सरकाघाट (मंडी)। वर्क रूल के तहत मांगाें को लेकर हड़ताल पर डटे चालक-परिचालक एवं कर्मशाला कर्मचारियों ने शनिवार को स्थानीय बस अड्डे पर चक्का जाम किया। इस दौरान परिवहन मंत्री तथा निगम प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। इसके पश्चात संघर्ष समिति की गेट मीटिंग हुई। अपने संबोधन में संघर्ष समिति अध्यक्ष कुलवंत सिंह ने कहा कि निगम की माली हालत, बढ़ती देनदारियाें और घाटे को लेकर दिन-रात ड्यूटी देने वाले कर्मियों को ही दोषी ठहराया जा रहा है। जबकि घाटे को लेकर मंत्री और आला अधिकारी खुद जिम्मेवार हैं।
उन्हाेंने कहा कि वोट बैंक बढ़ाने के लिए निगम को घाटे के दलदल में धकेला जा रहा है। संघर्ष समिति ने पिछले पांच दिनों से रोजाना हजारों सवारियों की समस्याओं के लिए विभागीय मंत्री तथा प्रबंधन को जिम्मेवार ठहराया। निगम कर्मियों की हड़ताल के चलते सरकाघाट डिपो के 28 बस रूट रोजाना प्रभावित चल रहे हैं। इससे एक ओर जहां निगम को घाटा उठाना पड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर हजारों सवारियाें, स्कूली बच्चों, कर्मचारियों की मुश्किलें भी बढ़ गई हैं।
कुलवंत सिंह ने कहा कि संघर्ष समिति ने समय रहते मांगाें को लेकर निगम को अल्टीमेटम दिया था। लेकिन सरकार की उदासीनता के चलते निगम कर्मियों की समस्याओं को लगातार नजरअंदाज किया गया। इस अवसर पर विभिन्न यूनियनों के सदस्य तामेश्वर राम, बृज लाल, हरवंश लाल, राजकुमार, राकेश कुमार आदि ने भी विचार रखे। गेट मीटिंग के दौरान भी निगम के कर्मियों ने अपनी मांगों को लेकर प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी जारी रखी।