नाहन (सिरमौर)। जिला की सड़कों की माली हालत ठीक नहीं है। लिहाजा ऐसे सड़क मार्गों पर लंबी बसों को चलाना घातक है। नाहन स्थित परिवहन विभाग के क्षेत्रीय प्रबंधक उत्तम सिंह ने ऐसी आशंका व्यक्त की है। हाल ही में कई छात्रों तथा बुद्धिजीवियों ने यह प्रशभन एचआरटीसी के सामने रखा था कि कई इलाकों में यात्रियों की संख्या बेहद होने के कारण बसें छोटी पड़ रही हैं। यही नहीं इसका सबसे बड़ा खामियाजा स्कूल तथा कालेज जाने वाले दर्जनों छात्र छात्राओं को भी भुगतना पड़ रहा है।
इस मामले में कई ग्रामीण छात्रों ने अपनी समस्या उपायुक्त सिरमौर के समक्ष भी रखी थी। मगर विभाग फिलहाल लंबी बसों को प्रायोजित करने के मूड में नहीं है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एचआरटीसी ने कुछ मार्गों पर 37 सीटर बसों के स्थान पर 47 सीटर बसों को चलाने की योजना बनाई थी। इसके लिए बाकायदा ट्रायल भी किए गए थे। मगर सड़क मार्गों की हालत तकनीकी रूप से फिट नहीं बैठ पाने के कारण विभाग ने अपने हाथ पीछे खींच दिए हैं।
नाहन स्थित एचआरटीसी के क्षेत्रीय प्रबंधक उत्तम सिंह ने कहा है कि ग्रामीण रूटों पर लंबी बसों का चलाने का तकनीकी पेंच सामने आ रहा है। फिलहाल छोटी बसों को सराहां, रेणुका तथा शिलाई क्षेत्रों में अधिक चलाया जा रहा है। बावजूद इसके नाहन के कुछ क्षेत्रों में लंबी बसें चलाना प्रस्तावित तो है, मगर तकनीकी रूप से यह असंभव बन रहा है।
नाहन (सिरमौर)। जिला की सड़कों की माली हालत ठीक नहीं है। लिहाजा ऐसे सड़क मार्गों पर लंबी बसों को चलाना घातक है। नाहन स्थित परिवहन विभाग के क्षेत्रीय प्रबंधक उत्तम सिंह ने ऐसी आशंका व्यक्त की है। हाल ही में कई छात्रों तथा बुद्धिजीवियों ने यह प्रशभन एचआरटीसी के सामने रखा था कि कई इलाकों में यात्रियों की संख्या बेहद होने के कारण बसें छोटी पड़ रही हैं। यही नहीं इसका सबसे बड़ा खामियाजा स्कूल तथा कालेज जाने वाले दर्जनों छात्र छात्राओं को भी भुगतना पड़ रहा है।
इस मामले में कई ग्रामीण छात्रों ने अपनी समस्या उपायुक्त सिरमौर के समक्ष भी रखी थी। मगर विभाग फिलहाल लंबी बसों को प्रायोजित करने के मूड में नहीं है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एचआरटीसी ने कुछ मार्गों पर 37 सीटर बसों के स्थान पर 47 सीटर बसों को चलाने की योजना बनाई थी। इसके लिए बाकायदा ट्रायल भी किए गए थे। मगर सड़क मार्गों की हालत तकनीकी रूप से फिट नहीं बैठ पाने के कारण विभाग ने अपने हाथ पीछे खींच दिए हैं।
नाहन स्थित एचआरटीसी के क्षेत्रीय प्रबंधक उत्तम सिंह ने कहा है कि ग्रामीण रूटों पर लंबी बसों का चलाने का तकनीकी पेंच सामने आ रहा है। फिलहाल छोटी बसों को सराहां, रेणुका तथा शिलाई क्षेत्रों में अधिक चलाया जा रहा है। बावजूद इसके नाहन के कुछ क्षेत्रों में लंबी बसें चलाना प्रस्तावित तो है, मगर तकनीकी रूप से यह असंभव बन रहा है।