ऊना। जिले भर से लगभग 30 ग्राम पंचायतों में मनरेगा में धांधलियां किए जाने के आरोप सामने आ चुके हैं। हालांकि शिकायतों की संख्या लगभग 100 पहुंच चुकी है। लगभग ढाई दर्जन पंचायतों के प्रधानों सहित अन्य प्रतिनिधि सरकारी धन के दुरुपयोग के आरोपों सेे घिरे हैं। इन शिकायतों में से लगभग 60 को रिट्रेस कर दिया गया है, जबकि 21 में पंचायतों के प्रतिनिधियों को पेनल्टी आदि डाली गई है। इसके अतिरिक्त 19 शिकायतों पर अभी भी मनरेगा लोकपाल जांच कर रहा है। इन शिकायतों के सामने आने से पता चलता है कि पंचायती राज संस्थाओं में सरकारी धन का दुरुपयोग किस स्तर तक किया जा रहा है। इतना ही नहीं, कई पंचायतों के प्रतिनिधि तो अपने पद के दुरुपयोग के भी आरोपों का सामना कर रहे हैं।
ग्रामीण विकास में अहम मानी जाने वाली पंचायतीराज संस्थाओं में बड़े स्तर पर अनियमितताएं बरती जा रही हैं। पिछले लगभग डेढ़ वर्ष से कार्य कर रही जिला की 235 ग्राम पंचायतों में से 30 के खिलाफ अनियमितताएं बरते जाने के आरोप सामने आए हैं। जिले की 21 पंचायतों के प्रतिनिधियों को तो दोषी ठहराए जाने के बाद पेनल्टी तक डाली जा चुकी है, लेकिन इसके बावजूद अभी तक शिकायतों का आना बदस्तूर जारी है। ऐसे में ग्रामीण विकास के लिए जारी होने वाले करोड़ों रुपये के सही प्रयोग पर भी सवालिया निशान लग गया है। उधर, लोकपाल मनरेगा शांति शर्मा ने भी माना कि ग्राम पंचायतों में अनियमितताएं बरते जाने की लगभग 100 शिकायतें मिल चुकी हैं। उन्होंने माना कि पंचायती राज संस्थाओं में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है।