पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
नालागढ़ (सोलन)। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (आरएमएसए) के तहत केंद्र से प्रदेश को आने वाली ग्रांट रुक गई है। केंद्र सरकार को प्रदेश सरकार की भेजी गई बैलेंस शीट में पूरी राशि को खर्च करके दर्शाया गया है। वास्तविकता इसके उल्ट है। उपयोगिता प्रमाण पत्र का आंकड़ा बैलेंस शीट से मेल नहीं खा रहा है। इसका खुलासा नालागढ़ में प्रधानाचार्यों की बैठक के दौरान हुआ है।
सूत्रों के मुताबिक केंद्र के पास पहुंची वित्तीय वर्ष 2009-10, 2010-11 व 2011-12 की रिपोर्टों में राशि में यह अनियमितता पकड़ी गई है। हाल ही में उच्च शिक्षा निदेशक ने भी सभी उपशिक्षा निदेशकों से बैठक की और उनसे सही तथ्यों के आधार पर शीघ्र रिपोर्टें तलब की है। उधर केंद्र ने यह तर्क देकर ग्रांट रोकी है कि ग्रांट से कार्य तो पूरे हुए हैं, लेकिन वह सही ढंग से नहीं हुए हैं। उच्च शिक्षा उपनिदेशक सोलन गुरदयाल बग्गा ने नालागढ़ में जिला भर के स्कूलों के प्रधानाचार्यों व अन्य मुखियों को बैठक के दौरान जारी दिशा निर्देशों में उन्होंने इस बात का जहां खुलासा किया। उन्होंने स्कूलों के मुखियों से आरएमएसए के तहत मिलने वाली राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र अतिशीघ्र विभागीय कार्यालय पहुंचाने के निर्देश दिए।
आरएमएसए के तहत केंद्र से मिलने वाली यह राशि प्रदेश के स्कूलों के आधारभूत ढांचा विकसित करने के लिए जारी होती है, जिससे शैक्षणिक संस्थानों की मूलभूत सुविधाओं को पूरा किया जाता है। इस राशि से जहां स्कूलों का विकास किया जाता है, वहीं शैक्षणिक संस्थानों की अपग्रेडशन का काम किया जाता है। स्कूलों में अच्छा परिवेश मिल सके। बच्चे भी अच्छे माहौल में शिक्षा ग्रहण कर सके। इस योजना के तहत सभी स्कूलों को विभिन्न ग्रांट दी जाती है, जिसका स्कूल का डीडीओ उपयोगिता प्रमाण पत्र विभाग को प्रस्तुत करता है।
नालागढ़ (सोलन)। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (आरएमएसए) के तहत केंद्र से प्रदेश को आने वाली ग्रांट रुक गई है। केंद्र सरकार को प्रदेश सरकार की भेजी गई बैलेंस शीट में पूरी राशि को खर्च करके दर्शाया गया है। वास्तविकता इसके उल्ट है। उपयोगिता प्रमाण पत्र का आंकड़ा बैलेंस शीट से मेल नहीं खा रहा है। इसका खुलासा नालागढ़ में प्रधानाचार्यों की बैठक के दौरान हुआ है।
सूत्रों के मुताबिक केंद्र के पास पहुंची वित्तीय वर्ष 2009-10, 2010-11 व 2011-12 की रिपोर्टों में राशि में यह अनियमितता पकड़ी गई है। हाल ही में उच्च शिक्षा निदेशक ने भी सभी उपशिक्षा निदेशकों से बैठक की और उनसे सही तथ्यों के आधार पर शीघ्र रिपोर्टें तलब की है। उधर केंद्र ने यह तर्क देकर ग्रांट रोकी है कि ग्रांट से कार्य तो पूरे हुए हैं, लेकिन वह सही ढंग से नहीं हुए हैं। उच्च शिक्षा उपनिदेशक सोलन गुरदयाल बग्गा ने नालागढ़ में जिला भर के स्कूलों के प्रधानाचार्यों व अन्य मुखियों को बैठक के दौरान जारी दिशा निर्देशों में उन्होंने इस बात का जहां खुलासा किया। उन्होंने स्कूलों के मुखियों से आरएमएसए के तहत मिलने वाली राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र अतिशीघ्र विभागीय कार्यालय पहुंचाने के निर्देश दिए।
आरएमएसए के तहत केंद्र से मिलने वाली यह राशि प्रदेश के स्कूलों के आधारभूत ढांचा विकसित करने के लिए जारी होती है, जिससे शैक्षणिक संस्थानों की मूलभूत सुविधाओं को पूरा किया जाता है। इस राशि से जहां स्कूलों का विकास किया जाता है, वहीं शैक्षणिक संस्थानों की अपग्रेडशन का काम किया जाता है। स्कूलों में अच्छा परिवेश मिल सके। बच्चे भी अच्छे माहौल में शिक्षा ग्रहण कर सके। इस योजना के तहत सभी स्कूलों को विभिन्न ग्रांट दी जाती है, जिसका स्कूल का डीडीओ उपयोगिता प्रमाण पत्र विभाग को प्रस्तुत करता है।