ललित कश्यप
सोलन। जिले में प्री-प्राइमरी कक्षाओं के लिए स्थायी शिक्षकों की तैनाती नहीं हो पाई है। पहली से पांचवीं कक्षा को पढ़ाने वाले जेबीटी शिक्षकों पर प्री-प्राइमरी के बच्चों को पढ़ाने का अतिरिक्त भार पड़ रहा है।
इसके अलावा छोटे बच्चों की शैक्षणिक, खेलकूद समेत अन्य गतिविधियों को करवाने में भी परेशानी झेलनी पड़ रही है। कई स्कूलों में तो एक ही शिक्षक तैनात है जिससे उन्हें परेशानी झेलनी पड़ रही है। हालांकि प्री-प्राइमरी के लिए शिक्षकों की तैनाती को लेकर अधिसूचना जारी कर दी थी। लेकिन आचार संहिता के चलते यह कार्य भी रुक गया है। अब अचार संहिता के बाद ही शिक्षकों की तैनाती को लेकर आगामी कार्रवाई की होगी।
जानकारी के अनुसार प्रदेश में करीब 4,000 प्री-प्राइमरी स्कूलों में करीब 10,000 से अधिक बच्चों ने प्री-नर्सरी कक्षाओं में प्रवेश लिया है। प्री-प्राइमरी कक्षाओं का मुख्य उद्देश्य बच्चों को बुनियादी स्तर मजबूत करना है। 2018 प्री-नर्सरी शुरू करने के लिए स्कूलों का चयन हुआ था।
इसके बाद प्री-नर्सरी बच्चों के लिए मीड-डे मील से भी जोड़ा गया है। अभी तक इन स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती को लेकर कोई भी निर्णय नहीं लिया गया है। इसके चलते छोटे बच्चे अब सिर्फ स्कूल में दोपहर का भोजन खाने के लिए पहुंच रहे हैं। जिले की 765 प्राथमिक स्कूलों में से 264 में नर्सरी और केजी की कक्षाएं चल रही है। इसमें 1,164 बच्चों ने प्रवेश लिया है।
डाइट सोलन के प्रधानाचार्य एवं जिला परियोजना अधिकारी समग्र शिक्षा शिव शर्मा ने कहा कि जिले के प्राथमिक स्कूलों में जेबीटी शिक्षक प्री-प्राइमरी की भी शिक्षा दे रहे हैं। प्री-नर्सरी कक्षाओं के लिए अध्यापकों की तैनाती को अधिसूचना जारी हुई है लेकिन आचार संहिता के चलते कार्य रुका हुआ है। संवाद