ऊना। जिला में गर्मी का प्रकोप चरम पर पहुंचता जा रहा है। भयंकर गर्मी से लोग बेहाल हुए जा रहे हैं। 40 डिग्री से ऊपर जा रहे पारे में स्कूली छात्र सबसे अधिक परेशान नजर आ रहे हैं। जबकि शिक्षा विभाग में एअर कंडीशन और कूलर लगाकर बैठने वाले अफसरों को छात्रों की समस्या का कोई ध्यान ही नहीं है। स्कूलों के लिए लागू की गई समय सारिणी सुबह नौ बजे से तीन बजे तक के समय में पारे का कहर छात्रों पर जमकर टूट रहा है। हालत ऐसी है कि सुबह दिन चढ़ने के साथ ही धूप अपना प्रकोप दिखाना आरंभ कर देती है। नौ बजे तक सूर्यदेव आग बरसाना आरंभ कर देते हैं। जबकि सायं तीन बजे स्कूलों को छुट्टी होने के समय भीषण गर्मी छात्रों को पशोपेश में डाले रखती है।
अभिभावकों में सुषमा देवी, शशि बाला, रमेश चंद, नरेंद्र कुमार, अजय शर्मा, सुशील कुमार, सुलोचना देवी, धर्मपाल, गुरमीत सिंह, कश्मीर सिंह का कहना है कि विभाग को स्कूलों की समय सारिणी में बदलाव करना चाहिए, जिससे छात्रों को भयंकर गर्मी से राहत मिल सके। उन्होंने मांग की है कि स्कूलों में होने वाले अवकाश को भौगोलिक परिस्थितियों के अनुरूप दिया जाना चाहिए। शेष हिमाचल के सिस्टम को ऊना में लागू नहीं किया जाना चाहिए। ऊना हिमाचल का सबसे अधिक गर्म जिला है, जहां शेष जिलों से अलग परिस्थितियां भी हैं। उन्होंने कहा कि बरसात के दिनों में छुट्टियां करना अन्य जिलों के छात्रों के लिए लाभदायक हो सकता है, लेकिन ऊना में गर्मियों में ही स्कूलों में अवकाश दिया जाना चाहिए। ऊना में पारा 40 डिग्री से पार हो चुका है, जिससे छात्रों की मुसीबतों में इजाफा होता जा रहा है। शिक्षा विभाग को फौरन इस ओर ध्यान देने की जरूरत है।
उधर उपायुक्त केआर भारती का कहना है कि इस संदर्भ में शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बात की जाएगी, जिससे छात्रों को गर्मी से राहत दिलाने के लिए उचित कदम उठाए जा सकें।