मुबारिकपुर (ऊना)। उपमंडल अंब में उच्च न्यायालय के आदेशों को ताक पर रखकर संस्थानों के प्रचार के लिए हरे-भरे पेड़ों का सीना छलनी किया जा रहा है। मुख्य मार्गों के किनारे उगे पेड़ों में कोई ऐसा पेड़ होगा, जिस पर संस्थानों की ओर से बोर्ड न टांगे गए हों। ऐसा ही नजारा देखने को मिलता है कि ऊना वन मंडल की भरवाईं बीट के सिद्ध चलेहड़ में। यहां रोड के किनारे उगे पेड़ों पर कीलें ठोक-ठोक कर उन पर संस्थानों का प्रचार करने को बोर्ड टांगे गए हैं। हालत ऐसी है कि संस्थानों की ओर से बेरोकटोक अपने होर्र्डिंग्स और बोर्ड टांगे जा रहे हैं।
स्थानीय निवासियों में विजय भारद्वाज, पदम कुमार, राज कुमार, सुरेश कुमार, रमेश चंद और चैन सिंह का कहना है कि उच्च न्यायालय की ओर से जारी किए गए आदेशों को लागू करने के लिए वन विभाग ही संजीदा नहीं है। ऐसे में पेड़ों को सुरक्षित रखे भी तो कौन। उन्होंने कहा कि निजी संस्थाओं की ओर से किए जा रहे ऐसे कार्यों के प्रति सख्त रवैया अपनाया जाना चाहिए ताकि स्वस्थ पर्यावरण के स्रोत पेड़ों को सुरक्षित किया जा सके। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि इस मामले को संजीदगी से लिया जाए। उन्होंने कहा कि वन विभाग की सुस्त कार्य प्रणाली ऐसे लोगों पर शिकंजा कसने में नाकाम रही है, जिससे संस्थानों के हौसले बुलंद हैं। उधर, वन विभाग के रेंज अधिकारी पुरुषोत्तम लाल का कहना है कि किसी भी संस्था को सड़क किनारे उगे पेड़ों पर होर्डिंग्स लगाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। ऐसा करने वालों के खिलाफ जल्द अभियान छेड़ आवश्यक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।