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विस्तार
मोदी सरनेम के खिलाफ राहुल गांधी की टिप्पणी मामले में भाजपा ने अपनी राजनीतिक लाइन तय कर ली है। पार्टी ने शुक्रवार को इस टिप्पणी को ओबीसी समाज के अपमान से जोड़ कर कांग्रेस के साथ उसके समर्थन में खड़े क्षेत्रीय दलों को बैकफुट पर धकेलने की रणनीति बनाई है। पार्टी की योजना राहुल की पुरानी और विवादास्पद टिप्पणियों के जरिये उनकी छवि देश, न्यायिक व्यवस्था और दूसरी सांविधानिक संस्थाओं में विश्वास नहीं रखने वाले नेता के रूप में बनाने की है। पार्टी इस विवाद को आगामी लोकसभा चुनाव को पीएम मोदी बनाम राहुल की जंग में बदलने के अवसर के रूप में भी देख रही है।
पार्टी के सूत्रों ने कहा, जाहिर तौर पर इस मुद्दे को ओबीसी समाज के अपमान से जोड़ना सबसे बड़ी प्राथमिकता है। इसके लिए पार्टी के ओबीसी नेता और मंत्री देश के अलग-अलग हिस्सों में राहुल के खिलाफ विभिन्न कार्यक्रमों के जरिये अभियान छेड़ेंगे। शुक्रवार को संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सरकार के सभी ओबीसी मंत्रियों के साथ बैठक कर इसकी प्रारंभिक रूपरेखा भी तैयार की। भविष्य में पार्टी के ओबीसी नेताओं और ओबीसी मोर्चा को इस अभियान के लिए सक्रिय किया जाएगा।
केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भारतीय लोकतंत्र, उसके सशस्त्र बलों और देश के संस्थानों का ‘अपमान’ किया है, लेकिन इसके लिए गांधी उपनाम वाले हर व्यक्ति को दोष नहीं दिया जा सकता।
ओबीसी अपमान का मुद्दा क्यों?
मतदाताओं में ओबीसी मतदाताओं की हिस्सेदारी सबसे बड़ी है। चूंकि राहुल ने जिस मोदी सरनेम के खिलाफ टिप्पणी की है वह ओबीसी में आते हैं, ऐसे में भाजपा इसके जरिये ओबीसी समुदाय को साधने का बड़ा अवसर देख रही है। राहुल के समर्थन में कई ऐसे क्षेत्रीय दल हैं जो ओबीसी राजनीति करते हैं। ऐसे में भाजपा की रणनीति इसे ओबीसी अपमान से जोड़ कर इन क्षेत्रीय दलों को बैकफुट पर धकेलने की है।
अलग-अलग मुद्दों पर राहुल के खिलाफ अभियान
भाजपा की रणनीति राहुल के खिलाफ अलग-अलग मुद्दों पर देशव्यापी अभियान चलाने की है। इसमें ओबीसी अपमान के अलावा विदेश में देश के खिलाफ की गई कथित टिप्पणी, गांधी परिवार के सदस्यों की पीएम के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां, सांविधानिक संस्थाओं के खिलाफ की गई टिप्पणियां शामिल हैं।
मोदी बनाम राहुल की गुंजाइश
भाजपा के रणनीतिकार चाहते हैं कि आगामी लोकसभा चुनाव में क्षत्रपों से मोर्चा लेने के बदले चुनावी जंग राहुल बनाम मोदी हो। पार्टी को बीते लोकसभा चुनाव में इस स्थिति का लाभ मिला था। तब राफेल सौदा मामले में राहुल पीएम मोदी पर बेहद आक्रामक थे। इसके बावजूद भाजपा को पहले से बड़ी जीत मिली थी। तब पार्टी ने पीएम मोदी के खिलाफ गांधी परिवार पर व्यक्तिगत रंजिश रखने का आरोप लगाया था।
अपने लिए अलग संविधान चाहता है गांधी परिवार
भाजपा ने मोदी उपनाम पर की गई टिप्पणी मामले में राहुल गांधी को मिली सजा को उचित ठहराते हुए कांग्रेस समेत विपक्ष पर तीखा हमला बोला। पार्टी ने कहा कि सामंती मानसिकता से ग्रसित गांधी परिवार देश में अपने लिए अलग और ऐसा संविधान चाहती है जिसमें उसके अपराधों के लिए कोई सजा ही नहीं हो।
पार्टी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि ओबीसी समाज के प्रति अपमानजनक टिप्पणी मामले में राहुल को मिली सजा ने यह प्रमाणित किया है कि देश में कोई भी कानून के ऊपर नहीं है। राहुल को अदालत और समाज ने बार-बार चेतावनी दी, मगर अपने अहंकार में राहुल सबकुछ भूल गए। राहुल को मिली सजा से ओबीसी समाज का संविधान पर भरोसा बढ़ा है।
पूरे ओबीसी समाज को चोर कहा
राहुल ने अपने राजनीतिक लाभ के लिए पूरे ओबीसी समाज का अपमान किया, उन्हें चोर कहा। समाज और कोर्ट के बार-बार समझाने और माफी मांगने के विकल्प को भी उन्होंने नजरअंदाज किया और लगातार ओबीसी समाज की भावना को ठेस पहुंचाई। ऐसा कर उन्होंने अपनी जातिवादी मानसिकता को दिखाया। -जेपी नड्डा, भाजपा अध्यक्ष
राहुल को आरोप लगाने के बदले खुद के खिलाफ हुई साजिश का पता लगाना चाहिए। उन्हें पता करना चाहिए कि पार्टी में अधिवक्ताओं की फौज होने के बावजूद किसने उनसे छुटकारा पाने के लिए साजिश रची। जब पवन खेड़ा गिरफ्तारी वारंट जारी होने के दो घंटे बाद अदालत जा सकते हैं तो किसने राहुल को सजा सुनाने के 24 घंटे बाद तक अदालत नहीं जाने की सलाह दी। - अनुराग ठाकुर, सूचना एवं प्रसारण मंत्री