लेटेस्ट अपडेट्स के लिए फॉलो करें
कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने जब रिजर्व बैंक द्वारा आरटीआई में विलफुल डिफॉल्टर्स की जानकारी देने का मुद्दा उठाया तो केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने 29 अप्रैल को उन्हें पी. चिदंबरम से ट्यूशन लेने की सलाह दे दी।
भाजपा के प्रवक्ता नलिन कोहली का कहना है कि विपक्ष सवाल उठाए, सुझाव दे। उसका स्वागत है, लेकिन राहुल गांधी के पास कुछ नया नहीं होता। वह जो सवाल उठाते हैं, सरकार उस दिशा में काम कर रही होती है।
राहुल गांधी और उनकी पार्टी अधिनायकवादी है, उसमें मां, बेटा, पुत्री (वंशवाद) का ही राज है। लोकतंत्र है नहीं। वह (राहुल) भी उसी के अनुरुप व्यवहार करते हैं। राज्यसभा सदस्य राकेश सिन्हा का कहना है कि पहले राहुल गांधी को पार्टी में लोकतंत्र बहाल करने पर काम करना चाहिए। भाजपा में ऐसा नहीं है।
भाजपा के प्रवक्ता, आर्थिक मामलों के जानकार गोपाल कृष्ण अग्रवाल का कहना है कि राहुल गांधी के सकारात्मक सुझाव का स्वागत है। उन्हें देखना चाहिए, वह जो कह रहे हैं, उससे आगे जाकर सरकार काम कर रही है। 1.76 लाख करोड़ का राहत पैकेज दिया जा चुका है।
लाभार्थियों को डायरेक्ट बेनफिट ट्रांसफर हो रहा है, उज्ज्वला योजना का सिलेंडर दिया जा रहा है। रहा सवाल रघुराम राजन और अभिजीत बनर्जी का तो उन्होंने कोई सुझाव नहीं दिया। राहुल गांधी कोविड-19 की टेस्टिंग का मुद्दा उठा रहे हैं, सरकार टेस्ट कर तो रही है।
उन्हें सोचना चाहिए कि कांग्रेस की सरकारों ने 60 साल में क्या किया? एमएसएमई को जो मिलना चाहिए, सरकार उस पर भी विचार कर रही है।
कांग्रेस पार्टी के पूर्व महासचिव बीके हरिप्रसाद का कहना है कि राहुल की छवि को खराब करने के लिए भाजपा और आरएसएस ने करोड़ों रुपया खर्च किया है। वह राहुल गांधी के भविष्य का नेता बन जाने से डरते हैं। हरिप्रसाद का कहना है कि यह भाजपा और आरएसएस का चरित्र है।
इन लोगों ने देश की आजादी की लड़ाई को नीचा दिखाने की कोशिश की। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को नीचा दिखाने की कोशिश की, तो राहुल क्या चीज हैं? पार्टी की महिला विंग की अध्यक्ष सुष्मिता देव कहती हैं कि राहुल गांधी से भाजपा और उसके नेता घबराते हैं।
सुष्मिता का कहना है कि राहुल गांधी ज्वलंत मुद्दे उठाते हैं। विपक्ष का यह काम है। विपक्ष के नेता जब सवाल उठाते हैं, सरकार को सुझाव देते हैं तो इस पर सत्ता पक्ष जवाब देने की बजाय ध्यान भटकाने में लग जाता है।
कांग्रेस पार्टी के एक पूर्व महासचिव का कहना है कि राहुल गांधी ने गरीब, मजदूर से जुड़ा मुद्दा उठाया है। उन्होंने एमएसएमई को राहत पैकेज देने, कोविड-19 को लेकर लोगों में जरूरत से ज्यादा बैठे डर को निकालने, राज्यों की केंद्र की तरफ से आर्थिक मदद करने की ही तो बात की है।
राहुल गांधी केन्द्र सरकार को राज्यों को जीएसटी का बकाया देने की बात कर रहे हैं, वह राज्यों को अपने क्षेत्रों में रेड जोन, आरेंज जोन, ग्रीन जोन तय करने का अधिकार देने की बात कर रहे हैं। यह केंद्र सरकार को आगे आकर बताना चाहिए कि वह कौन सी गलत बात कर रहे हैं?
राहुल गांधी का इसमें कौन सा सुझाव अप्रासंगिक है? वरिष्ठ नेता का कहना है कि भाजपा एक प्रोपैगैंडा आधारित पार्टी है। उसके नेता इसी के अुनरुप केंद्र की असफलता पर पर्दा डालने में लगे हैं। जबकि कांग्रेस पार्टी का मकसद कोविड-19 की महामारी के समय में राजनीति करने के बजाय केंद्र सरकार को रचनात्मक सहयोग और सुझाव देना है।
कांग्रेस पार्टी वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम को भी केंद्रीय मंत्री द्वारा राहुल गांधी को ट्यूशन लेने की सलाह देना हास्यास्पद लगती है। वह कहते हैं कि इस तरह की सलाह देना एक केंद्रीय मंत्री का काम नहीं है।
राहुल गांधी क्या नासमझ हैं? कांग्रेस के नेता इस सवाल पर कुछ नहीं बोलना चाहते। राहुल गांधी को नासमझ बताने वाले भाजपा के नेताओं केंद्रीय मंत्रियों के बयान पर भाजपा के ही कई प्रवक्ता कुछ नहीं कहना चाहते।
इस तरह के बयान और सवाल पर राहुल गांधी से भी जानने की कोशिश हुई थी। राहुल गांधी ने इस सवाल के जवाब में बताया था कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा एक एजेंडा के तहत प्रोपैगैंडा फैलाकर ऐसा प्रयास कर रही है।
राहुल गांधी ने बताया है कि आरएसएस और भाजपा दोनों ऐसा उनके राजनीति में आने के बाद से लगातार इस तरह कोशिश करके उन्हें नासमझ पप्पू साबित करने में लगे हैं। इसके लिए विज्ञापन में भी काफी पैसा खर्च किया गया है।
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.
Please wait...
Please wait...
Followed