ऊना। प्रदेश का सीमांत जिला ऊना अपराध का गढ़ बनता जा रहा है। हालत ऐसी है कि पड़ोसी सूबे पंजाब के अपराधियों ने ऊना में डेरे डाले हुए हैं। इनमें लकड़ी से लेकर नशीले पदार्थों के तस्करों, चोरों और लुटेरों के लिए ऊना पहली पसंद बन चुका है। वारदाताें को अंजाम देने के बाद अपराधी वापस पंजाब की सीमाओं में घुस जाते हैं, जिसके चलते पुलिस प्रशासन के हाथ उनके गिरेबान तक नहीं पहुंच पाते हैं।
ऐसा बताया जा रहा है कि कई अपराधी जिला के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों पर माथा टेकने वाले श्रद्धालुओं की आड़ में आते हैं और वापस जाते-जाते वारदातों को अंजाम दे जाते हैं। पुलिस के लिए भी ऐसे शातिर परेशानियों का सबब बनते जा रहे हैं।
हाल ही में हरोली के लोअर बढेड़ा में हुई लूट की दो वारदातों में प्रवासी लोगों का हाथ होने के तथ्य सामने आए हैं। जिला में और भी कई स्थानों पर लूटपाट और चोरी की वारदातों में पंजाबी लोगों के हाथ होने के सबूत हाथ लगे हैं, जिनमें से कुछ पर पुलिस ने शिकंजा कसते हुए हिरासत में भी ले लिया है। लेकिन इसके बावजूद भी अपराधियों का जिला में आना लगातार जारी है। इससे लोगों में दहशत का खासा माहौल है। अभी भी कई वारदातें पुलिस के लिए सिरदर्दी बनी हुई हैं, जिनके संदर्भ में सुराग जुटाना भी बेहद मुश्किल हो चुका है।
एसपी ऊना सुमेधा द्विवेदी ने बताया कि पुलिस मामलों की छानबीन में जुटी है। उन्होंने आम लोगों से भी अपील की है कि वारदातों को रोकने के लिए पुलिस प्रशासन की मदद करें। किसी भी संदिग्ध व्यक्ति को देखते ही पुलिस को उसके बारे में सूचित करें, जिससे अपराध पर अंकुश लगाने में कामयाबी मिल सके।