ऊना। हिमाचल प्रदेश लिपिक वर्गीय कर्मचारी महासंघ के कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष तारा सिंह ने प्रदेश सरकार से लिपिक वर्ग का संशोधित वेतनमान तुरंत लागू करने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि एक ओर सरकार न्यायालय के आदेशानुसार राज्य में स्वतंत्र वेतन आयोग बनाने को राजी नहीं है, दूसरी ओर पंजाब वेतन आयोग की सिफारिशें लागू न करके कर्मचारियों के साथ मजाक किया जा रहा है। पंजाब सरकार ने अपने लिपिक वर्ग का विश्वास जीता है और उन्हें उचित पे-बैंड, ग्रेड-पे तथा विभिन्न भत्ते देकर उनके हितों की रक्षा की है। कर्मचारियों ने भी बढ़ चढ़कर सरकार का साथ दिया तथा उनके मिशन रिपीट को कामयाब बनाया।
उन्होंने सरकार से मांग की है कि सरकार समय रहते लिपिक वर्गीय कर्मचारियों के देय लाभ तुरंत लागू करे। उन्होंने स्वयं 11 मई को भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष एवं स्थानीय विधायक सतपाल सिंह सत्ती तथा 17 मई को लिपिक वर्गीय कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष बालक राम ठाकुर ने मुख्य सचिव को मांग पत्र सौंपा था। जिसमें राज्य सरकार को एक महीने के अंदर लिपिक वर्गीय कर्मचारियों की मांगाें को मानने का समय दिया था। लेकिन, एक माह बीत जाने के बाद भी सरकार ने इन मांगाें की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया। उन्होंने कर्मचारी नेताओं से आग्रह किया है कि वे संयुक्त सलाहकार समिति की बैठक जून में ही करवा कर पंजाब सरकार की तरह संशोधित वेतनमान प्रदेश में लागू करवाएं, जिसका दावा वह आए दिन कर रहे हैं।
ऊना। हिमाचल प्रदेश लिपिक वर्गीय कर्मचारी महासंघ के कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष तारा सिंह ने प्रदेश सरकार से लिपिक वर्ग का संशोधित वेतनमान तुरंत लागू करने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि एक ओर सरकार न्यायालय के आदेशानुसार राज्य में स्वतंत्र वेतन आयोग बनाने को राजी नहीं है, दूसरी ओर पंजाब वेतन आयोग की सिफारिशें लागू न करके कर्मचारियों के साथ मजाक किया जा रहा है। पंजाब सरकार ने अपने लिपिक वर्ग का विश्वास जीता है और उन्हें उचित पे-बैंड, ग्रेड-पे तथा विभिन्न भत्ते देकर उनके हितों की रक्षा की है। कर्मचारियों ने भी बढ़ चढ़कर सरकार का साथ दिया तथा उनके मिशन रिपीट को कामयाब बनाया।
उन्होंने सरकार से मांग की है कि सरकार समय रहते लिपिक वर्गीय कर्मचारियों के देय लाभ तुरंत लागू करे। उन्होंने स्वयं 11 मई को भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष एवं स्थानीय विधायक सतपाल सिंह सत्ती तथा 17 मई को लिपिक वर्गीय कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष बालक राम ठाकुर ने मुख्य सचिव को मांग पत्र सौंपा था। जिसमें राज्य सरकार को एक महीने के अंदर लिपिक वर्गीय कर्मचारियों की मांगाें को मानने का समय दिया था। लेकिन, एक माह बीत जाने के बाद भी सरकार ने इन मांगाें की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया। उन्होंने कर्मचारी नेताओं से आग्रह किया है कि वे संयुक्त सलाहकार समिति की बैठक जून में ही करवा कर पंजाब सरकार की तरह संशोधित वेतनमान प्रदेश में लागू करवाएं, जिसका दावा वह आए दिन कर रहे हैं।