सुंदरनगर (मंडी)। न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी सुंदरनगर रणजीत सिंह की अदालत ने भाभी की अस्मत पर हाथ डालने तथा जान से मारने की धमकी देने के आरोपी जेठ को दोषी करार देते हुए एक साल के साधारण कारावास तथा चार हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। साथ ही पीड़िता को 4500 रुपये मुआवजा देना होगा। जुर्माना न भरने की स्थिति में दोषी को चार माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी।
कसमेहड़ा गांव की रहने वाली महिला 16 मार्च 2009 को सुबह करीब नौ बजे जंगल में भेड़-बकरियां चराने गई हुई थी। कुछ समय बाद उसका जेठ चरणदास उर्फ नंदलाल भी वहां अपने मवेशी चराने के लिए ले आया। ग्यारह बजे के करीब चरणदास ने काम के बहाने अपनी भाभी को अपने पास बुलाया। महिला के पास पहुंचने पर चरणदास ने उसे बाजू से पकड़ कर छेड़छाड़ शुरू कर दी तथा उसकी अस्मत लूटने की कोशिश की। बाद में उसे जान से मारने की धमकी भी दी। महिला के शोर मचाने पर कुछ दूरी पर अपने मवेशी चरा रही एक अन्य महिला मौके पर पहुंची। उसके बाद आरोपी वहां से फरार हो गया। पीड़िता ने घर पहुंच कर आपबीती अपने पति व पंचायत उपप्रधान को बताई। महिला के पति ने पुलिस थाना सुंदरनगर में पहुंच कर अपने बड़े भाई चरणदास के विरुद्ध मामला दर्ज करवाया था। पुलिस ने भादसं की धारा 354, 326 व 506 के तहत छेड़छाड़, मारपीट और जान से मारने की धमकी देने का मामला दर्ज कर आरोपी के विरुद्ध कोर्ट में अभियोग चलाया था। अभियोग के दौरान अभियोजन पक्ष की तरफ से छह गवाह पेश किए गए। गवाहों के बयानों के आधार पर न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी सुंदरनगर रणजीत सिंह ने वीरवार को चरणदास को दोषी करार देते हुए भादसं की धारा 354 में छेड़छाड़ के दोष में एक साल साधारण कारावास और 3 हजार जुर्माने की सजा सुनाई। धारा 326 व 506 के तहत छह-छह माह कैद तथा एक हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष के तरफ से मामले की पैरवी अतिरिक्त जिला न्यायवादी कुलभूषण गौतम ने क ी।
सुंदरनगर (मंडी)। न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी सुंदरनगर रणजीत सिंह की अदालत ने भाभी की अस्मत पर हाथ डालने तथा जान से मारने की धमकी देने के आरोपी जेठ को दोषी करार देते हुए एक साल के साधारण कारावास तथा चार हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। साथ ही पीड़िता को 4500 रुपये मुआवजा देना होगा। जुर्माना न भरने की स्थिति में दोषी को चार माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी।
कसमेहड़ा गांव की रहने वाली महिला 16 मार्च 2009 को सुबह करीब नौ बजे जंगल में भेड़-बकरियां चराने गई हुई थी। कुछ समय बाद उसका जेठ चरणदास उर्फ नंदलाल भी वहां अपने मवेशी चराने के लिए ले आया। ग्यारह बजे के करीब चरणदास ने काम के बहाने अपनी भाभी को अपने पास बुलाया। महिला के पास पहुंचने पर चरणदास ने उसे बाजू से पकड़ कर छेड़छाड़ शुरू कर दी तथा उसकी अस्मत लूटने की कोशिश की। बाद में उसे जान से मारने की धमकी भी दी। महिला के शोर मचाने पर कुछ दूरी पर अपने मवेशी चरा रही एक अन्य महिला मौके पर पहुंची। उसके बाद आरोपी वहां से फरार हो गया। पीड़िता ने घर पहुंच कर आपबीती अपने पति व पंचायत उपप्रधान को बताई। महिला के पति ने पुलिस थाना सुंदरनगर में पहुंच कर अपने बड़े भाई चरणदास के विरुद्ध मामला दर्ज करवाया था। पुलिस ने भादसं की धारा 354, 326 व 506 के तहत छेड़छाड़, मारपीट और जान से मारने की धमकी देने का मामला दर्ज कर आरोपी के विरुद्ध कोर्ट में अभियोग चलाया था। अभियोग के दौरान अभियोजन पक्ष की तरफ से छह गवाह पेश किए गए। गवाहों के बयानों के आधार पर न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी सुंदरनगर रणजीत सिंह ने वीरवार को चरणदास को दोषी करार देते हुए भादसं की धारा 354 में छेड़छाड़ के दोष में एक साल साधारण कारावास और 3 हजार जुर्माने की सजा सुनाई। धारा 326 व 506 के तहत छह-छह माह कैद तथा एक हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष के तरफ से मामले की पैरवी अतिरिक्त जिला न्यायवादी कुलभूषण गौतम ने क ी।