मैहतपुर (ऊना)। अंतरजातीय विवाहों पर विवाहित जोड़ों को राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि का ब्राह्मण-क्षत्रिय संयुक्त मंच ने कड़ा विरोध दर्ज कराया है। सांझा मंच के ओहदेदारों ने मांग उठाई कि राज्य सरकार जल्द ही इस प्रकार की राशि देना बंद करे। अन्यथा प्रदेश भर में इस योजना के खिलाफ मुहिम छेड़ी जाएगी।
मंच के पदाधिकारियों ने शनिवार को जारी ब्यान में कहा कि राज्य सरकार युवाओं को अपनी जात से हटकर दूसरी जातियों में विवाह करवाने के लिए प्रोत्साहन नहीं, बल्कि उकसावा राशि तकसीम कर रही है। इससे समाज में आपसी भाईचारा खत्म हो रहा है और विभिन्न जातियों में आपसी कटुता को बढ़ावा मिल रहा है।
अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के प्रदेश अध्यक्ष ठाकुर सर्वजीत सिंह, जिला अध्यक्ष ठाकुर सीताराम, रिट. कर्नल महेंद्र सिंह, सुरेंद्र नोनी, ब्राह्मण सभा के मुख्य सलाहकार पंडित शंतनजीव शर्मा, जिला अध्यक्ष पंडित पीसी शर्मा, उपाध्यक्ष पंडित केडी शर्मा, महामंत्री पंडित शिवकिशोर वासुदेव, डा. केडी वशिष्ठ ने संयुक्त ब्यान में कहा कि घर से भागकर शादी करने वाले युवाओं को राज्य सरकार 25 हजार रुपये की राशि देकर क्या संदेश देना चाहती है? सांझा मंच के ओहदेदारों ने सवाल उठाया कि लाखों रुपये साल दर साल सरकार इस योजना पर बांट रही है, क्या ऐसी शादियों को उन परिवारों के बड़े बुजुर्गों ने मान्यता दी है?
सांझा मंच ने कहा कि जिन कार्यों को समाज मान्यता नहीं देता, उन कार्यों पर सरकार लाखों खर्च कर समाज में युवा पीढ़ी को भटकाव के पथ पर ले जाने का काम कर रही है। मंच के पदाधिकारियों ने दो टूक कहा कि प्रदेश में उन्हें इस प्रकार की प्रथा मंजूर नहीं हैं, जिससे युवा पीढ़ी अपनी जात बिरादरी और बड़े बुजुर्गों के संस्कारों को दरकिनार कर अपनी मनमानी से दूसरी जातियों में विवाह रचाते फिरे।