सतौन (सिरमौर)। पांवटा-शिलाई नेशनल हाईवे 12 दिन बाद भी बहाल नहीं सका है। लोग परेशान हो रहे हैं। अभी भी गिरिपार के लोगों को राहत नहीं मिल सकी है। शिलाई, टिंबी, कमरऊ, रोनहाट सहित दर्जनों गांवों के लोगों को आवाजाही के लिए परेशान होना पड़ रहा है। दैनिक खाद्य वस्तुएं समेत कई अन्य सेवाएं लोगों को समय पर नहीं मिल पा रही हैं। बुधवार को एक और हाई पावर की पोकलेन लाई गई है। चूना पत्थर की सप्लाई सुचारु रखने के लिए एक अन्य सड़क का निर्माण किया जा रहा है। सड़क का निर्माण प्रशासन की ओर से करवाया जा रहा है। इसमें स्थानीय युवा भी सहयोग कर रहे हैं। एक पुलिया का निर्माण गिरि नदी पर किया जा रहा है। ताकि, चूना पत्थर और पाउडर को सप्लाई शुरू की जा सके। खनन विभाग और प्रशासन की ओर से पुलिया और सड़क बनाने के लिए सामग्री दी गई है।
12 दिन से सतौन स्थित चूना पत्थर मंडी का कारोबार बंद पड़ा हुआ है।अभी मुख्य सड़क खुलने में तीन चार दिन लग सकते हैं। भटरोग संपर्क मार्ग केवल बसों और छोटी गाड़ी को आवाजाही के लिए रखा गया है। पत्थरों से भरे ट्रक को चलाने के लिए अलग रास्ता बन रहा है। एनएच-707 में भूस्खलन का दौर अभी भी जारी है। पहाड़ी को मशीनों से काटा जा रहा है। सहायक अभियंता संजय अग्रवाल ने बताया कि एनएच पर मशीनों से कार्य चला हुआ है। जल्द सड़क को खोलने को कोशिश की जा रही है।
तीन वैकल्पिक सड़कों पर हादसों का खतरा
भले ही विभाग की ओर से तीन वैकल्पिक सड़कें बनाई गई हैं। लेकिन, इन सड़कों पर हादसों का खतरा लगातार बना हुआ है। बसों के लिए गिरि नदी से बनाए गए वैकल्पिक मार्ग पर हमेशा जाम की स्थिति बनी रहती है। वहीं, मालगी और पुरूवाला संपर्क मार्गों को जोडने के लिए बनाए गए वैकल्पिक मार्ग पर हादसों का खतरा बना हुआ है।
सतौन (सिरमौर)। पांवटा-शिलाई नेशनल हाईवे 12 दिन बाद भी बहाल नहीं सका है। लोग परेशान हो रहे हैं। अभी भी गिरिपार के लोगों को राहत नहीं मिल सकी है। शिलाई, टिंबी, कमरऊ, रोनहाट सहित दर्जनों गांवों के लोगों को आवाजाही के लिए परेशान होना पड़ रहा है। दैनिक खाद्य वस्तुएं समेत कई अन्य सेवाएं लोगों को समय पर नहीं मिल पा रही हैं। बुधवार को एक और हाई पावर की पोकलेन लाई गई है। चूना पत्थर की सप्लाई सुचारु रखने के लिए एक अन्य सड़क का निर्माण किया जा रहा है। सड़क का निर्माण प्रशासन की ओर से करवाया जा रहा है। इसमें स्थानीय युवा भी सहयोग कर रहे हैं। एक पुलिया का निर्माण गिरि नदी पर किया जा रहा है। ताकि, चूना पत्थर और पाउडर को सप्लाई शुरू की जा सके। खनन विभाग और प्रशासन की ओर से पुलिया और सड़क बनाने के लिए सामग्री दी गई है।
12 दिन से सतौन स्थित चूना पत्थर मंडी का कारोबार बंद पड़ा हुआ है।अभी मुख्य सड़क खुलने में तीन चार दिन लग सकते हैं। भटरोग संपर्क मार्ग केवल बसों और छोटी गाड़ी को आवाजाही के लिए रखा गया है। पत्थरों से भरे ट्रक को चलाने के लिए अलग रास्ता बन रहा है। एनएच-707 में भूस्खलन का दौर अभी भी जारी है। पहाड़ी को मशीनों से काटा जा रहा है। सहायक अभियंता संजय अग्रवाल ने बताया कि एनएच पर मशीनों से कार्य चला हुआ है। जल्द सड़क को खोलने को कोशिश की जा रही है।
तीन वैकल्पिक सड़कों पर हादसों का खतरा
भले ही विभाग की ओर से तीन वैकल्पिक सड़कें बनाई गई हैं। लेकिन, इन सड़कों पर हादसों का खतरा लगातार बना हुआ है। बसों के लिए गिरि नदी से बनाए गए वैकल्पिक मार्ग पर हमेशा जाम की स्थिति बनी रहती है। वहीं, मालगी और पुरूवाला संपर्क मार्गों को जोडने के लिए बनाए गए वैकल्पिक मार्ग पर हादसों का खतरा बना हुआ है।