भरवाईं (ऊना)। चिंतपूर्णी क्षेत्र की घंघरेट गांव की एक साल में तस्वीर बदल गई है। स्थानीय पंचायत प्रधान वीरेंद्र शर्मा ने अपने एक साल के कार्यकाल में विकास कार्यों को गति देने में कामयाब रहे हैं। जिला ऊना के आखिरी व कांगड़ा सीमा के साथ लगते गांव घंघरेट में डीसी ऊना राघव शर्मा भी दौरा कर विकास कार्यों का निरीक्षण कर चुके हैं।
प्रधान वीरेंद्र शर्मा ने बताया कि विकास कार्यों को लेकर डीसी राघव शर्मा व विधायक बलबीर चौधरी की ओर से लगातार सहयोग मिल रहा है।
डीसी ऊना ने श्मशान घाट के लिए छह लाख की राशि स्वीकृत दी है। लोहार बस्ती रास्ते पर 22 लाख रुपये की धनराशि और टोसे बस्ती के रास्ते के लिए चार लाख रुपये की राशि स्वीकृत करवाई गई। खंडहर हो चुके पटवारखाने को असुरक्षित घोषित करवा नए पटवार घर के लिए दस लाख की राशि स्वीकृत करवाई गई।
गांव की छह गरीब लड़कियों की शादी के लिए चिंतपूर्णी मंदिर ट्रस्ट से नब्बे हजार की सहायता राशि दिलाई गई। उन्होंने कहा कि सभी वार्ड सदस्यों और ग्रामीणों के सहयोग से पंचायत को आर्दश पंचायत बनाना ही उनका लक्ष्य है।
भरवाईं (ऊना)। चिंतपूर्णी क्षेत्र की घंघरेट गांव की एक साल में तस्वीर बदल गई है। स्थानीय पंचायत प्रधान वीरेंद्र शर्मा ने अपने एक साल के कार्यकाल में विकास कार्यों को गति देने में कामयाब रहे हैं। जिला ऊना के आखिरी व कांगड़ा सीमा के साथ लगते गांव घंघरेट में डीसी ऊना राघव शर्मा भी दौरा कर विकास कार्यों का निरीक्षण कर चुके हैं।
प्रधान वीरेंद्र शर्मा ने बताया कि विकास कार्यों को लेकर डीसी राघव शर्मा व विधायक बलबीर चौधरी की ओर से लगातार सहयोग मिल रहा है।
डीसी ऊना ने श्मशान घाट के लिए छह लाख की राशि स्वीकृत दी है। लोहार बस्ती रास्ते पर 22 लाख रुपये की धनराशि और टोसे बस्ती के रास्ते के लिए चार लाख रुपये की राशि स्वीकृत करवाई गई। खंडहर हो चुके पटवारखाने को असुरक्षित घोषित करवा नए पटवार घर के लिए दस लाख की राशि स्वीकृत करवाई गई।
गांव की छह गरीब लड़कियों की शादी के लिए चिंतपूर्णी मंदिर ट्रस्ट से नब्बे हजार की सहायता राशि दिलाई गई। उन्होंने कहा कि सभी वार्ड सदस्यों और ग्रामीणों के सहयोग से पंचायत को आर्दश पंचायत बनाना ही उनका लक्ष्य है।