारण हुआ। नाराजगी का कारण सामाजिक न्याय से जुड़े कुछ मुद्दे हैं। आंतरिक सर्वे के बाद केंद्रीय नेतृत्व सतर्क है। महासंपर्क अभियान के बाद जुलाई महीने में राज्य सरकार से जुड़ी नाराजगी के कारणों की तलाश कर इस समस्या को खत्म किया जाएगा।
केंद्र के खिलाफ नहीं है नाराजगी
16 सीटों पर कड़ी चुनौती के संदर्भ में सूत्र ने कहा कि इनमें से ज्यादातर सीटों पर पिछली बार भी पार्टी ने कड़ा मुकाबला झेला था। इनमें ज्यादातर मुसलमान, यादव, जाटव प्रभाव वाली सीटें हैं, जिनमें पिछले चुनाव में भी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था। हां, छह सीटें हमारी जीती हुई हैं, जहां कड़ी चुनौती की संभावना है। खास बात यह है कि इन सीटों पर भी मतदाताओं का केंद्र के खिलाफ कोई नाराजगी नहीं है। इन सीटों पर बेहतर तालमेल और बेहतर रणनीति की जरूरत है, जिस पर जुलाई महीने में गंभीर चर्चा होगी।
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