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महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी सरकार के जाते ही एनसीपी प्रमुख शरद पवार को आयकर विभाग की ओर से नोटिस भेजा गया है। यह नोटिस पुराने चुनावी हलफनामों को लेकर है। आयकर विभाग मुंबई ने अबतक नोटिस का खंडन नहीं किया है। एनसीपी के मुख्य प्रवक्ता महेश भारत तपासे ने ट्वीट कर इस बारे में जानकारी दी है।
After the change in Maharashtra Govt. @PawarSpeaks gets Income Tax notice for election affidavits of 2004/2009/2014&2020. Is it purely coincidental or something else. @NCPspeaks @PTI_News @ANI
— Mahesh Bharat Tapase महेश भारत तपासे (@maheshtapase) June 30, 2022
एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इसमें उन्होंने कहा था कि ऐसी उम्मीद नहीं थी कि एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा।
पवार ने एकनाथ शिंदे को दी बधाई
शरद पवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि मैं एकनाथ शिंदे को उनकी नई जिम्मेदारी के लिए बधाई देता हूं। उन्होंने इतनी बड़ी संख्या में विधायकों को गुवाहाटी ले जाने की ताकत दिखाई। उन्होंने लोगों को शिवसेना छोड़ने के लिए प्रेरित किया। मुझे नहीं पता कि यह पहले हुआ था या नहीं, लेकिन यह बिना तैयारी के नहीं हो सकता।
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इससे पहले एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री बनाने की घोषणा के बाद कई घंटे तक एमवीए खेमे में सन्नाटा रहा। हालांकि गुरुवार शाम में शपथ ग्रहण के बाद एनसीपी नेता शरद पवार ने बयान दिया कि शायद बागी गुट के दबाव में भाजपा को यह फैसला लेना पड़ा है। उन्होंने यह भी कहा कि शिंदे के मुख्यमंत्री बनने की उन्हें कोई उम्मीद नहीं थी।
पवार ने कहा कि मैंने एकनाथ शिंदे से बात की और बधाई दी। मैंने अपनी अपेक्षाएं भी व्यक्त कीं कि एक राज्य का मुखिया पूरे राज्य का नेतृत्व करता है, न कि केवल एक पार्टी का। आप किसी पार्टी का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं, लेकिन शपथ के बाद आप राज्य का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसलिए मुझे उम्मीद है कि वह सभी विभागों के मुद्दों को हल करने के लिए काम करेंगे। मुझे लगता है कि उद्धव ठाकरे एक बार किसी पर भरोसा करने के बाद पूरी जिम्मेदारी दे देते हैं। उन्होंने एकनाथ शिंदे पर वही भरोसा दिखाया और उन्हें विधानसभा और पार्टी की जिम्मेदारी दी। मुझे नहीं पता कि यह राजनीतिक संकट उसी का नतीजा है।
उपमुख्यमंत्री का पद स्वीकार करते हुए खुश नहीं दिख रहे थे फडणवीस, परंतु आदेश का पालन किया: पवार
शरद पवार ने दावा किया कि एकनाथ शिंदे की सरकार में उपमुख्यमंत्री का पद स्वीकार करते हुए भारतीय जनता पार्टी के नेता देवेंद्र फडणवीस खुश नहीं दिख रहे थे।पवार ने पुणे में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझे लगता है कि फडणवीस ने खुशी से नंबर दो का स्थान स्वीकार नहीं किया है। उनके चेहरे के भाव ने सब कुछ बयां कर दिया।’’
राकांपा प्रमुख ने कहा, ‘‘वह नागपुर से हैं और उन्होंने एक 'स्वयंसेवक' (आरएसएस के साथ) के रूप में काम किया है और वहां, जब कोई आदेश आता है, तो उसका पालन करना पड़ता है।’’ उन्होंने कहा कि फडणवीस ने इस 'संस्कार' के कारण ही एक कनिष्ठ पद स्वीकार किया होगा।
आयकर नोटिस को बताया 'प्रेम पत्र'
पवार ने भाजपा सरकार के तहत केंद्रीय एजेंसियों के कथित दुरुपयोग के बारे में भी बात की और दावा किया कि उन्हें 2004, 2009, 2014 और 2020 में अपने चुनावी हलफनामों के संबंध में आयकर विभाग से ‘‘प्रेम पत्र’’ प्राप्त हुए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उद्धव ठाकरे सरकार के खिलाफ बगावत करने के बाद गुवाहाटी में डेरा डाले हुए एकनाथ शिंदे गुट को उम्मीद नहीं थी कि उनके नेता उपमुख्यमंत्री से ज्यादा कुछ बनेंगे।
पवार ने कहा, ‘‘हालांकि भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा आदेश दिए जाने के बाद, शिंदे को मुख्यमंत्री का पद दिया गया। किसी को इसके बारे में कोई जानकारी नहीं थी। मुझे लगता है कि शिंदे को खुद कोई जानकारी नहीं थी। दूसरा आश्चर्य, जो मुझे नहीं लगता कि वास्तव में एक आश्चर्य है, वह यह है कि देवेंद्र फडणवीस, जिन्होंने पांच साल तक मुख्यमंत्री और फिर विपक्ष के नेता के रूप में काम किया, को केंद्रीय नेतृत्व के निर्देशों का पालन करते हुए उपमुख्यमंत्री का पद लेना पड़ा।’’ उन्होंने कहा कि पहले भी इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं।
पवार ने शिवसेना के बागी विधायकों के इस दावे को भी खारिज किया कि राकांपा और कांग्रेस के साथ शिवसेना का गठजोड़ उनके विद्रोह का प्राथमिक कारण था। उन्होंने कहा, ‘‘यह आरोप निराधार है। इसका राकांपा और कांग्रेस से कोई संबंध नहीं है। लोगों को (बहाने के रूप में) कुछ बताना होगा, इसलिए राकांपा और कांग्रेस को दोषी ठहराया जा रहा है।’’विज्ञापन विज्ञापन रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे|
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