तीन दिन पहले कांग्रेस के बड़े नेताओं की एक अहम बैठक होती है और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और नेताओं द्वारा शुरू किए गए सत्याग्रह जैसे आंदोलन को राहुल गांधी और ईडी के मुद्दे से फिलहाल हटाए जाने की रूपरेखा तैयार होती है। उसी के साथ तैयार होती है कांग्रेस के पूरे देश में अलग-अलग मुद्दों पर होने वाले जन आंदोलन की रूपरेखा। योजना के अनुरूप कांग्रेस ने पूरा आंदोलन जनता के मुद्दों पर लड़ने का खाका तैयार किया है। जिसमें हर वर्ग की लड़ाई शामिल होगी। शुरुआत रविवार को जंतर-मंतर पर हुए सत्याग्रह आंदोलन से हुई है। जो अब देश के अलग-अलग राज्यों के अलग-अलग जिलों शहर कस्बों और तहसील तक जाएगी।
राहुल गांधी से ईडी की हुई पूछताछ के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने देश के अलग-अलग राज्यों से लेकर देश की राजधानी दिल्ली में बड़ा आंदोलन शुरू किया था। कांग्रेस पार्टी से जुड़े वरिष्ठ नेता कहते हैं क्योंकि यह आंदोलन न सिर्फ बड़ा था, बल्कि इस आंदोलन में ज्यादा करंट था कि इसको जनता की लड़ाई में बदलना ही बदलना था। कांग्रेस के उक्त नेता कहते हैं कि ऐसा नहीं है कि राहुल गांधी की ईडी से हुई पूछताछ के दौरान शुरू हुए आंदोलन का जनता से सीधा सरोकार नहीं था।
वो कहते हैं कि दरअसल लड़ाई सत्य की थी और इसी वजह से कांग्रेस ने सत्याग्रह का आंदोलन शुरू किया था। वह कहते हैं कि यही सत्याग्रह का आंदोलन अब देश के अलग-अलग राज्यों के साथ जिलों शहर तहसील और कस्बों में शुरू होगा। कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी की सरकार की नीतियों के खिलाफ तैयार किए जाने वाले आंदोलन की पूरी रूपरेखा तैयार कर ली है। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी कहती हैं कि भारतीय जनता पार्टी उद्योगपतियों के इशारे पर न सिर्फ योजनाएं बनाती है और उसको अमलीजामा पहनाती है। यही वजह है कि देश का हर वर्ग आंदोलित।
दरअसल, कांग्रेस पार्टी ने जब राहुल गांधी के ईडी से होने वाली पूछताछ के दौरान सत्याग्रह जैसा आंदोलन शुरू किया तो देश के कई विपक्षी राजनैतिक संगठनों ने सवाल उठाया कि आखिर कांग्रेस पार्टी सिर्फ राहुल गांधी से पूछे जाने वाले मामले पर ही क्यों आंदोलित है। क्यों नहीं कांग्रेस जनता के मुद्दों के साथ मैदान में उतरती है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कहते हैं कि यह तो विपक्षियों की अपनी एक योजना होती है जिसके हिसाब से वह अपने सवाल तैयार करते हैं।
हालांकि, कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी की प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों से हो रही पूछताछ के दौरान एक अहम बैठक हुई थी। उस बैठक में पूरी रूपरेखा तैयार की गई कि सिर्फ राहुल गांधी के मामले में ही कांग्रेस पार्टी अपने इस आंदोलन को खत्म नहीं करने वाली है। इस बैठक में कांग्रेस के कई शीर्ष आला अधिकारी भी मौजूद थे। इस बैठक के दौरान तय हुआ कि प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों द्वारा हो रही राहुल गांधी की पूछताछ के मामले में आंदोलनरत कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को जनता के मुद्दों के साथ भी सत्याग्रह जैसा आंदोलन करना ही होगा।
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि जनता के मुद्दों को लेकर कांग्रेस की योजना है कि हर पीड़ित वर्ग की न सिर्फ आवाज बंद कर उनके मुद्दों को उठाना है बल्कि उस को अंजाम तक भी पहुंचाना है। इसके लिए बाकायदा कांग्रेस के बड़े-बड़े नेताओं को जिम्मेदारी दी गई है।
जिस तरीके से कांग्रेस के नेता प्रियंका गांधी ने जंतर मंतर पर देश के युवाओं से अपील की कि वह हिंसा का रास्ता छोड़कर सत्याग्रह के माध्यम से आंदोलन करें और अपनी बात सरकार से मनवाएं। उससे एक बात तो बिल्कुल स्पष्ट हो चुकी है कि कांग्रेस ने अपनी आंदोलन की नीतियों में बड़ा बदलाव शुरू कर दिया है। प्रियंका गांधी ने अपने भाषण के दौरान युवाओं से संवाद करते हुए उनकी लड़ाई लड़ने की बात कही पूर्व नाम प्रियंका गांधी ने कहा कि युवाओं के बाहर गए खून पसीने और उनकी मेहनत पर भारतीय जनता पार्टी सरकार पानी फेर रही है। वह कहती है कि युवाओं के इस आंदोलन कांग्रेस पार्टी पूरे देश में ले कर जाएगी प्रोग्राम लेकिन उनका रास्ता सत्याग्रह का होगा।
कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इसी आंदोलन के साथ-साथ अब देश के अलग-अलग राज्यों में जो स्थानीय मुद्दे हैं उनको भी एक बड़े आंदोलन के तौर पर कांग्रेस सत्याग्रह के माध्यम से आगे बढ़ाएगी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के युवाओं को बेरोजगारी के अग्निपथ पर चलने के लिए मजबूर कर दिया है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा सालों में 16 करोड़ नौकरियां देनी थी लेकिन युवाओं को पकोड़े तलने का ज्ञान दिया जाता रहा। राहुल गांधी ने देश के आज के हालातों के लिए प्रधानमंत्री को जिम्मेदार ठहराया है।
युवाओं के चल रहे आंदोलन से जुड़ने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने जन्मदिन पर किसी तरह का उत्सव मनाने की भी अपील की है। राजनीतिक विश्लेषक स्कोर कांग्रेस की रणनीति मानते हुए ज्यादा से ज्यादा लोगों से जुड़ने की एक कोशिश मान रहे हैं। राहुल गांधी ने कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और नेताओं के नाम एक संदेश जारी करते हुए कहा कि जिस देश में करोड़ों युवाओं का मन दुखी हो वहां पर आज क्योंकि भी परिस्थितियों में हम अपना जन्मदिन और उसका उत्सव नहीं मना सकते।
सिर्फ राहुल गांधी ही नहीं बल्कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश कहते हैं कि केंद्र सरकार ने पहले किसानों को अपने निशाने पर लिया उसके बाद अब जवानों को अपने निशाने पर ले रहे हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कहते हैं कि देश में बड़ी हुई महंगाई से लेकर भारतीय जनता पार्टी की लचर नीतियों के विरोध में अब पूरे देश के अलग-अलग हिस्सों में कांग्रेस पार्टी आंदोलन करने वाली है। इसके अलावा 2 अक्तूबर से कांग्रेस का एक बड़ी पदयात्रा के माध्यम से जनता से जुड़ने का आंदोलन कश्मीर से कन्याकुमारी तक भी होना तय है।
विस्तार
तीन दिन पहले कांग्रेस के बड़े नेताओं की एक अहम बैठक होती है और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और नेताओं द्वारा शुरू किए गए सत्याग्रह जैसे आंदोलन को राहुल गांधी और ईडी के मुद्दे से फिलहाल हटाए जाने की रूपरेखा तैयार होती है। उसी के साथ तैयार होती है कांग्रेस के पूरे देश में अलग-अलग मुद्दों पर होने वाले जन आंदोलन की रूपरेखा। योजना के अनुरूप कांग्रेस ने पूरा आंदोलन जनता के मुद्दों पर लड़ने का खाका तैयार किया है। जिसमें हर वर्ग की लड़ाई शामिल होगी। शुरुआत रविवार को जंतर-मंतर पर हुए सत्याग्रह आंदोलन से हुई है। जो अब देश के अलग-अलग राज्यों के अलग-अलग जिलों शहर कस्बों और तहसील तक जाएगी।
राहुल गांधी से ईडी की हुई पूछताछ के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने देश के अलग-अलग राज्यों से लेकर देश की राजधानी दिल्ली में बड़ा आंदोलन शुरू किया था। कांग्रेस पार्टी से जुड़े वरिष्ठ नेता कहते हैं क्योंकि यह आंदोलन न सिर्फ बड़ा था, बल्कि इस आंदोलन में ज्यादा करंट था कि इसको जनता की लड़ाई में बदलना ही बदलना था। कांग्रेस के उक्त नेता कहते हैं कि ऐसा नहीं है कि राहुल गांधी की ईडी से हुई पूछताछ के दौरान शुरू हुए आंदोलन का जनता से सीधा सरोकार नहीं था।
वो कहते हैं कि दरअसल लड़ाई सत्य की थी और इसी वजह से कांग्रेस ने सत्याग्रह का आंदोलन शुरू किया था। वह कहते हैं कि यही सत्याग्रह का आंदोलन अब देश के अलग-अलग राज्यों के साथ जिलों शहर तहसील और कस्बों में शुरू होगा। कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी की सरकार की नीतियों के खिलाफ तैयार किए जाने वाले आंदोलन की पूरी रूपरेखा तैयार कर ली है। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी कहती हैं कि भारतीय जनता पार्टी उद्योगपतियों के इशारे पर न सिर्फ योजनाएं बनाती है और उसको अमलीजामा पहनाती है। यही वजह है कि देश का हर वर्ग आंदोलित।
दरअसल, कांग्रेस पार्टी ने जब राहुल गांधी के ईडी से होने वाली पूछताछ के दौरान सत्याग्रह जैसा आंदोलन शुरू किया तो देश के कई विपक्षी राजनैतिक संगठनों ने सवाल उठाया कि आखिर कांग्रेस पार्टी सिर्फ राहुल गांधी से पूछे जाने वाले मामले पर ही क्यों आंदोलित है। क्यों नहीं कांग्रेस जनता के मुद्दों के साथ मैदान में उतरती है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कहते हैं कि यह तो विपक्षियों की अपनी एक योजना होती है जिसके हिसाब से वह अपने सवाल तैयार करते हैं।
हालांकि, कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी की प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों से हो रही पूछताछ के दौरान एक अहम बैठक हुई थी। उस बैठक में पूरी रूपरेखा तैयार की गई कि सिर्फ राहुल गांधी के मामले में ही कांग्रेस पार्टी अपने इस आंदोलन को खत्म नहीं करने वाली है। इस बैठक में कांग्रेस के कई शीर्ष आला अधिकारी भी मौजूद थे। इस बैठक के दौरान तय हुआ कि प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों द्वारा हो रही राहुल गांधी की पूछताछ के मामले में आंदोलनरत कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को जनता के मुद्दों के साथ भी सत्याग्रह जैसा आंदोलन करना ही होगा।
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि जनता के मुद्दों को लेकर कांग्रेस की योजना है कि हर पीड़ित वर्ग की न सिर्फ आवाज बंद कर उनके मुद्दों को उठाना है बल्कि उस को अंजाम तक भी पहुंचाना है। इसके लिए बाकायदा कांग्रेस के बड़े-बड़े नेताओं को जिम्मेदारी दी गई है।
जिस तरीके से कांग्रेस के नेता प्रियंका गांधी ने जंतर मंतर पर देश के युवाओं से अपील की कि वह हिंसा का रास्ता छोड़कर सत्याग्रह के माध्यम से आंदोलन करें और अपनी बात सरकार से मनवाएं। उससे एक बात तो बिल्कुल स्पष्ट हो चुकी है कि कांग्रेस ने अपनी आंदोलन की नीतियों में बड़ा बदलाव शुरू कर दिया है। प्रियंका गांधी ने अपने भाषण के दौरान युवाओं से संवाद करते हुए उनकी लड़ाई लड़ने की बात कही पूर्व नाम प्रियंका गांधी ने कहा कि युवाओं के बाहर गए खून पसीने और उनकी मेहनत पर भारतीय जनता पार्टी सरकार पानी फेर रही है। वह कहती है कि युवाओं के इस आंदोलन कांग्रेस पार्टी पूरे देश में ले कर जाएगी प्रोग्राम लेकिन उनका रास्ता सत्याग्रह का होगा।
कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इसी आंदोलन के साथ-साथ अब देश के अलग-अलग राज्यों में जो स्थानीय मुद्दे हैं उनको भी एक बड़े आंदोलन के तौर पर कांग्रेस सत्याग्रह के माध्यम से आगे बढ़ाएगी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के युवाओं को बेरोजगारी के अग्निपथ पर चलने के लिए मजबूर कर दिया है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा सालों में 16 करोड़ नौकरियां देनी थी लेकिन युवाओं को पकोड़े तलने का ज्ञान दिया जाता रहा। राहुल गांधी ने देश के आज के हालातों के लिए प्रधानमंत्री को जिम्मेदार ठहराया है।
युवाओं के चल रहे आंदोलन से जुड़ने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने जन्मदिन पर किसी तरह का उत्सव मनाने की भी अपील की है। राजनीतिक विश्लेषक स्कोर कांग्रेस की रणनीति मानते हुए ज्यादा से ज्यादा लोगों से जुड़ने की एक कोशिश मान रहे हैं। राहुल गांधी ने कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और नेताओं के नाम एक संदेश जारी करते हुए कहा कि जिस देश में करोड़ों युवाओं का मन दुखी हो वहां पर आज क्योंकि भी परिस्थितियों में हम अपना जन्मदिन और उसका उत्सव नहीं मना सकते।
सिर्फ राहुल गांधी ही नहीं बल्कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश कहते हैं कि केंद्र सरकार ने पहले किसानों को अपने निशाने पर लिया उसके बाद अब जवानों को अपने निशाने पर ले रहे हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कहते हैं कि देश में बड़ी हुई महंगाई से लेकर भारतीय जनता पार्टी की लचर नीतियों के विरोध में अब पूरे देश के अलग-अलग हिस्सों में कांग्रेस पार्टी आंदोलन करने वाली है। इसके अलावा 2 अक्तूबर से कांग्रेस का एक बड़ी पदयात्रा के माध्यम से जनता से जुड़ने का आंदोलन कश्मीर से कन्याकुमारी तक भी होना तय है।