नगवाईं (मंडी)। भारी बारिश से ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ने के साथ ही पानी में काफी मात्रा में सिल्ट आ रही है। इसके चलते पंडोह और लारजी डैम से पानी छोड़ा जा रहा है। डैम से पानी छोड़ने के कारण प्रशासन की ओर से निचले तटीय इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। अलर्ट के चलते नदी के तटों पर रहने वाले प्रवासी लोगों को हटाया गया है।
ब्यास नदी का पानी खतरे के निशान तक पहुंचने वाला है। सोमवार को पंडोह डैम से 27,735 क्यूसिक पानी छोड़ा गया। लारजी डैम से 24,850 क्यूसिक पानी छोड़ा गया। नदी में भारी मात्रा में सिल्ट आने के कारण लारजी जलविद्युत परियोजना में बिजली उत्पादन प्रभावित हो रहा है।
पंडोह डैम के डिप्टी चीफ इंजीनियर एमएल गुप्ता का कहना है कि सोमवार को ब्यास नदी का इनफ्लो 27,735 क्यूसिक था। पानी में काफी सिल्ट होने से फ्लशिंग के लिए पानी छोड़ा गया है। नदी में जितना इनफ्लो आगे से है, वहीं पानी छोड़ा जा रहा है। लारजी डैम के रेजीडेंट इंजीनियर एमआर अत्री ने बताया कि ब्यास नदी में 24,850 क्यूसिक पानी छोड़ा गया। पानी में काफी सिल्ट आने से विद्युत उत्पादन भी रोकना पड़ रहा है।
हालांकि, ब्यास नदी में पानी छोड़ने से तटीय इलाकों में किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं है लेकिन नदी का जलस्तर खतरे के निशान को छूने लगा है। अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी पंकज राय ने भारी बारिश से ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ने पर लोगों का नदी के किनारे न जाने का आह्वान किया है।
नगवाईं (मंडी)। भारी बारिश से ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ने के साथ ही पानी में काफी मात्रा में सिल्ट आ रही है। इसके चलते पंडोह और लारजी डैम से पानी छोड़ा जा रहा है। डैम से पानी छोड़ने के कारण प्रशासन की ओर से निचले तटीय इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। अलर्ट के चलते नदी के तटों पर रहने वाले प्रवासी लोगों को हटाया गया है।
ब्यास नदी का पानी खतरे के निशान तक पहुंचने वाला है। सोमवार को पंडोह डैम से 27,735 क्यूसिक पानी छोड़ा गया। लारजी डैम से 24,850 क्यूसिक पानी छोड़ा गया। नदी में भारी मात्रा में सिल्ट आने के कारण लारजी जलविद्युत परियोजना में बिजली उत्पादन प्रभावित हो रहा है।
पंडोह डैम के डिप्टी चीफ इंजीनियर एमएल गुप्ता का कहना है कि सोमवार को ब्यास नदी का इनफ्लो 27,735 क्यूसिक था। पानी में काफी सिल्ट होने से फ्लशिंग के लिए पानी छोड़ा गया है। नदी में जितना इनफ्लो आगे से है, वहीं पानी छोड़ा जा रहा है। लारजी डैम के रेजीडेंट इंजीनियर एमआर अत्री ने बताया कि ब्यास नदी में 24,850 क्यूसिक पानी छोड़ा गया। पानी में काफी सिल्ट आने से विद्युत उत्पादन भी रोकना पड़ रहा है।
हालांकि, ब्यास नदी में पानी छोड़ने से तटीय इलाकों में किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं है लेकिन नदी का जलस्तर खतरे के निशान को छूने लगा है। अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी पंकज राय ने भारी बारिश से ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ने पर लोगों का नदी के किनारे न जाने का आह्वान किया है।