ऊना। ऊना में एकाएक स्टांप पेपर का टोटा पड़ गया है। राजस्व, एफिडेविट, रजिस्ट्री, चरित्र प्रमाण पत्र, एग्रीमेंट, प्राइवेट तौर पर लेन देन, बैंक से कर्ज, मोबाइल सेट गुम होने पर एफआईआर दर्ज करते समय तथा अन्य कई कार्यों के लिए स्टांप पेपर की आवश्यकता पड़ती है। स्टांप पेपर की खेप खत्म होने की वजह से अधिकृत विक्रेता इनके मनमाने दाम वसूल रहे हैं। राज्य को स्टांप पेपर की सप्लाई हैदराबाद से होती है। ऊना निवासी चंदन कुमार, सुधीर, विजेंद्र शर्मा, सुदेश ठाकुर, सुदीप कालिया आदि ने बताया कि वे स्टांप पेपर खरीदने गए तो दस रुपये के स्टांप पेपर उन्हें 100-100 रुपये में तथा पांच रुपये के स्टांप पेपर 50-50 रुपये में मिले। ऊना के ट्रेजरी आफिसर करतार सिंह ने कहा कि मंगलवार को सभी अधिकृत विक्रेताओं को स्टांप पेपर मुहैया कराए गए हैं। नोडल आफिसर मंडी में बैठते हैं तथा वहां से ही ऊना को पेपरों की सप्लाई आती है। उन्होंने कहा कि हैदराबाद से सप्लाई न आने के कारण समस्या पैदा हो गई थी।
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कौन होते हैं अधिकृत विक्रेता
हर कोर्ट या तहसील परिसर में कुछ सीमित लोग स्टांप पेपर बेचने के लिए अधिकृत होते हैं। किसी बिक्रेता की मृत्यु या स्वेच्छा से काम छोड़ने पर ही किसी अन्य को ट्रेजरी आफिस की ओर से अधिकृत किया जाता है।
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निर्धारित कीमत के पेपर जरूरत
अधिवक्ता विनय सोनी कहते हैं कि कुछ मामले ऐसे हैं, जहां पांच रुपये का स्टांप पेपर लगेगा। वहां इससे अधिक कीमत के पेपर को इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। जैसे गैस कनेक्शन के लिए 20 रुपये, मोबाइल गुम होने पर एफआईआर के लिए पांच रुपये, मकान के एग्रीमेंट के लिए तीन या पांच रुपये के पेपर का ही इस्तेमाल होगा।