तलमेहड़ा/बंगाणा(ऊना)। कुटलैहड़ के जंगलों में चारों ओर आग ही आग फैली हुई है। हालत ऐसी है कि जंगलों में लाखों की तादात में उगे पेड़ पौधों सहित करोड़ों की वन संपदाएं जल कर राख हो चुकी हैं। लेकिन आग लगाने वाले शरारती तत्वों में से अभी तक कोई भी हत्थे नहीं चढ़ पाया है।
क्षेत्र के हरोट, कड़थोली, खैरियां, चड़ोली, चंबोआ, बुहाणा, चपलाह, राजपुरा, कैंट, कुड, प्लाहटा, त्यार और अंबेहड़ा के जंगलों की वन संपदाएं, जीवन और जंतुओं सहित कुछ जंगली जानवर भी राख हो चुके हैं। दूसरी ओर भयंकर गर्मी के बीच जंगलों की आग भी लोगों के लिए मुसीबतें बढ़ाने में सहायक सिद्ध हो रही है। इससे हजारों लोगों का जीवन बेहद कष्ट पूर्ण हो गया है।
क्षेत्र के निवासियों में नरेंद्र धीमान, सतपाल सरोह, रशपाल सिंह, विशाल राणा, सुखदेव सिंह, निक्कू राम, यशपाल, प्रीतम चंद, वतन चंद, संत राम, बलदेव सिंह, कलावती, सोहना, सुषमा देवी का कहना है कि यदि वन विभाग कड़ी कार्रवाई अमल में लाए तो आरोपी लोगों को पकड़ा जा सकता है। लेकिन विभागीय अधिकारी इस मामले में संजीदा नहीं हैं।
उधर, वन विभाग के आरओ मुनीष रामपाल का कहना है कि क्षेत्र के लोगों को आग लगाने वाले व्यक्तियों का पता ही होता है। लेकिन इस संदर्भ में कोई भी खुलकर नहीं बोलता है, जिसके चलते वनों को आग की भेंट चढ़ाने वाले लोगों का कोई पता नहीं चल पाता है। उन्होंने सख्त शब्दों में कहा है कि वनों को आग लगाने के मामले में यदि कोई पकड़ा जाता है तो उसे कतई बख्शा नहीं जाएगा।