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Apart from corona, influenza A and B respiratory tract viruses have been identified
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ICMR : कोरोना, इन्फ्लूएंजा ए और बी के अलावा श्वसन तंत्र संबंधी वायरस की हुई पहचान, वायरस वातावरण में मौजूद
परीक्षित निर्भय, नई दिल्ली।
Published by: Jeet Kumar
Updated Wed, 29 Mar 2023 05:07 AM IST
सार
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इन्फ्लूएंजा वायरस हमेशा ही वातावरण में मौजूद रहा है। इसके साल में दो बार पीक आते हैं जो मानसून और सर्दियों में देखने को मिलते हैं लेकिन कई बार साल में एक बार ही पीक देखने को मिलता है।
देश में कोरोना के साथ ही पांच और संक्रमण का प्रसार मिला है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने 30 से भी अधिक केंद्रों पर मरीजों के नमूनों की जांच के बाद पुष्टि की है कि कोरोना, इन्फ्लूएंजा ए और बी के अलावा श्वसन तंत्र संबंधी वायरस भी फैला है।
इन सभी संक्रामक रोगों के लक्षण भी एक जैसे हैं। ऐसे में जरूरी है कि अगर किसी को तीन या चार दिन से अधिक समय तक कोई लक्षण हैं तो वह चिकित्सा सलाह जरूर लें। आईसीएमआर की संक्रामक रोग विभागाध्यक्ष डॉ. निवेदिता गुप्ता का कहना है कि देश में 30 अलग अलग स्थानों पर सर्विलांस नेटवर्क स्थापित किया गया है जहां मरीजों के नमूनों की जांच चल रही है।
0.1 फीसदी रोगियों में सहायक संक्रमण यानी एक से अधिक तरह का संक्रमण देखने को मिल रहा है लेकिन इससे कहीं अधिक एच1एन1 और एच3एन2 के अलावा विक्टोरिया वायरस के मामले भी सामने आ रहे हैं। बीते सप्ताह 10 नमूनों में एच3एन2, 18 में विक्टोरिया, 25 में कोरोना वायरस की पहचान हुई है।
इन्फ्लूएंजा वायरस हमेशा ही वातावरण में मौजूद
इन्फ्लूएंजा वायरस हमेशा ही वातावरण में मौजूद रहा है। इसके साल में दो बार पीक आते हैं जो मानसून और सर्दियों में देखने को मिलते हैं लेकिन कई बार साल में एक बार ही पीक देखने को मिलता है। 2021 में ओमिक्रॉन की लहर के दौरान सर्दियों में पीक दिखाई नहीं दिया था।
इस साल यह हुआ बदलाव
आईसीएमआर के संक्रामक रोग विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. रमन आर गंगाखेड़कर बताते हैं कि इन्फ्लूएंजा दो श्रेणी का होता है। पहली श्रेणी ए है, जिसमें एच1एन1 और एच3एन2 होता है। दूसरी श्रेणी इन्फ्लूएंजा बी है, जिसमें यामागाटा और विक्टोरिया वायरस होता है। इस समय दोनों ही श्रेणी ए और बी के वायरस मरीजों में मिल रहे हैं।
फरवरी तक एच1एन1 से 13 की मौत
नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के मुताबिक, इस साल 28 फरवरी तक इन्फ्लूएंजा ए श्रेणी के एच1एन1 यानी स्वाइन फ्लू की वजह से 13 लोगों की मौत हुई है जबकि 952 लोगों को वायरस ने चपेट में लिया है। अकेले तमिलनाडु में ही 545 लोग संक्रमित मिले हैं जो बाकी राज्यों की तुलना में सबसे अधिक है। जबकि पंजाब और केरल में तीन तीन लोगों की मौत हुई है।
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सातवें दिन 1,500 से ज्यादा केस
देश में कोरोना के मामले दिन पर दिन बढ़ते जा रहे हैं। लगातार सातवें दिन कोरोना के 1,500 से ज्यादा मामले सामने आए हैं। मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी है कि बीते दिन देश में 1,573 लोग कोरोना संक्रमित मिले हैं जिसके चलते सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 10,981 तक पहुंच गई है। देश में अभी तक संक्रमित हुए लोगों की संख्या बढ़कर 4,47,07,525 हो गई है।
इसके अलावा बीते दिन देश में कोरोना संक्रमण से चार लोगों की मौत हुई जिसके बाद मरने वालों की संख्या बढ़कर 5,30,841 हो गई। भारत में फिलहाल संक्रमण की दैनिक दर 1.30 प्रतिशत और साप्ताहिक दर 1.47 प्रतिशत है। बीते सोमवार को देश में 1,20,958 नमूनों की जांच हुई थी जिनमें 1.30 फीसदी कोरोना संक्रमित मिले।
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