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अमर उजाला शब्द सम्मान: संगीत संध्या में उस्ताद अमजद अली खान ने बांधा समा, 'बापू' को भी किया याद

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: कुमार सम्भव जैन Updated Mon, 30 Jan 2023 10:27 PM IST
सार

अमर उजाला शब्द सम्मान 2022 में उस्ताद अमजद अली खान ने सरोद वादन से समा बांध दिया। उन्होंने महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर बापू की पसंदीदा धुन बजाकर उन्हें श्रद्धांजलि भी दी। 

Amar Ujala shabd Samman Sarod Vadak Ustad Amjad Ali Khan Sangeet Sandhya with Aman ali bangash and Ayan Ali Ba
अमर उजाला शब्द सम्मान 2022 - फोटो : अमर उजाला

विस्तार

अमर उजाला शब्द सम्मान 2022 में लेखन के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वालों को अलंकृत किया गया। इस दौरान उस्ताद अमजद अली खान ने सरोद वादन से समा बांध दिया। वहीं, महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर बापू की पसंदीदा धुन बजाकर उन्हें श्रद्धांजलि भी दी। 

उस्ताद के बेटों ने की सुरमई शाम की शुरुआत

बता दें कि अमर उजाला के शब्द सम्मान समारोह में उस्ताद अमजद अली खान के साथ अमान अली बंगश और अयान अली बंगश भी मौजूद थे। संगीत संध्या की शुरुआत अमान अली बंगश और अयान अली बंगश ने की। उन्होंने अपने सुरों से समां बांध दिया। अमान और अयान ने प्राचीन और खूबसूरत राग रागेश्वरी पेश किया, जिसने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस दौरान संगीत की ऐसी धारा बही कि कार्यक्रम में मौजूद लोग उन्हें अपलक सुनते रहे। 

अमजद अली खान ने छेड़ी ऐसी तान, लोग बोले- वाह उस्ताद

बेटों और शागिर्दों अमान-अयान के बाद संगीत संध्या के मैदान में उस्ताद अमजद अली खान ने सुर साधना की। उन्होंने कहा कि आज महात्मा गांधी की पुण्यतिथि है। उन्होंने पूरी दुनिया को अहिंसा का संदेश दिया, जिसकी वजह से लोग आज भी याद करते हैं। ऐसे में उस्ताद अमजद अली खान ने बापू की पसंद के गानों की धुन बजाईं। सबसे पहले उन्होंने 'वैष्णव जन तो तेने कहिए जे' की धुन से श्रोताओं का दिल जीत लिया। बाद में उन्होंने अपनी पसंदीदा एक धुन पेश की। उन्होंने बताया कि यह धुन मैं हमेशा गाता रहता था। एक दिन मैंने सोचा कि आखिर मैं क्या गा रहा हूं? यह क्या चीज है? दरअसल, कभी-कभी ऊपर से कुछ धुन बनकर आती हैं, जिसे हम कहते हैं कि इसे हमने बनाया है, लेकिन हमने कुछ नहीं बनाया है। उस्ताद ने इस धुन को गणेश कल्याण नाम दिया है।

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