ऊना। जेपी मामले में रिटायर्ड अफसरों पर हाई कोर्ट द्वारा जांच के आदेशों से ब्यूरो क्रेटस में हड़कंप की स्थिति है। रिटायरमेंट के बाद अपना काम धंधा शुरू करने वाले अन्य अफसर भी आदेशों से सहमे हुए हैं। जेपी कंपनी के मामले में विजिलेंस को उच्च न्यायालय से आदेश हुए हैं कि जांच दल रिटायरमेंट के बाद अफसरों की स्थिति पर भी रिपोर्ट तैयार करे। 31 दिसबंर 2012 तक रिपोर्ट सबमिट करनी होगी। सेवानिवृत अधिकारियों के इस फैसले से हाथ पांव फूल गए हैं। चुनावी वर्ष में कई और घपलों से परतें उधड़ने की आशंका जताई जा रही है। ऐसे में विभिन्न विभागों से सेवानिवृत अधिकारी दुविधा में हैं। सूत्र बताते हैं खनि विभाग से सेवानिवृत कुछ अफसरों ने ऊना जिले में रेत और बजरी सप्लाई के ठेके चला रखे हैं। पंजाब में क्रशरों पर प्रतिबंध से इन दिनों ऊना में रेत बजरी के ठेकेदार चांदी कूट रहे हैं। पता चला है कि ऐसे अफसरों पर भी ब्यूरो की नजर है। सूत्रों का कहना है कि ऐसे अफसर अपनी रिटायरमेंट से ठीक पहले ओहदों पर रहते हुए ठेक ों के लिए दस्तावेज तैयार करते हैं। विभाग में सेवाएं देने के कारण इन लोगों को हर पेचीदगी का भी ज्ञान रहता है। कानूनविदों की मानें तो हाई कोर्ट के जेपी कंपनी के खिलाफ हुए फैसले ने राज्यभर में रिटायर्ड अफसरों को जांच के घेरे में लिए जाने का रास्ता खोला है। अब कई रिटायर्ड अफसर भी घपलों में फंस सकते हैं। उधर, विजिलेंस एंड एंटी करप्शन ब्यूरो के एसपी प्रीतम ठाकुर ने कहा कि फिलहाल रेत बजरी के ठेकों को लेकर ब्यूरो के पास कोई शिकायत नहीं आई है। शिकायत आने पर मामले पर जांच खोली जा सकती है।
ऊना। जेपी मामले में रिटायर्ड अफसरों पर हाई कोर्ट द्वारा जांच के आदेशों से ब्यूरो क्रेटस में हड़कंप की स्थिति है। रिटायरमेंट के बाद अपना काम धंधा शुरू करने वाले अन्य अफसर भी आदेशों से सहमे हुए हैं। जेपी कंपनी के मामले में विजिलेंस को उच्च न्यायालय से आदेश हुए हैं कि जांच दल रिटायरमेंट के बाद अफसरों की स्थिति पर भी रिपोर्ट तैयार करे। 31 दिसबंर 2012 तक रिपोर्ट सबमिट करनी होगी। सेवानिवृत अधिकारियों के इस फैसले से हाथ पांव फूल गए हैं। चुनावी वर्ष में कई और घपलों से परतें उधड़ने की आशंका जताई जा रही है। ऐसे में विभिन्न विभागों से सेवानिवृत अधिकारी दुविधा में हैं। सूत्र बताते हैं खनि विभाग से सेवानिवृत कुछ अफसरों ने ऊना जिले में रेत और बजरी सप्लाई के ठेके चला रखे हैं। पंजाब में क्रशरों पर प्रतिबंध से इन दिनों ऊना में रेत बजरी के ठेकेदार चांदी कूट रहे हैं। पता चला है कि ऐसे अफसरों पर भी ब्यूरो की नजर है। सूत्रों का कहना है कि ऐसे अफसर अपनी रिटायरमेंट से ठीक पहले ओहदों पर रहते हुए ठेक ों के लिए दस्तावेज तैयार करते हैं। विभाग में सेवाएं देने के कारण इन लोगों को हर पेचीदगी का भी ज्ञान रहता है। कानूनविदों की मानें तो हाई कोर्ट के जेपी कंपनी के खिलाफ हुए फैसले ने राज्यभर में रिटायर्ड अफसरों को जांच के घेरे में लिए जाने का रास्ता खोला है। अब कई रिटायर्ड अफसर भी घपलों में फंस सकते हैं। उधर, विजिलेंस एंड एंटी करप्शन ब्यूरो के एसपी प्रीतम ठाकुर ने कहा कि फिलहाल रेत बजरी के ठेकों को लेकर ब्यूरो के पास कोई शिकायत नहीं आई है। शिकायत आने पर मामले पर जांच खोली जा सकती है।