भारत और पाकिस्तान ने रविवार को एक दूसरे की जेलों में बंद भारतीय कैदियों की सूची सौंपी है। इस सूची को इस्लामाबाद और नई दिल्ली के बीच 21 मई, 2008 को हुए समझौते के मुताबिक साझा किया गया है। इस समझौते के तहत हर साल एक जुलाई और एक जनवरी को कैदियों की सूची का आदान-प्रदान किया जाता है।
भारतीय विदेश मंत्रालय से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक पाकिस्तान ने 53 भारतीय नागरिक और 418 मछुआरों उनकी कैद में हैं, जिन्हें पाकिस्तानी जल सीमा में कथित तौर पर गैर-कानूनी ढंग से घुस जाने पर गिरफ्तार किया गया था।
भारत सरकार ने नागरिक कैदियों, भारतीय सैन्य कर्मिय़ों और मछुआरों को उनकी नावों के साथ जल्दी छोड़े जाने की आवश्यकता पर जोर दिया है। इस संदर्भ में, भारत ने पाकिस्तान से 9 भारतीय नागरिक कैदियों और 229 भारतीय मछुआरों की रिहाई में तेजी लाने के लिए कहा था, जो अपनी सजा पूरी कर चुके हैं और जिनकी राष्ट्रीयता की पुष्टि हो चुकी है। साथ ही, भारत ने बाकी कैदियों और मछुआरों को तत्काल छोड़े जाने और स्वदेश वापसी के लिए तुरंत कांसुलर पहुंच देने की मांग की है।
भारत पहले ही पाकिस्तान के साथ मानवीय मुद्दों को मद्देनजर रखते हुए बुजुर्गों, महिलाओं और मानसिक रूप से अस्वस्थ कैदियों तक पहुंच बनाने के लिए भारतीय चिकित्सा विशेषज्ञों की टीम का विवरण पहले ही साझा कर चुका है। इसके अलावा पाकिस्तान से यह भी अनुरोध किया गया है कि भारतीय मछुआरों और उनकी नौकाओं की स्वदेश वापसी सुनिश्चित करने के लिए मछुआरों के प्रतिनिधियों को यात्रा की अनुमति दे।
भारत और पाकिस्तान ने रविवार को एक दूसरे की जेलों में बंद भारतीय कैदियों की सूची सौंपी है। इस सूची को इस्लामाबाद और नई दिल्ली के बीच 21 मई, 2008 को हुए समझौते के मुताबिक साझा किया गया है। इस समझौते के तहत हर साल एक जुलाई और एक जनवरी को कैदियों की सूची का आदान-प्रदान किया जाता है।
भारतीय विदेश मंत्रालय से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक पाकिस्तान ने 53 भारतीय नागरिक और 418 मछुआरों उनकी कैद में हैं, जिन्हें पाकिस्तानी जल सीमा में कथित तौर पर गैर-कानूनी ढंग से घुस जाने पर गिरफ्तार किया गया था।
भारत सरकार ने नागरिक कैदियों, भारतीय सैन्य कर्मिय़ों और मछुआरों को उनकी नावों के साथ जल्दी छोड़े जाने की आवश्यकता पर जोर दिया है। इस संदर्भ में, भारत ने पाकिस्तान से 9 भारतीय नागरिक कैदियों और 229 भारतीय मछुआरों की रिहाई में तेजी लाने के लिए कहा था, जो अपनी सजा पूरी कर चुके हैं और जिनकी राष्ट्रीयता की पुष्टि हो चुकी है। साथ ही, भारत ने बाकी कैदियों और मछुआरों को तत्काल छोड़े जाने और स्वदेश वापसी के लिए तुरंत कांसुलर पहुंच देने की मांग की है।
भारत पहले ही पाकिस्तान के साथ मानवीय मुद्दों को मद्देनजर रखते हुए बुजुर्गों, महिलाओं और मानसिक रूप से अस्वस्थ कैदियों तक पहुंच बनाने के लिए भारतीय चिकित्सा विशेषज्ञों की टीम का विवरण पहले ही साझा कर चुका है। इसके अलावा पाकिस्तान से यह भी अनुरोध किया गया है कि भारतीय मछुआरों और उनकी नौकाओं की स्वदेश वापसी सुनिश्चित करने के लिए मछुआरों के प्रतिनिधियों को यात्रा की अनुमति दे।